राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की जीत पर मुहर लगी:कमला हैरिस ने जीत का ऐलान किया; 13 दिन बाद शपथ लेंगे ट्रम्प
अमेरिका में ट्रम्प की राष्ट्रपति चुनाव में मिली जीत पर आज मुहर लग गई है। वोटों की गिनती के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रम्प को विजेता घोषित किया है। ट्रम्प की जीत 6 नवंबर को तय हो गई थी, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा आज हुई। अमेरिकी संसद कैपिटल हिल के जॉइंट सेशन में इलेक्टोरल कॉलेज के वोट गिने गए। यह प्रक्रिया उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की अध्यक्षता में हुई क्योंकि वह सीनेट की अध्यक्ष हैं। अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। ट्रम्प को इसमें जीत हासिल हुई थी। ट्रम्प को 312 इलेक्टोरल वोट्स मिले थे जबकि उनके विरोधी कमला को सिर्फ 226 इलेक्टोरल वोट्स मिले। चुनाव में जीत के लिए किसी प्रत्याशी को 270 इलेक्टोरल वोट्स चाहिए होते हैं। ट्रम्प अब 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इस महीने के अंत में होने वाले जॉइंट सेशन और ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह के लिए कैपिटल हिल के चारों तरफ बाड़ लगाई गई हैं और भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 फेज में होते हैं राज्यों के प्रतिनिधि मिलकर राष्ट्रपति चुनते हैं अमेरिका में जनता इलेक्टर्स (राज्यों के प्रतिनिधि) चुनती है। ये इलेक्टर्स पॉपुलर वोट यानी कि जनता के वोट के आधार पर चुने जाते हैं। जब जनता वोट करती है तो वह सीधे राष्ट्रपति को वोट नहीं करती है, बल्कि वह अपने राज्य के इलेक्टर्स को वोट देते हैं। कई इलेक्टर्स मिलकर ही इलेक्टोरल कॉलेज बनाते हैं। इलेक्टोरल कॉलेज ही राष्ट्रपति चुनता है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में 538 इलेक्टर्स चुने जाते हैं। सभी राज्यों से चुने गए इलेक्टर्स की संख्या अलग-अलग होती है। यहां रोचक बात यह है कि अमेरिकी चुनाव में 'विनर टेक ऑल' सिस्टम काम करता है। इसका मतलब है कि अगर किसी कैंडिडेट को एक राज्य में 50% से ज्यादा पॉपुलर वोट मिल जाते हैं, तो तो उस राज्य के तमाम इलेक्टोरल वोट उसी कैंडिडेट को मिले हुए माने जाते हैं। जैसे ट्रम्प को पेन्सिलवेनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट किया तो वहां के सारे इलेक्टर्स (19) ट्रम्प को मिल गए। इलेक्टर्स का राष्ट्रपति चुनने के अलावा कोई काम नहीं इलेक्ट्रोरल कॉलेज एक चुनावी संस्था है जो अमेरिका के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति को चुनने के लिए गठित की गई है। दिसंबर के महीने में इलेक्टोरल कॉलेज की बैठक होती है। इसमें हर राज्य के चुने हुए इलेक्ट्रर्स अपनी-अपनी काउंटी या राज्य में मिलते हैं और राष्ट्रपति के लिए औपचारिक तौर पर वोटिंग करते हैं। इलेक्टोरल वोटों को राज्य के चुनाव अधिकारी प्रमाणित करते हैं और फिर इन वोटों को कांग्रेस को भेजा जाता है। अगली 6 जनवरी को कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद में दोनों सदन (सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) इकट्ठा होते हैं। अमेरिकी सीनेट के अध्यक्ष उपराष्ट्रपति होते हैं। अभी यह पद कमला हैरिस के पास है, इसलिए वही इक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती शुरू करेंगी। उन्हें हर राज्य के चुनाव रिजल्ट्स को पढ़ने के लिए दस्तावेज मिलेगा। उपराष्ट्रपति जब इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों को पढ़ती हैं, तो उसे रिकॉर्ड भी किया जाता है। अगर यदि कोई आपत्ति उठती है, तो उसे दोनों सदनों में विचार किया जाता है। जब सभी वोटों की गिनती पूरी हो जाती है, तो यह घोषणा की जाती है कि कौन राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करना जरूरी है। अगर भारत से तुलना करें तो जैसे सांसदों के वोट से प्रधानमंत्री का चुनाव होता है, ठीक उसी तरह इलेक्टर्स के वोट से अमेरिका में राष्ट्रपति चुना जाता है। हालांकि भारत के सांसदों के उलट अमेरिका के इलेक्टर्स का राष्ट्रपति चुनने के अलावा और कोई काम नहीं है। ट्रम्प का कन्फर्मेशन, उसी दिन कैपिटल हिल हिंसा हुई इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती के बाद डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव जीतने की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। ठीक इसी दिन 4 साल पहले 2021 में जो बाइडेन को अगला राष्ट्रपति घोषित