रिश्तेदारों को ढूंढने पंजाब-यूपी के 3 परिवार रशिया पहुंचे:रूस-यूक्रेन जंग में जबरदस्ती सेना में भर्ती किए गए थे, तब से कोई अता-पता नहीं
रूस यूक्रेन जंग में फंसे भारतीय युवाओं के परिवार उन्हें ढूंढने के लिए रशिया पहुंच गए हैं। उन्होंने वहां से देर रात वीडियो जारी किए और बताया कि वह अब अपने पारिवारिक सदस्यों को ढूंढेंगे। बता दें कि रूस यूक्रेन की जंग दौरान भारतीय ट्रैवल एजेंट द्वारा कुछ युवाओं को धोखे से रूस भेज फौज में भर्ती करवाया था। लेकिन पिछले कई समय से परिवारों को अपने सदस्यों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पा रही थी। इसको लेकर परिवार पिछले काफी समय से चिंतित चल रहा था। अब जालंधर और उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से गए युवाओं को ढूंढने के लिए उनके पारिवारिक सदस्य रूस पहुंच गए हैं। जालंधर के गोराया का मंदीप कुमार रूस में फंसा मिली जानकारी के अनुसार जालंधर के गोराया कस्बे का रहने वाला मंदीप कुमार रूस आर्मी में है और वहीं पर फंसा हुआ है। रूस पहुंचकर मंदीप कुमार के भाई जगदीप सिंह ने वहां से वीडियो जारी किया। जिसमें उन्होंने बताया कि इस माह की 3 तारीख को भारत से रूस के लिए चले थे। मिली जानकारी के अनुसार जगदीप अपने अन्य साथियों के साथ भारत से रूस की सीधी फ्लाइट लेकर लगभग 6 घंटे का सफर कर रूस पहुंचे थे। जिसके बाद रूस एंबेसी ने उसे एयरपोर्ट पर ही चार से पांच घंटे तक बिठा कर रखा था। उनके साथ पूछताछ के बाद उन्हें वहां से जाने दिया गया। यूपी आजमगढ़ का परिवार मामा को ढूंढने रूस पहुंचा उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से दो पारिवारिक सदस्य जगदीप सिंह के साथ अपने पारिवारिक सदस्यों को ढूंढने के लिए रूस पहुंचे हैं। आजमगढ़ के रहने वाले अजय यादव अपने मामा और अज्हमुदीन खान अपने भाई को ढूंढने के लिए वहां गए हैं। इंडियन एंबेसी को कांटेक्ट करने पर अधिकारी एंबेसी पहुंचे और रूस एंबेसी से बातचीत कर उन्हें मास्को एंटर करवाया। वह एक हॉस्टल में कमरा लेकर रह रहे है। साथ ही उन्होंने भारतीय सरकार से अपील की है कि खाने पीने से लेकर रहन सहन में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रिश्तेदारों को ढूंढने पंजाब-यूपी के 3 परिवार रशिया पहुंचे
News by indiatwoday.com
परिचय
पंजाब और उत्तर प्रदेश के तीन परिवार हाल ही में रूस पहुंचे हैं, अपने प्रियजनों को ढूंढने के प्रयास में। ये लोग रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान जबरदस्ती सेना में भर्ती किए गए थे और तभी से उनके परिवारों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। यह परिस्थिति न केवल इन परिवारों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए दिल दहलाने वाली है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव
रूस-यूक्रेन युद्ध ने लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है। इससे न केवल सैन्य स्थिति पर असर पड़ा है, बल्कि नागरिकों के लिए भी संकट उत्पन्न हो गया है। जबरदस्ती भर्ती की गई कई युवाओं के परिवारों ने अपनी आवाज उठाई है, और अब पंजाब-यूपी के ये तीन परिवार भी अपनी जानकारियां हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
परिवारों की कोशिशें
इन परिवारों ने अपने रिश्तेदारों की तलाश में लंबी यात्रा की है। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से लेकर विभिन्न मानवाधिकार संगठनों से मदद मांगी है। कुछ परिवारों का कहना है कि उन्हें अपने रिश्तेदारों की तस्वीरें भेजने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
समुदाय का समर्थन
पंजाब और उत्तर प्रदेश के इन परिवारों का समर्थन करने के लिए स्थानीय समुदाय सक्रिय है। कई संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता आगे आए हैं, जिससे सभी को आशा है कि उनके साथी जल्द ही उनके पास लौटेंगे।
निष्कर्ष
रूस में चल रही इस स्थिति ने कई परिवारों को बेचैन कर रखा है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही इन परिवारों को अपने प्रियजनों के बारे में सकारात्मक समाचार मिलेगा। हमारे पाठकों से अनुरोध है कि वे इन परिवारों की कोशिशों में सहयोग करें और उनकी आवाज को उठाएं।
इस प्रकरण से संबंधित अधिक जानकारी के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं।
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