शांत महौल में मनाएं त्योहार: बीडीआे
भास्कर न्यूज | फतेहपुर फतेहपुर थाना परिसर में गुरुवार को ईद उल फितर, सरहुल और रामनवमी को लेकर शांति समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेम कुमार दास ने की। अंचलाधिकारी हिम्मत लाल महतो और थाना प्रभारी रंजीत प्रसाद गुप्ता मुख्य रूप से मौजूद रहे। बीडीओ ने कहा कि ये पर्व आपसी सौहार्द बढ़ाने के लिए हैं। सभी अपने त्योहार शांति और खुशी से मनाएं। ध्यान रखें कि किसी को कोई परेशानी न हो। खिजुरिया में ईद के दिन नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोग गांव में भ्रमण करते हैं। रामनवमी पर हिंदू समाज के लोग भव्य शोभायात्रा निकालते हैं। इसे देखते हुए पुलिस बल तैनात रहेंगी। संध्या गश्ती दल अगले दस दिनों तक सक्रिय रहेंगे ताकि दोनों पर्व शांतिपूर्ण संपन्न हो सकें। बैठक में चंद्रशेखर यादव, अजय कुमार मिहरिया, किरण कुमारी बेसरा और अन्य सदस्यों ने सुझाव दिया कि हाल ही में पेट्रोल पंप और होली के दौरान हुई अप्रिय घटनाएं दोबारा न हों। इसके लिए हाइवे किनारे सीसीटीवी और पुलिस गश्ती बढ़ाने की जरूरत बताई गई। सभी ने कहा कि फतेहपुर में वर्षों से गंगा-जमुनी तहजीब के तहत पर्व मनाने की परंपरा रही है। इसे आगे भी निभाया जाएगा। शांति समिति की बैठक में नवयुवकों को शामिल करने का आग्रह किया गया। बैठक में विष्णु मंडल, कामेश मंडल, अनिरुद्ध कुमार झा, सुनील कुमार मिहरिया, अरविंद मंडल, नरेश कुमार बास्की, अनाउल अंसारी, हिदायत मियां, प्रमोद गोस्वामी, संतोष टुडू, मिराज आलम, मनोज गोस्वामी, सुकेन मंडल, अजय मंडल समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

शांत महौल में मनाएं त्योहार: बीडीआे
त्योहारों का समय आता है जब लोग एक साथ मिलकर खुशी मनाते हैं। यह वह समय है जब परिवार और दोस्त मिलकर अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों को अपनाते हैं। लेकिन इस बार, बीडीआे ने हमें याद दिलाया है कि त्योहारों को शांत महौल में मनाया जाना चाहिए।
बीडीआे का संदेश
बीडीआे द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस साल त्योहारों का उत्सव एक शांतिपूर्ण और संगठित तरीके से मनाना चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य समाज में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। बीडीआे का मानना है कि जब हम शांतिपूर्ण वातावरण में त्योहार मनाते हैं, तो यह न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि समाज में सहयोग और एकता को भी बढ़ावा देता है।
त्योहारों का महत्व
भारत में त्योहारों का विशेष महत्व है। ये अवसर हमारे सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक होते हैं। हर त्योहार अपनी ख़ासियत और महत्व रखता है, चाहे वह दीपावली हो, होली हो या Eid। परंतु, COVID-19 के बाद, बीडीआे का यह सुझाव आवश्यक है कि हमें खुशी मनाने के साथ-साथ अपनी और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए।
शांत महौल में त्योहार मनाने के तरीके
शांत महौल में त्योहार मनाने के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- छोटे समूहों में मिलकर उत्सव मनाना
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से रहे रिश्तेदारों के साथ जुड़ना
- स्थानीय नियमों का पालन करना और सामाजिक दूरी बनाए रखना
- स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों का पालन करना, जैसे कि मास्क पहनना और हाथ धोना
अंततः, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि त्योहार सिर्फ बाहरी रौनक नहीं होते, बल्कि अंदर से भी गहरी खुशी और सामंजस्य की आवश्यकता होती है। बीडीआे का यह संदेश हमारे लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
समाज के हर वर्ग से यही अपील की गई है कि वे त्योहारों को आनंद के साथ, मगर जिम्मेदारी से मनाएं। शांत महौल में मनाए गए त्योहार ना केवल हमें एकसाथ लाते हैं, बल्कि हमें यह सिखाते हैं कि कैसे एक जिम्मेदार नागरिक बनें।
इसके लिए हमें सजग रहना होगा और एक-दूसरे का सम्मान करना होगा।
हल्की-फुल्की खुशियों के साथ, चलिए इस त्योहार को एक नई दृष्टि से मनाते हैं।
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