कड़ाके की ठंड में काली नदी में फंसी गाय:नहीं पहुंचे पालिका के जिम्मेदार, गोशाला की टीम ने लोगों की मदद से निकाला
नगर कोतवाली इलाके के न्याजूपुरा मोहल्ले में बीती रात काली नदी में फंसी एक घायल गाय को बचाने में नगर पालिका की लापरवाही सामने आई है। घटना की जानकारी रामलीला टिल्ला के निवासियों ने कूकड़ा मंडी में स्थित नंदी गोशाला ट्रीटमेंट सेंटर को दी। सूचना मिलने पर गोशाला की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय निवासियों की मदद से गाय को बाहर निकाला। काली नदी में फंसी गाय के शरीर पर कई जगह गंभीर घाव हैं और ठंडे पानी में लंबे समय तक फंसे रहने के कारण उसकी हालत नाजुक हो गई। गोशाला की टीम ने घायल गाय को तुरंत अपने केंद्र ले जाकर उपचार शुरू किया। स्थानीय निवासियों और गोशाला टीम का आरोप है कि उन्होंने इस मामले में नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों को बार-बार कॉल किया, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। स्थानीय लोगों ने इस लापरवाही को गंभीर मुद्दा बताते हुए डीएम से दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पशुओं के लिए खतरनाक हैं घटनाएं हालांकि गाय काली नदी में कैसे पहुंची, इसका पता नहीं चल सका है। लेकिन ठंड के इस मौसम में इस तरह की घटनाएं न केवल पशुओं के लिए खतरनाक हैं, बल्कि नगर पालिका की जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़े करती हैं। फिलहाल गाय का उपचार किया जा रहा है।

कड़ाके की ठंड में काली नदी में फंसी गाय
कड़ाकी ठंड के इस मौसम में जब सभी लोग अपने-अपने घरों में सुरक्षित और गर्म रहने की कोशिश कर रहे हैं, एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। काली नदी में एक गाय फंस गई थी, और इस संकट के समय पालिका के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। यह घटना लोगों की भावनाओं को छू लेने वाली है, जहाँ स्थानीय गोशाला की एक टीम ने मिलकर गाय को बचाने का काम किया। News by indiatwoday.com
घटनाक्रम और स्थानीय प्रतिक्रिया
गाय का फंसा होना न केवल उसके लिए, बल्कि उसके मालिकों के लिए भी चिंता का विषय था। ठंड की वजह से गाय को गंभीर कष्ट सहन करना पड़ रहा था। ऐसे में स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर गोशाला की टीम से संपर्क किया। गोशाला की टीम के सदस्यों ने तत्परता से कार्रवाई की और गाय को सुरक्षित निकालने के लिए आवश्यक कदम उठाए। इस घटना ने समुदायिक सहयोग की एक मिसाल पेश की।
गोशाला के प्रयास
गोशाला की टीम ने अपने कुशलता और साहस के साथ इस चुनौती का सामना किया। लोगों की भीड़ ने मिलकर गाय को बाहर निकालने में मदद की। बर्फबारी और तेज ठंड ने स्थिति को मुश्किल बना दिया था, लेकिन स्थानीय नागरिकों का सहयोग और गोशाला की टीम की मेहनत ने गाय को सुरक्षित निकाला।
पालिका की लापरवाही पर सवाल
इस घटना ने पालिका के प्रति स्थानीय लोगों में नाराजगी पैदा की है। अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचने के कारण स्थानीय नागरिकों ने सवाल उठाए हैं कि जब स्थिति इतनी गंभीर थी, तो प्रशासनिक स्तर पर क्यों कोई कदम नहीं उठाए गए?
अंत में, एक नई शुरुआत
गाय को सुरक्षित निकालने के बाद अब उसे गोशाला में रखा जाएगा, जहां उसकी देखभाल की जाएगी। यह घटना न केवल एक हृदयविदारक कहानी है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो किसी भी मुश्किल का सामना किया जा सकता है।
ऐसी घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि हमें अपनी ज़िम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए और समाज में एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।
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