हिमाचल में इंटर-कास्ट मैरिज प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का विरोध:देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने शुरू की हड़ताल, बेटियों की बोली लगाने का आरोप

हिमाचल में इंटर कास्ट मैरिज की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के विरोध में देवभूमि क्षत्रिय संगठन प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गया है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के कार्यकर्ता ने शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इंटर कास्ट मैरिज प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का फैसला वापस नहीं लिया जाता और स्वर्ण आयोग का गठन नहीं होता तो 24 अप्रैल को सचिवालय का घेराव किया जाएगा। तब तक डीसी ऑफिस के बाहर इनका प्रदर्शन जारी रहेगा। बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2025-26 के बजट भाषण में इंटर कास्ट मैरिज पर मिलने वाली 60 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि 2 लाख रुपए करने की घोषणा की है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन इसके विरोध में उतर आया है। इसमें ज्यादातर लोग सवर्ण समाज है। यह संगठन सरकार के इस फैसले के खिलाफ आर पार की लड़ाई की चेतावनी दे चुका है। इंटर कास्ट मैरिज प्रोत्साहन राशि का फैसला वापस ले सरकार- ठाकुर देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने इंटर कास्ट मैरिज प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का फैसला वापस लेने और स्वर्ण आयोग के गठन की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि उनकी यह मांग जल्द पूरी नहीं की गई तो आने वाले दिनों में प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। रुमित ठाकुर ने कहा, सवर्ण आयोग के मुद्दे पर पूर्व बीजेपी सरकार धोखा दे चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बार देवभूमि क्षत्रिय संगठन स्वर्ण आयोग के गठन के बाद ही मानेगी। बेटियों की बोली लगाने वाला है सरकार का फैसला- अमित वहीं अमित ठाकुर ने कहा कि सरकार एक तरफ खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देती है। दूसरी तरफ इंटर कास्ट मैरिज की प्रोत्साहन राशि बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला बेटियों की बोली लगाने वाला है। बेटी किसी भी जाति की हो, वह परिवार का स्वाभिमान होती है। इस तरह लड़कियों की बोली लगाना उचित नहीं है।

Apr 17, 2025 - 18:59
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हिमाचल में इंटर-कास्ट मैरिज प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का विरोध:देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने शुरू की हड़ताल, बेटियों की बोली लगाने का आरोप
हिमाचल में इंटर कास्ट मैरिज की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के विरोध में देवभूमि क्षत्रिय संगठन प्रदेश

हिमाचल में इंटर-कास्ट मैरिज प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का विरोध

हिमाचल प्रदेश में इंटर-कास्ट मैरिज प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने को लेकर देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने एक व्यापक हड़ताल का आगाज किया है। संगठन के सदस्यों का कहना है कि इस निर्णय से बेटियों की “बोली लगाने” की प्रथा कमजोर होने की संभावना है, जो कि उनके समाज के लिए एक गंभीर मुद्दा है। यह आंदोलन स्थानीय स्तर पर काफी ध्यान आकर्षित कर रहा है और समाज में इसके प्रति गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है।

प्रोत्साहन राशि का मुद्दा

सरकार द्वारा इंटर-कास्ट विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि का बढ़ाना एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है, लेकिन देवभूमि क्षत्रिय संगठन का मानना है कि इससे समाज में पारंपरिक मूल्य कमजोर पड़ सकते हैं। उनका कहना है कि यह कदम विवाह संस्थान को प्रभावित कर रहा है और लड़कियों की गरिमा को कम कर रहा है।

हड़ताल का उद्देश्य

इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य सरकार का ध्यान आकर्षित करना और समाज के उन मूल्यों की रक्षा करना है, जो उनके अनुसार पहले से स्थापित हैं। संगठन के नेता ने कहा, “हमारी बेटियां किसी की संपत्ति नहीं हैं, और उनके लिए सही आचार-व्यवहार का सम्मान होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मांगें सुनने में प्रशासन की अनदेखी से स्थिति और बिगड़ सकती है।

समाज में इस हड़ताल के पीछे की भावना को समझना आवश्यक है, क्योंकि यह मुद्दा केवल एक प्रोत्साहन राशि से कहीं अधिक जटिल है। यह संक्रांति का प्रतीक है और आगे की सामाजिक संरचना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

समाज में प्रतिक्रियाएँ

इस हड़ताल के कारण जिला में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम परंपरा की रक्षा के लिए आवश्यक है, जबकि अन्य इसे आगे बढ़ने के खिलाफ एक अड़ंगा मानते हैं। कई फ़ैशन और आधुनिकता के समर्थक इस नीति को सही दिशा में एक कदम मानते हैं, जिससे कि युवा पीढ़ी स्वतंत्रता से विवाह कर सके।

उपसंहार

हिमाचल प्रदेश में इंटर-कास्ट मैरिज प्रोत्साहन राशि बढ़ाने को लेकर बहस तेज हो गई है, और यह हड़ताल इस बात का प्रमाण है कि समाज में इस मुद्दे पर गहरी विभाजन रेखाएँ हैं। निकट भविष्य में सरकार को इस पर उचित निर्णय लेना होगा ताकि समाज में सामंजस्य बना रहे।

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