महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 मौतें:यूपी सरकार बोली- 30 लोग मारे गए, 60 घायल; मृतकों को 25-25 लाख का मुआवजा

प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर मंगलवार की देर रात डेढ़ बजे मची भगदड़ में 35 से 40 लोगों की मौत हो गई। हादसे के 17 घंटे बाद शाम करीब साढ़े 6 बजे उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 मौतों की पुष्टि की। DIG वैभव कृष्ण ने कहा- 60 लोग घायल भी हुए, 25 शवों की पहचान कर ली गई। इसके कुछ मिनट बाद सीएम योगी ने भी प्रतिक्रिया दी। वह काफी भावुक दिखे। उन्होंने कहा- 30 के आस-पास मौतें हुई हैं। मैं इस घटना से बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदना सभी मृतकों के परिजन के साथ है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक मदद की घोषणा की। न्यायिक जांच के आदेश भी दिए। जब हादसा हुआ, उस समय लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे। भगदड़ के बाद भास्कर रिपोर्टर सृष्टि मेडिकल कॉलेज पहुंचीं, जहां हादसे में मारे गए लोगों के शव रखे गए थे। मेडिकल कॉलेज में भास्कर रिपोर्टर ने 20 शव गिने। यहां आखिरी डेडबॉडी पर 40 नंबर लिखा था। महाकुंभ में एक और भगदड़, 5 लोगों की मौत इसके अलावा महाकुंभ में बुधवार सुबह भी भगदड़ मची। हालांकि घटना देर रात सामने आई। दरअसल, ओल्ड जीटी रोड की तरफ से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आ रहे थे। इसी बीच मुक्ति मार्ग से एक महामंडलेश्वर की गाड़ी गुजर रही थी। इसी दौरान 2-3 महिलाएं वहां गिर पड़ीं। गाड़ी महिलाओं को रौंदते हुए निकल गई। इसके बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। इसमें 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। CO रुद्र प्रताप ने बताया- यह दुर्घटना बुधवार सुबह 8 से 9 बजे के बीच में हुई। गाड़ी बैक करने के दौरान 5 लोग घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मरने वालों की शिनाख्त कराई जा रही है। पहले देखिए घटना की 3 तस्वीरें... अब सिलसिलेवार पूरी घटना पढ़िए... संगम को NSG ने अपने कब्जे में लिया संगम पर भगदड़ के बाद हालात बेकाबू होने पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। कमांडो ने जेटी के आस-पास के एरिया को अपने कब्जे में लिया। साथ ही शहर की सड़कों पर जिन सुरक्षा जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी, उन्हें संगम की ओर भेजा जाने लगा। संगम पर भीड़ को देखते हुए सुरक्षा जवानों को भी लगाया गया। डेढ़ बजे भगदड़ की सूचना मिली- एंबुलेंस स्टाफ एंबुलेंस स्टाफ के सर्वेश सिंह ने बताया- लगभग डेढ़ बजे मुझे वायरलेस पर सूचना मिली कि संगम पर भगदड़ मच गई। लोग घायल हो रहे हैं, हालात काबू में नहीं है। जल्दी मौके पर पहुंचे। सूचना मिलते ही मैं संगम पर पहुंचा। हमने 2 डेड बॉडी और एक घायल, जिसका पैर फ्रैक्चर हुआ है उसे हॉस्पिटल पहुंचाया। रात 2:30 बजे दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने अस्पताल के अंदर जाकर हालात जानें दैनिक भास्कर रिपोर्टर सृष्टि ने बताया- करीब ढाई बजे मैं हॉस्पिटल पहुंची, तो वहां संगम घाट से घायलों को लाया जा रहा था। बहुत से लोग गंभीर रूप से घायल थे। उनमें से कई के शरीर में हलचल नहीं थी। अफरा-तफरी का माहौल था। नर्स और डॉक्टर एक्टिव थे, जिन्हें फर्स्ट एड की जरूरत थी, उनका प्राथमिक इलाज किया गया। कुछ लोगों को इमरजेंसी में ले जाने की जरूरत पड़ी। बाहर पुलिस बल तैनात थी। किसी को अंदर जाने की परमिशन नहीं थी। पब्लिक और मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया गया। मैंने पुलिस से रिक्वेस्ट की कि मैं भी अपने परिजनों को ढूंढ रही हूं, फिर किसी तरह मैं अंदर गई। अंदर मैंने देखा कि घायल जैसे ही थोड़े नॉर्मल होते, उनका इलाज कर बेड खाली कराया जा रहा था। भगदड़ के 3 घंटे बाद भी आती रही एम्बुलेंस भगदड़ के 3 घंटे हो चुके थे। सुबह 5 बज गए थे। लेकिन अभी भी अस्पताल में एम्बुलेंस से घायलों को ले जाया गया। हालांकि, अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे। बराबर एम्बुलेंस आती रही। पुलिस प्रशासन ग्रीन जोन बनाकर एंबुलेंसों को निकाल रहा था। किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी जा रही थी। स्वरूप रानी अस्पताल में 14 शव लाए गए इसके बाद सुबह 6 बजे भगदड़ में घायलों को स्वरूप रानी अस्पताल लाया गया। यहां से 14 लोगों के शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया। इसके बाद 14 लोगों की मौत की जानकारी मिली। लेकिन प्रशासन अभी भी कुछ नहीं बोल रहा था। कुंभ मेला की OSD आकांक्षा राणा ने कहा- संगम नोज पर बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस घटना में कुछ लोग घायल थे, जिनका इलाज कराया गया। पीएम ने सीएम योगी से फोन पर की बात इसके बाद संगम में एंट्री बंद कर दी गई। इससे लोग आक्रोशित हो गए। लोगों का कहना था कि अगर ऐसा था तो पहले ही ऐलान कर देना चाहिए था। मेला प्रशासन ने लोगों को समझाया। सुबह ही प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले की स्थिति के बारे में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की, घटनाक्रम की समीक्षा की और तत्काल सहायता उपाय करने को कहा। पीएम मोदी ने कई बार सीएम योगी से बात की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम योगी को फोन करके भगदड़ का हाल जाना। योगी की श्रद्धालुओं से अपील- अफवाह पर ध्यान न दें सुबह 8 बजे सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से अपील की। उन्होंने कहा- मां गंगा के जो जिस घाट के समीप है, वहीं करे स्नान, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। प्रशासन के निर्देशन का अनुपालन करें। व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। भगदड़ के बाद महाकुंभ की सुरक्षा और बढ़ा दी गई। अफसर हेलिकॉप्टर से महाकुंभ की निगरानी करने लगे। महाकुंभ में भगदड़ के बाद 9 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर इमरजेंसी बैठक बुलाई। महाकुंभ में भगदड़ का मामला मानवाधिकार आयोग में दर्ज महाकुंभ में भगदड़ की जांच करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने मामला राज्य मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराया। वकील ने कहा- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। महाकुंभ में हुआ हादसा बेहद दुखद- पीएम मोदी 12 बजे पीएम मोदी न

