विदेश मंत्रालय बोला- ब्रिटेन ने खालिस्तानियों को छूट दे रखी:जयशंकर की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों पर कार्रवाई की मांग
भारत ने ब्रिटेन के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले खालिस्तानियों पर कार्रवाई की मांग की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ब्रिटेन पर खालिस्तानी ताकतों को छूट देने का आरोप लगाया। जायसवाल ने कहा कि ब्रिटेन ने भारत की राजनयिक गतिविधियों में रुकावट डालने वालों के प्रति उदासीन रवैया दिखाया है। दरअसल बुधवार को जब जयशंकर लंदन के चैथम हाउस में एक सत्र में भाग लेने के बाद बाहर निकल रहे थे, तब एक खालिस्तान समर्थक बैरिकेड्स तोड़कर विदेश मंत्री के कार के सामने आ गया था। इसके अलावा कई खालिस्तानी, भारत विरोधी नारे भी लगा रहे थे। इस दौरान उन्होंने भारत के झंडे को भी फाड़ा। जायसवाल ने बताया कि इस मुद्दे के ब्रिटेन के अधिकारियों के सामने उठाया गया है। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने भी इस घटना की निंदा की है। पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं विदेशों में खालिस्तान समर्थक पहले भी भारत विरोधी गतिविधियां करते रहे हैं। ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में भारतीय दूतावासों के बाहर ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिन पर भारत सरकार पहले ही विरोध जता चुकी है। खालिस्तान समर्थकों के भारत विरोध से जुड़ी हाल की 3 घटनाएं… ब्रिटेन के सिनेमाघरों में फिल्म की स्क्रीनिंग रुकवाई तारीख: 23 जनवरी, 2025 ब्रिटेन के कई सिनेमाघरों में कंगना रनौट की फिल्म ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग चल रही थी। इस दौरान नकाब पहने कुछ खालिस्तानी हॉल में घुस गए। उन्होंने खालिस्तानी नारे लगाते हुए फिल्म की स्क्रीनिंग रुकवा दी। यह मामला ब्रिटेन की संसद तक उठा। भारत ने भी इस घटना को लेकर विरोध जताया। पूरी खबर यहां पढ़ें… कनाडा में हिंदू मंदिर पर खालिस्तानियों का हमला तारीख- 2 नवंबर, 2024 कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की। भारत सरकार की शिकायत के बाद इस मामले में एक पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें… कनाडा में ट्रूडो के कार्यक्रम में खालिस्तानी नारे तारीख: 28 अप्रैल, 2024 कनाडा के टोरंटो में खालसा दिवस और सिखों के नव वर्ष कार्यक्रम में PM जस्टिन ट्रूडो के संबोधन के दौरान खालिस्तान जिंदाबाद और भारत विरोधी नारे लगाए गए। भारत ने इसकी कड़ी निंदा की और कनाडा सरकार से कार्रवाई की मांग की। पूरी खबर यहां पढ़ें… जयशंकर बोले- PoK मिलते ही कश्मीर मसला हल हो जाएगा जयशंकर 4 मार्च को ब्रिटेन पहुंचे थे। 5 मार्च को उन्होंने चैथम हाउस थिंक टैंक के कार्यक्रम में कश्मीर मसले पर बात की। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) मिलते ही यह मुद्दा खत्म हो जाएगा। 3 चरणों में कश्मीर समस्या का समाधान निकला जयशंकर ने कहा कि हमने कश्मीर के ज्यादातर मुद्दों का हल निकाल लिया है। अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। फिर कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था। चुनाव कराना, जिसमें काफी वोटिंग हुई, तीसरा कदम था। जयशंकर ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के उस हिस्से की वापसी है, जिसे चोरी से पाकिस्तान ने अपने पास रखा है। जब यह हो जाएगा तो मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि कश्मीर का मसला हल हो जाएगा।”

विदेश मंत्रालय बोला- ब्रिटेन ने खालिस्तानियों को छूट दे रखी: जयशंकर की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों पर कार्रवाई की मांग
हाल ही में, विदेश मंत्रालय ने एक गंभीर मुद्दे को उजागर किया है जिसमें इंग्लैंड में खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों का जिक्र किया गया है। भारत सरकार का यह कहना है कि ब्रिटेन ने खालिस्तानियों को खुली छूट दे रखी है, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस संदर्भ में स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।
जयशंकर की सुरक्षा पर चिंता
विदेश मंत्री जयशंकर की सुरक्षा को लेकर व्यापक चर्चा उठी है। Ихи जयशंकर के हालिया दौरे के दौरान, कुछ ऐसे समूहों ने उनकी सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रयास किया, जिन्हें उचित नहीं माना जा सकता। भारत सरकार से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह इस प्रकार की घटनाओं पर कड़ी नज़र रखे और विदेशी धरती पर अपनी सीमाओं की रक्षा करे।
ब्रिटेन की भूमिका और भारतीय चिंताएँ
भारत ने ब्रिटेन से अनुरोध किया है कि वह खालिस्तानी गतिविधियों की निगरानी करे और ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। ब्रिटिश सरकार से इस संदर्भ में सहयोग की अपेक्षा की जा रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि उग्रवादी गतिविधियों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
इस मामले पर राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही, भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को बल देने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों से चर्चा भी हो रही है।
आगे की राह
इन विवादास्पद घटनाओं के बाद, यह आवश्यक है कि दोनों देशों के बीच मजबूत संवाद और सहयोग बने रहें। भारत सरकार ने ब्रिटेन को यह समझाने की कोशिश की है कि सुरक्षा और स्थिरता के लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। केवल इसी तरह से खालिस्तानी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है और दोनों देशों के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
जैसे-जैसे ये घटनाएं विकसित हो रही हैं, दुनिया की नजरें भारत और ब्रिटेन के संबंधों पर टिकी हुई हैं। भारत सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार की सुरक्षा पर समझौता नहीं किया जाएगा।
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