किया गया था। इसके बाद ट्रम्प समर्थकों ने वॉशिंगटन के कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया था और वहां मौजूद पुलिस से भिड़ गए थे। कई दंगाई सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए कैपिटल हिल के अंदर घुस गए और खिड़कियों के कांच तोड़ दिए। इस हिंसा में कुल 5 लोग मारे गए थे। इनमें एक कैपिटल हिल का पुलिस कर्मचारी भी था। इस हिंसा के पीछे डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान को वजह माना गया था जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों से कैपिटल हिल की तरफ कूच करने के लिए कहा था। हिंसा के बाद ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया। वे अमेरिकी इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग लाया गया। ट्रम्प ने वादा किया है वो राष्ट्रपति बनते ही कैपिटल हिंसा के 1250 से ज्यादा आरोपियों को माफ कर देंगे। शपथ से पहले जो बाइडेन से मिलने जाएंगे ट्रम्प 6 जनवरी को इलेक्ट्रोरल वोट्स की गिनती के बाद अगर डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुन लिए जाते हैं, तो वो 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ग्रहण से पहले ट्रम्प परंपरा के मुताबिक मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलने जाएंगे। ------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प को 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी:पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने का मामला, ट्रम्प बोले- यह अवैध राजनीतिक हमला अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शपथ ग्रहण से पहले नई मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। रॉयटर्स के मुताबिक ट्रम्प को पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर चुप कराने के मामले में 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। शुक्रवार को इस मामले के जज जुआन मर्चेन ने कहा कि ट्रम्प सजा सुनाए जाने के वक्त व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअली कोर्ट में पेश हो सकते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर...

राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की जीत पर मुहर लगी
हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों ने अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया है। कमला हैरिस ने आधिकारिक तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प की जीत की घोषणा की है, जो देश के 45वें राष्ट्रपति के रूप में उनकी वापसी की ओर इशारा करता है। इस चुनाव परिणाम ने जहां ट्रम्प के समर्थकों में उत्साह भर दिया है, वहीं विपक्षी दलों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है।
कमला हैरिस का ऐलान
कमला हैरिस, जो अब तक अपनी राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं, ने यह घोषणा करते हुए कहा कि लोकतंत्र की ताकत सबको एकजुट करती है और यह चुनाव अमेरिकी लोगों की आवाज को सशक्त बनाने का प्रतीक है। ट्रम्प के समर्थक अब आने वाले 13 दिनों की उल्टी गिनती कर रहे हैं, जब ट्रम्प शपथ ग्रहण करेंगे और राष्ट्रपति पद की शक्तियों को संभालेंगे।
ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल
ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल अमेरिका के लिए बड़े बदलाव ला सकता है, जिसमें आर्थिक नीतियों, सामाजिक मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार शामिल हैं। इस बार, ट्रम्प ने चुनावी अभियानों के दौरान कई प्रमुख मुद्दों को उठाया है, जैसे कि नौकरी सृजन, कर कटौती, और स्वास्थ्य देखभाल सुधार। ट्रम्प के दृष्टिकोण से, यह कार्यकाल एक अवसर है चुनौतियों का सामना करने और 'अमेरिका को फिर से महान बनाने' का।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
जबकि अमेरिका में ट्रम्प की जीत पर हर्षोल्लास है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस परिणाम को सावधानी से देख रहा है। कई देशों के नेताओं ने ट्रम्प के विजय की बधाई दी है, जबकि कुछ अन्य ने इसकी संभावित चुनौतीपूर्ण पहलुओं पर चिंता व्यक्त की है।
आने वाले दिनों में, अमेरिका की राजनीति में ट्रम्प की पुनः शुरुआत का प्रभाव व्यापक रूप से महसूस किया जाएगा। यदि आप और अधिक अपडेट्स प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया News by indiatwoday.com पर जाएं।
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