मां चामुंडा मंदिर की 10वीं वर्षगांठ पर भव्य आयोजन:दो दिवसीय कार्यक्रम में श्रृंगार, हवन और भंडारे का आयोजन, सैकड़ों भक्तों ने लिया आशीर्वाद
बुलंदशहर के गुलावठी शहर में स्थित श्री मां चामुंडा मंदिर की 10वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन मां का आलौकिक श्रृंगार किया गया और शाम को हवन का आयोजन हुआ। दूसरे दिन पूर्णाहुति के साथ भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम के यजमान नरेंद्र मित्तल रहे, जबकि पूजा-अर्चना की विधि महंत कौशल किशोर ने संपन्न कराई। यह परंपरा एक दशक पहले कुछ श्रद्धालुओं द्वारा शुरू की गई थी, जिन्होंने एक समिति का गठन कर वर्षगांठ मनाने की शुरुआत की। मां चामुंडा का यह मंदिर कई दशकों से गुलावठी और आसपास के क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। प्रतिदिन सैकड़ों भक्त यहां माता के दर्शन करने आते हैं, पिंडी को स्नान कराते हैं और दीप-धूप प्रज्ज्वलित कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। महंत कौशल किशोर के अनुसार, मां चामुंडा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं और उनके जीवन से सभी संकट दूर करती हैं।

मां चामुंडा मंदिर की 10वीं वर्षगांठ पर भव्य आयोजन
News by indiatwoday.com
भव्य समारोह का आयोजन
मां चामुंडा मंदिर ने अपनी 10वीं वर्षगांठ पर भव्य आयोजन का मेल रखा। यह आयोजन दो दिवसीय था, जिसमें भक्तों के लिए कई धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने मंदिर में पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्रृंगार और हवन का महत्व
आयोजन की शुरुआत मां चामुंडा का श्रृंगार से हुई, जिसमें विशेष वस्त्र और आभूषणों से माता की मूर्ति को सजाया गया। इसके बाद, एक भव्य हवन का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने अग्नि को आहुति दी। हवन का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक होता है, और इसका उद्देश्य शांति और समृद्धि की प्रार्थना करना है।
भंडारे का आयोजन
भव्य आयोजन का एक आकर्षण भंडारा भी था, जिसमें सैकड़ों भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। भंडारे में स्वादिष्ट भोजन के साथ-साथ अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों का भी प्रबंध किया गया जिससे भक्तों को एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त हुआ। यह श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक था, जो सभी भक्तों को जोड़ता है।
सामाजिक और धार्मिक भावना
मां चामुंडा मंदिर के 10वीं वर्षगांठ का आयोजन न केवल श्रद्धा का विषय था, बल्कि यह सामाजिक एकता और धार्मिक भावना को भी दर्शाता है। इस प्रकार के आयोजन से समाज में सद्भावना और एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है।
समाप्ति और भविष्य की योजनाएँ
आयोजन के अंत में मंदिर प्रबंधन ने आगामी वर्षों के लिए और भी बड़े कार्यक्रमों की योजना बनाई है। ये कार्यक्रम भक्तों को एकत्रित करने, धार्मिक शिक्षा प्रदान करने और समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगे।
इस भव्य आयोजन ने न केवल भक्तों को एकत्रित किया, बल्कि मां चामुंडा के प्रति श्रद्धा और समर्पण का भी प्रदर्शन किया।
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