यूरोपीय बाजारों में गिरावट, जर्मनी का डैक्स इंडेक्स 10% टूटा:यूके का FTSE 100 इंडेक्स 5% से ज्यादा नीचे, ट्रम्प के टैरिफ का असर
एशियन मार्केट्स में 10% तक की गिरावट के बाद अब यूरोपीय बाजारों में भी गिरावट है। शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स इंडेक्स करीब 10% की गिरावट के साथ 18,489 के स्तर पर आ गया है। वहीं यूके के FTSE 100 इंडेक्स में 5% से ज्यादा की गिरावट है। उधर, अमेरिकी बाजार का डाउ फ्यूचर्स 2.68% नीचे हैं। इससे आज एक बार फिर अमेरिकी बाजार के शाम को नीचे खुलने के संकेत मिल रहे हैं। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स भी 3.30% गिरा है। टेक शेयरों के इंडेक्स नैस्डैक-100 फ्यूचर्स में 4.20% की गिरावट आई है। बाजार में गिरावट की 3 वजह हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10% टूटा, चीनी इंडेक्स भी 6.50% नीचे 9 अप्रैल से लागू होंगे रेसिप्रोकल टैरिफ अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगाया गया है। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल से लागू हो गया है। वहीं रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।

यूरोपीय बाजारों में गिरावट, जर्मनी का डैक्स इंडेक्स 10% टूटा: यूके का FTSE 100 इंडेक्स 5% से ज्यादा नीचे, ट्रम्प के टैरिफ का असर
News by indiatwoday.com
यूरोपीय बाजारों की मौजूदा स्थिति
हाल की रिपोर्टों के अनुसार, यूरोपीय बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। जर्मनी का डैक्स इंडेक्स 10% टूट गया है, जबकि यूके का FTSE 100 इंडेक्स 5% से ज्यादा नीचे गिर गया है। यह गिरावट मुख्यतः अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित नए टैरिफ नीतियों के प्रभाव के चलते हो रही है। अनुचित व्यापार नीतियों ने वैश्विक बाजारों में अशांति बढ़ा दी है, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल है।
डैक्स और FTSE 100 का विश्लेषण
डैक्स इंडेक्स, जो अधिकतर जर्मन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण टैरिफ बढ़ाने का फैसला है, जिसने निर्यात पर बुरा असर डाला है। वहीं, FTSE 100 में भी गिरावट ने संयुक्त राजशाही की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, और उसके प्रभाव से निवेशकों में भय फैल गया है। इस गिरावट का असर लम्बे समय तक बना रह सकता है, यदि स्थिति में सुधार नहीं होता।
ट्रम्प के टैरिफ नीतियों का असर
ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ का विभिन्न माध्यमों पर सुनियोजित असर पड़ा है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अमेरिका की टैरिफ नीतियाँ वैश्विक व्यापार को बाधित कर रही हैं, जिससे यूरोपीय बाजारों में स्थिरता की कमी आई है। महत्वपूर्ण वस्त्र, जैसे स्टील और एल्युमिनियम, के ऊपर टैरिफ बढ़ाने से उनकी लागत में वृद्धि की है, जिसने कंपनियों के मुनाफे पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
निवेशकों के लिए सिफारिशें
इस स्थिति में निवेशकों को अपनी निवेश रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। वे जोखिम को कम करने के लिए विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, बाजार के रुख पर नजर रखना महत्वपूर्ण है, ताकि समय पर उचित निर्णय लिए जा सकें।
हालांकि वर्तमान स्थिति चिंताजनक है, किंतु समय के साथ निवेश के अवसर भी उभर सकते हैं।
उपसंहार
यूरोपीय बाजारों में हाल की गिरावट ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। डैक्स और FTSE 100 के नीचे आने ने आर्थिक स्थिरता पर सवाल उठाए हैं। ट्रम्प के टैरिफ नीतियों के प्रभावों का मूल्यांकन करना जरूरी है ताकि भविष्य में जोखिमों से बचा जा सके। व्यवसायों और निवेशकों को इस परिवर्तनशील माहौल में अपने कदम सोच-समझकर उठाने चाहिए।
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