भीमताल के ऐतिहासिक हरेला मेले की शुरुआत, 6 दिन तक दिखेगी कुमाउंनी संस्कृति की झलक

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Jul 17, 2025 - 00:27
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भीमताल के ऐतिहासिक हरेला मेले की शुरुआत, 6 दिन तक दिखेगी कुमाउंनी संस्कृति की झलक

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रैबार डेस्क: रामलीला मैदान मल्लीताल में भीमताल का ऐतिहासिक हरेला महोत्सव शुरू हो गया है। इस महोत्सव का शुभारंभ नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किया, जो 21 जुलाई तक चलेगा। इस महोत्सव का उद्देश्य कुमाउंनी संस्कृति को प्रमोट करना और स्थानीय लोगों को उनके सांस्कृतिक धरोहर से जोडऩा है।

हरेला महोत्सव का महत्व

हरेला महोत्सव का विशेष महत्व है क्योंकि यह स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहाँ वे अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों का प्रदर्शन करते हैं। हरेला महोत्सव के दौरान स्थानीय महिलाएं कुमाऊनी पोशाक में सजती हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं। इस वर्ष भी, महोत्सव की शुरुआत हनुमान मंदिर मल्लीताल में हरेला चढ़ाने के साथ हुई, जिसमें बहुत सारे स्थानीय लोग शामिल हुए।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और वृक्षारोपण अभियान

हिमालय की सुरम्य वादियों में बसे इस हरेला महोत्सव में स्थानीय महिलाओं द्वारा पारंपरिक नृत्य और संगीत के आयोजन के साथ-साथ रंग बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अच्छा इंतजाम किया गया है। महोत्सव के दौरान व्यापक वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें स्थानीय जनता और स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यह पहल न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय समुदाय को एकजुट करने में भी सहायक साबित होगी।

मेला की भव्यता और आकर्षण

हरेला महोत्सव के दौरान मेले में 200 से अधिक दुकानें और झूले लगाए गए हैं। क्षेत्रीय खाद्य पदार्थों और हस्तशिल्प का प्रदर्शन इस मेले का मुख्य आकर्षण है। महोत्सव के शुभारंभ के मौके पर पूर्व विधायक संजीव आर्य, नगर पालिका अध्यक्ष सीमा टम्टा, मेला अधिकारी उप जिलाधिकारी नैनीताल नवाजे खलिक, अधिशासी अधिकारी उदयवीर सिंह एवं समस्त सभासद उपस्थित रहे।

निष्कर्ष

भीमताल का हरेला महोत्सव कुमाउंनी संस्कृति के जीवंत प्रदर्शन के साथ-साथ सामुदायिक एकता और पर्यावरण संरक्षण की भावना को भी दिखाता है। यह आयोजन न केवल स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने का अवसर प्रदान करता है बल्कि स्थानीय लोगों के लिए एक उत्सव की तरह भी कार्य करता है।

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