लखनऊ में हेड कांस्टेबल ने जिम ट्रेनर को मारी टक्कर:घटना के चार महीने बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा हुआ दर्ज, जांच में जुटी में पुलिस

लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में जिम ट्रेनर ने यूपी पुलिस के हेड कॉन्सटेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़ित का आरोप है कि वूमन पॉवर लाइन के पास हेड कांस्टेबल ने बाइक में टक्कर मार दी। विरोध करने पर अपने पद का रौंब गाठने लगा। हेड कांस्टेबल की शिकायत करने थाने गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। जियामऊ गोमतीनगर निवासी जिम ट्रेनर सतीश यादव ने बताया कि 8 सितंबर की रात करीब 12 बजे दोस्त को अस्पताल से देख कर घर लौट रहे थे। रास्ते में वूमन पॉवर लाइन के पास तेज रफ्तार कार यूपी 32 ईजी 2931 ने सतीश की बाइक में टक्कर मार दी। सतीश अपनी बुलेट लेकर सड़क पर गिर गए। जिससे सतीश को चोट आई। सतीश उठकर टक्कर मारने वाले का विरोध किया तो वह खुद को यूपी पुलिस का हेड कॉस्टेबल बताकर रौंब दिखाने लगा। आरोपी बोला कि मुख्य बाल विकास सुरक्षा संगठन का हेड कांस्टेबल हूं, ज्यादा बोलोगे तो तुम्हें किसी फर्जी मुकदमें में फंसा दूंगा। इस पर सतीश गोतमपल्ली थाने में शिकायत करने गए लेकिन सुनवाई नहीं की गई। इस उन्होंने कोर्ट में अर्जी दायर कर दी। बुधवार को कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर गौतमपल्ली का कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Jan 8, 2025 - 20:55
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लखनऊ में हेड कांस्टेबल ने जिम ट्रेनर को मारी टक्कर:घटना के चार महीने बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा हुआ दर्ज, जांच में जुटी में पुलिस
लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में जिम ट्रेनर ने यूपी पुलिस के हेड कॉन्सटेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया ह

लखनऊ में हेड कांस्टेबल ने जिम ट्रेनर को मारी टक्कर

लखनऊ की सड़कों पर हाल ही में एक गंभीर घटना घटी जब एक हेड कांस्टेबल ने जिम ट्रेनर को टक्कर मार दी। यह मामला अब चार महीने बाद न्यायालय के आदेश पर फिर से सामने आया है, जिसमें पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया है। यह घटना शहर के एक व्यस्त इलाके में हुई, जिससे न केवल उस समय के आसपास मौजूद लोगों में त्रासदी फैली, बल्कि पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई।

घटना का विवरण

घटना 4 महीने पहले की है, जब हेड कांस्टेबल अपनी सरकारी वाहन में थे और जिम ट्रेनर सड़क पर जानें के प्रयास में थे। टक्कर के परिणामस्वरूप जिम ट्रेनर को गंभीर चोटें आईं, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ गई। ऐसा माना जाता है कि घटना के बाद कांस्टेबल ने स्थिति को लेकर उचित कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण मामला गंभीर हो गया।

न्यायालय का हस्तक्षेप

समुदाय की मांग के चलते,事件 पर गौर करते हुए स्थानीय न्यायालय ने पुलिस को इस मामले की उचित जांच करने के निर्देश दिए। चार महीने की न्यायिक प्रक्रिया के दौरान, उचित सबूतों और गवाहों के बयान जुटाए गए, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अब पुलिस इस मामले में संलिप्त सभी व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है।

पुलिस की जांच

इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और घटना के संबंध में सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर अनुसंधान किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा है कि किसी भी जिम्मेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी।

लखनऊ के नागरिकों ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है और उम्मीद जताई है कि न्याय जल्द मिलेगा। यह घटना समाज में सुरक्षा और पुलिसकर्मियों की छवि पर सवाल उठाने का कारण बनी है।

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सारांश

लखनऊ में हेड कांस्टेबल द्वारा एक जिम ट्रेनर को टक्कर मारने की घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज में सुरक्षा की अवधारणा को भी चुनौती दी है। न्यायालय के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। Keywords: लखनऊ में जिम ट्रेनर टक्कर, हेड कांस्टेबल टक्कर मामला, टक्कर के बाद न्यायालय, लखनऊ पुलिस जांच, जिम ट्रेनर हेड कांस्टेबल, घटना के चार महीने बाद, लखनऊ कोर्ट आदेश, जिम ट्रेनर चोट, लखनऊ न्यूज़, भारत पुलिस मामले

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