संजौली मस्जिद केस की निगम कोर्ट में सुनवाई:निचली दो मंजिल को लेकर होगा फैसला; अवैध हिस्सा तेजी से गिराने की मांग करेंगे स्थानीय
शिमला की संजौली मस्जिद मामले में आज नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होगी। इसमें मस्जिद की निचली दो मंजिल गिराने को लेकर फैसला होना है। ऊपर की तीन मंजिल तोड़ने के निगम आयुक्त कोर्ट पहले ही आदेश दे चुका है। आज की सुनवाई के दौरान लोकल रेजिडेंट मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के काम में तेजी लाने की मांग करेंगे, क्योंकि कोर्ट के फैसले के बावजूद अवैध हिस्से को तोड़ने का काम धीमी गति से चल रहा है। लिहाजा लोकल रेजिडेंट जल्दी तोड़ने के लिए अदालत से आदेश देने का आग्रह करेंगे। बीते एक सप्ताह के दौरान मस्जिद की ऊपर की दो मंजिल की दीवारें हटाने का काम जरूर पूरा हो गया है। अब टॉप फ्लोर के लेंटर को तोड़ा जा रहा है। मस्जिद को तोड़ने के काम में बजट की कमी भी आड़े आ रही है, क्योंकि इसे बनाने के लिए सेब व्यापारी आगे थे। मगर तोड़ने के लिए मुस्लिम समुदाय को बजट नहीं मिल रहा। 5 अक्टूबर को 3 मंजिल तोड़ने के आदेश बता दें कि निगम आयुक्त ने बीते साल 5 अक्टूबर को 2 महीने के भीतर संजौली मस्जिद पर अवैध रूप से बनाई गई 3 मंजिलों को तोड़ने के आदेश दिए थे। इसके बाद तोड़ने का काम शुरू हो गया है। निचली दो मंजिल को लेकर अभी निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला आना बाकी है। आज इसे लेकर अदालत में फैसला हो सकता है। संजौली मस्जिद से पूरे प्रदेश में हुआ था विवाद संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिला में भी जगह-जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए और अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम कमिश्नर से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। कमिश्नर के 3 मंजिल तोड़ने के आदेश के बाद यह मामला शांत हो पाया था।

संजौली मस्जिद केस की निगम कोर्ट में सुनवाई
संजौली मस्जिद मामले में निगम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हो रही है, जिसमें निचली दो मंजिलों के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। स्थानीय निवासियों द्वारा इस सुनवाई में अवैध हिस्से को तेजी से गिराने की मांग की गई है। यह मामला न केवल कानूनी मुद्दों को उठाता है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के लिए भी गहरी चिंता का विषय बन गया है।
मामले की पृष्ठभूमि
संजौली में स्थित मस्जिद के निर्माण को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है। स्थानीय लोग आरोप लगाते हैं कि कुछ हिस्से बिना अनुमति के बनाए गए हैं। उनकी मांग है कि इन अवैध निर्माणों को जल्द से जल्द गिराया जाए, ताकि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। इस सुनवाई में कोर्ट के सामने पेश किए गए सबूत और गवाह दोनों महत्वपूर्ण साबित होंगे।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त की है और अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता बताई है। उनका मानना है कि यह मामला न केवल कानूनी है, बल्कि यह धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सद्भावना को भी प्रभावित कर सकता है। स्थानीय संगठनों ने इस मुद्दे पर कई बार बैठकें आयोजित की हैं और कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
कोर्ट की सुनवाई का महत्व
यह सुनवाई न केवल संजौली बल्कि पूरे क्षेत्र में मस्जिद के निर्माण से संबंधित कानूनी विवादों का एक प्रमुख उदाहरण है। कोर्ट का निर्णय आने वाले दिनों में न केवल इस विशेष मामले पर बल्कि अन्य धार्मिक स्थलों के विकास और संरक्षण पर भी प्रभाव डालेगा। यह निर्णय समुदाय में चर्चा का विषय बनेगा, और आगे के कार्यों की दिशा तय करेगा।
इस सुनवाई के माध्यम से, उम्मीद है कि एक निष्पक्ष और संतोषजनक समाधान निकाला जाएगा, जो सभी पक्षों के हितों की रक्षा करेगा।
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