Jan 30, 2025 - 01:00
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महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 मौतें:यूपी सरकार बोली- 30 लोग मारे गए, 60 घायल; मृतकों को 25-25 लाख का मुआवजा
प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर मंगलवार की देर रात डेढ़ बजे मची भगदड़ में 35 से 40 लोगों की मौत हो गई। ह

महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 मौतें: यूपी सरकार बोली- 30 लोग मारे गए, 60 घायल; मृतकों को 25-25 लाख का मुआवजा

महाकुंभ के दौरान हुई भयंकर भगदड़ ने देश को हिलाकर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 35 से 40 लोगों की मौत की खबरें आ रही हैं, जबकि यूपी सरकार ने पुष्टि की है कि 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना उस समय घटी जब लाखों श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए एकत्रित हुए थे। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है और इससे संबंधित सभी तैयारियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

यूपी सरकार की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दुखद घटना पर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने तत्काल राहत कार्य शुरू करने का आदेश दिया है। सरकार ने मृतकों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, जिससे परिवार को इस अपूरणीय क्षति का सामना करने में कुछ सहायता मिल सके। इसके साथ ही, घायलों को भी उचित चिकित्सा सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है।

घटना की व्याख्या

महाकुंभ का प्रतिवर्ष आयोजन एक विशाल धार्मिक उत्सव होता है और लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस बार, विशाल जनसैलाब और सुरक्षा व्यवस्था की कमी ने एक भयानक स्थिति उत्पन्न कर दी। कई लोगों ने बताया कि भगदड़ तब शुरू हुई जब श्रद्धालुओं की संख्या अचानक बढ़ गई और इससे एक मिश्रण की स्थिति उत्पन्न हो गई। घटना की गहराई में जाकर अधिकारियों का ध्यान इस पर केंद्रित करना आवश्यक है।

भविष्य की सुरक्षा उपायों पर चर्चा

इस दुर्घटना के मद्देनजर, यह जरूरी है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए ठोस सुरक्षा उपाय स्थापित किए जाएं। आपातकालीन योजनाओं का निर्माण, सुरक्षा बलों की अधिक तैनाती और उचित प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना होगा। ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सभी संबद्ध विभागों को समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है।

इस घटना ने न केवल मृतकों के परिवारों को प्रभावित किया है, बल्कि यह भारतीय समाज को भी एक गहरा सदमा देती है। समाज को इस पर विचार करना होगा कि हम भविष्य में साथी नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं।

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