वाराणसी टेंट सिटी के मामले में NGT की सुनवाई:3 सप्ताह में सरकारी वकील से मांगा एफिडेविट,26 मई को होगी अगली सुनवाई

वाराणसी में गंगा पार बने टेंट सिटी के मामले को लेकर दिल्ली में एनजीटी की प्रधान पीठ के समक्ष गुरुवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई है। याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि कछुआ सेंचुरी को वाराणसी में हटाकर वहां टेंट सिटी बनाने को लेकर मेरी तरफ से याचिका दायर की गई थी। इसमें कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकीलों से स्पष्ट तौर पर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए कछुआ सेंचुरी के डी नोटिफिकेशन के आदेश के बाद भी टेंट सिटी कैसे बसाई गई और अब फ्यूचर में क्या प्लान है? उन्होंने बताया कि कोई स्पष्ट जवाब न मिलने पर कोर्ट ने 3 सप्ताह के अंदर लिखित रूप से पूरी प्लानिंग स्पष्ट करते हुए एफिडेविट दाखिल करने के लिए कहा है। NGT कोर्ट में हुई सुनवाई याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा - एनजीटी कोर्ट ने इस मामले में ऑब्जर्वेशन में कहा है कि वर्ष 2000 में सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में किसी भी अभयारण्य को डीनोटिफाई करने पर रोक लगाई है, यानी बाकायदा बिना किसी सुप्रीम कोर्ट के अप्रूवल के किसी भी डी नोटिफिकेशन को फाइनल नहीं माना जाएगा, तो आपने किस आधार पर वहां बिना किसी सुप्रीम कोर्ट के अप्रूवल के कछुआ सेंचुरी को डीनोटिफाई मानते हुए आपने वहां टेंट सिटी बसाने का काम किया। सरकारी वकील से कोर्ट ने मांगा जवाब उन्होंने बताया कि इसके जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट सेंट्रल एंपावरमेंट कमेटी की तरफ से कछुआ सेंचुरी के लिए जो डीनोटिफिकेशन को रद्द कराने के लिए इसके लिए अंतरिम एप्लीकेशन सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया था। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार से और केंद्र सरकार के एडवोकेट से यह कहा है कि आखिर हमारे लिए महत्वपूर्ण सिर्फ पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश का वायलेशन इंपॉर्टेंट नहीं है और फ्यूचर में आप क्या करेंगे यह भी महत्वपूर्ण है, इसलिए टेंट सिटी का फ्यूचर में क्या प्लान है, यह बताइए? 26 मई सुनवाई की अगली तिथि याचिकाकर्ता ने बताया कि इस पर कोर्ट का कहना था कि आप इस पर एफिडेविट फाइल कीजिए इस पर क्लियर। इसका स्टेटस बताइये और रिकवरी करिये आप। फाइनली इस मामले में अब बहस होगी इस पर एनजीटी ने साफ किया है कि फाइनली 26 मई को अगली सुनवाई इस मामले में होगी।

Feb 20, 2025 - 22:00
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वाराणसी टेंट सिटी के मामले में NGT की सुनवाई

वाराणसी में टेंट सिटी के विवाद को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) की सुनवाई में एक महत्वपूर्ण विकास सामने आया है। इस मामले में NGT ने सरकारी वकील से तीन सप्ताह के अंदर एफिडेविट मांगा है। यह सुनवाई वाराणसी टेंट सिटी के निर्माण और पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर हुई है। 26 मई को इस मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।

टेंट सिटी का महत्व

वाराणसी की टेंट सिटी को तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए एक खास रुकने का स्थान माना जा रहा है। यहाँ पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की व्यवस्थाएँ की गई हैं। लेकिन, इससे स्थानीय पर्यावरण एवं स्थायीता पर प्रश्नचिन्ह उठने लगे हैं।

NGT की भूमिका और आदेश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा करना और स्थानीय पारिस्थितिकी का संरक्षण करना है। इस मामले में, NGT ने सरकारी वकील से एफिडेविट की मांग कर यह निश्चित किया है कि टेंट सिटी निर्माण प्रक्रिया मानकों का पालन करती है या नहीं। यह सुनवाई इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

अगली सुनवाई: क्या अपेक्षा करें?

26 मई को होने वाली अगली सुनवाई में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकारी वकील द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले एफिडेविट में क्या जानकारी होगी और क्या NGT इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय ले पाएगा। स्थानीय निवासी और कार्यकर्ता इस सुनवाई की करीबी नज़र रख रहे हैं।

इस प्रकार के मामलों में पारिस्थितिकी और पर्यटन को संतुलित करने की आवश्यकता है। वाराणसी की पहचान अमर है, लेकिन जब यह बनती है, तब इसकी स्थिरता को ध्यान में रखना भी आवश्यक है।

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