साउथ कोरिया के पद से हटाए गए राष्ट्रपति गिरफ्तार:पुलिस सीढ़ी लगाकर घर में घुसी, गार्ड्स ने बैरिकेडिंग कर अधिकारियों को रोका था
साउथ कोरियाई के अपदस्थ राष्ट्रपति यून सुक-योल को पुलिस ने बुधवार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। योल पर 3 दिसंबर को देश में मार्शल लॉ लागू करने के लिए आपराधिक जांच चल रही है। योल ने पिछले महीने देश में इमरजेंसी लगाई थी, जिसे देश की संसद ने पलट दिया था। इसके बाद यून के खिलाफ विद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक, आज सुबह 10:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) योल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। योनहाप की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने योल के घर में घुसने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल किया था। राष्ट्रपति योल को इमजरेंसी लगाने की जरूरत क्यों पड़ी थी? साउथ कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपुल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे। राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है। इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया। उन्होंने DPK पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया। ------------------------------------------ ये खबर भी पढ़ें... साउथ कोरिया में गिरफ्तारी से बचे अपदस्थ राष्ट्रपति:200 गार्ड्स ने पुलिस को घर में घुसने नहीं दिया; इमरजेंसी लगाने पर जारी हुआ था वारंट साउथ कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति यून सुक-योल की गिरफ्तारी शुक्रवार को नहीं हो सकी। योल पर 3 दिसंबर को देश में मार्शल लॉ लागू करने के लिए आपराधिक जांच चल रही है। मंगलवार को सियोल की कोर्ट ने योल के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें...

पृष्ठभूमि
साउथ कोरिया में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, जब हाल ही में पद से हटाए गए राष्ट्रपति को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। यह घटना उस समय हुई जब पुलिस ने उनकी भव्य आवास में सीढ़ी लगाकर घुसने की कोशिश की। राष्ट्रपति के गार्ड्स ने सुरक्षा के मद्देनजर बैरिकेडिंग कर अधिकारियों को रोकने का प्रयास किया। यह देश की राजनीतिक धरातल पर एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो विवाद और राजनीति से भरा हुआ है।
घटना का विवरण
गिरफ्तारी के समय, हिरासत में लिए गए राष्ट्रपति ने अपने गार्ड्स के साथ मिलकर अधिकारियों को रोकने की कोशिश की। पुलिस की कार्यवाही एक रणनीतिक एवं मजबूर कदम था, जो कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक था। इस प्रकार की घटनाएँ किसी भी देश की राजनीतिक स्थिति को हिला सकती हैं, और इसकी परिणामस्वरूप व्यापक जन विरोध हो सकता है।
राजनीतिक प्रभाव
सुरक्षा बलों की इस कार्यवाही के बाद साउथ कोरिया की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल सकती है। पूर्व राष्ट्रपति के समर्थक इस गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर सकते हैं, जिसे देश की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इससे पहले भी कई नेताओं को राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन इस बार मामला और गंभीर प्रतीत हो रहा है।
आगे की कार्रवाई
अधिकारियों का कहना है कि आगे की जांच की जाएगी और गिरफ्तारी के कारणों को स्पष्ट किया जाएगा। यह मामला निश्चित रूप से साउथ कोरिया के नागरिकों के मन में कई सवालों को जन्म देगा। इसके अलावा, इस स्थिति के सभी पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि न्याय की प्रक्रिया को सही तरीके से आगे बढ़ाया जा सके।
निष्कर्ष
साउथ कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति की गिरफ्तारी न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक पहलुओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह देखने में दिलचस्प होगा कि इस घटना का राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही, नागरिकों की प्रतिक्रिया और सरकारी निर्णय इस मामले की दिशा को और स्पष्ट करेंगे। Keywords: साउथ कोरिया, पूर्व राष्ट्रपति गिरफ्तारी, पुलिस कार्यवाही, सुरक्षा गार्ड, राजनीतिक हलचल, बैरिकेडिंग, नागरिक विरोध, न्याय प्रक्रिया, राजनीतिक विवाद, दक्षिण कोरियाई राजनीति.
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