नमाज में माइक की आवाज धीमी रखने की अपील:मस्जिद में टेलीस्कोप से होगी चांद की पहचान, रमजान को लेकर गाइडलाइन
फिरोजाबाद के इस्लामिक सेंटर मदीना कॉलोनी ने रमजान और होली को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सेंटर के सचिव मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी ने बताया कि 1 या 2 मार्च से रमजान का पवित्र महीना शुरू होगा। मदीना कॉलोनी की मस्जिद आयशा में टेलिस्कोप से चांद की पहचान की जाएगी। इस साल 14 मार्च को होली और जुमा एक साथ हैं। सेंटर ने युवाओं से अपील की है कि वे एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें। होली के दिन बाजारों में घूमने के बजाय मस्जिद या घर में रहकर इबादत करें। रमजान के दौरान जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करने पर जोर दिया गया है। मस्जिदों में माइक की आवाज धीमी रखने और सेहरी के समय शोर न करने की सलाह दी गई है। रमजान के आखिरी दस दिनों में एतिकाफ करने की महत्ता बताई गई है। पैनल करेगा निगरानी सेंटर ने यह भी निर्देश दिया है कि सड़कों पर रास्ता रोककर नमाज न पढ़ी जाए। रमजान हेल्प लाइन 1 मार्च से शुरू होगी, जिसकी निगरानी मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी के नेतृत्व में एक पैनल करेगा। रोजेदारों को हलाल भोजन से इफ्तार कराने पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।

नमाज में माइक की आवाज धीमी रखने की अपील: मस्जिद में टेलीस्कोप से होगी चांद की पहचान, रमजान को लेकर गाइडलाइन
नमाज के दौरान माइक की आवाज को धीमा रखने की अपील का उद्देश्य समाज में शांति और एकता बनाए रखना है। इस पहल के तहत, मौलवियों और इमामों को निर्देश दिया गया है कि वे नमाज के समय ध्वनि स्तर को नियंत्रित करें ताकि आस-पास के लोग बिना किसी बाधा के अपने कार्य कर सकें। रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ, यह अपील खासतौर पर महत्वपूर्ण हो गई है।
रमजान के दौरान चांद की पहचान
रमजान का महीना चांद के अनुसार शुरू होता है, और इस बार मस्जिद में चांद की पहचान के लिए टेलीस्कोप का उपयोग किया जाएगा। यह विधि एक पारंपरिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संयोजन है, जिससे चांद के सही समय पर दृष्टिगोचर होने की संभावना बढ़ जाती है। मस्जिद में स्थापित टेलीस्कोप का उपयोग मौलवियों द्वारा चांद की सटीक पहचान के लिए किया जाएगा, ताकि रमजान की शुरुआत के साथ ही उपवास का सही समय निर्धारित किया जा सके।
रमजान के लिए गाइडलाइन
इस साल रमजान के दौरान विशेष गाइडलाइन जारी की गई हैं। इसमें शामिल हैं: नमाज के दौरान शांति बनाए रखना, टेलीस्कोप का उचित उपयोग, और एक-दूसरे के प्रति सहिष्णुता का भाव रखना। महामारी के चलते, सामूहिक नमाज और इफ्तार के आयोजनों में सावधानी बरतने की भी सलाह दी गई है। इन गाइडलाइन्स का मकसद सभी समुदायों के लोगों के लिए रमजान का माहौल अधिक सुसज्जित और सुरक्षित बनाना है।
इन कार्यों से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि रमजान का यह महीना सभी के लिए शांति और भलाई का प्रतीक बने।
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