3 मार्च को 13 ब्लॉक में प्रदर्शन का ऐलान:भाकियू ने की पंचायत, चीनी मिल और एमएसपी को लेकर गुस्सा
फतेहपुर में भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट ने नहर कॉलोनी परिसर में पंचायत की। जिलाध्यक्ष अशोक उत्तम की अध्यक्षता में हुई इस पंचायत में किसानों ने बजट को निराशाजनक बताया। प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा कि फतेहपुर में गन्ना की बड़े पैमाने पर खेती होती है। दो साल पहले लखनऊ की महापंचायत में मुख्यमंत्री ने चीनी मिल बनाने का वादा किया था। लेकिन बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं किया गया। किसान नेताओं का कहना है कि चीनी मिल बनने से फतेहपुर के साथ आसपास के 10 जिलों के किसानों को फायदा होता। बुंदेलखंड के किसानों को गन्ना बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। पंचायत में एमएसपी को लेकर लखनऊ में बड़े आंदोलन का फैसला लिया गया है। इसकी तारीख जल्द तय की जाएगी। साथ ही 3 मार्च को जिले के सभी 13 ब्लॉक में धरना-प्रदर्शन और घेराव किया जाएगा। जिलाध्यक्ष अशोक उत्तम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों से किया वादा तोड़ा है। किसान इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। पंचायत में बड़ी संख्या में किसान नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

3 मार्च को 13 ब्लॉक में प्रदर्शन का ऐलान: भाकियू ने की पंचायत, चीनी मिल और एमएसपी को लेकर गुस्सा
News by indiatwoday.com
भाकियू का बड़ा फैसला
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने 3 मार्च को 13 विभिन्न ब्लॉकों में विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया है। यह प्रदर्शन किसानों की कुछ मुख्य मांगों के खिलाफ है, जिसमें पंचायत, चीनी मिलों की समस्याएँ, और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर बढ़ती नाराजगी शामिल है। किसान संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो वे और अधिक सख्त कदम उठाने को बाध्य होंगे।
किसानों की चिंताएं
किसान समुदाय को चीनी मिलों द्वारा उचित दाम नहीं मिलने और MSP पर स्पष्टता की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भाकियू का नेतृत्व इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का ध्यान इन मुद्दों की ओर खींचना चाहता है। प्रदर्शन में हजारों किसान भाग लेने की योजना बना रहे हैं, जो एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठाएंगे।
पंचायत बुलाई गई
इसके पूर्व, भाकियू ने पंचायत बुलाई थी, जिसमें किसानों ने अपने मुद्दों पर चर्चा की। पंचायत में कई गांवों से प्रतिनिधि शामिल हुए और अपनी समस्याओं को साझा किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से ले।
MSP की मांग
किसान संगठन का कहना है कि MSP को कानून का रूप देना आवश्यक है ताकि हर किसान को फसल का न्यूनतम मूल्य मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी मिलों द्वारा कीमतों में मनमानी बढ़ोतरी की जा रही है, जो किसानों के लिए चिंता का विषय है।
आगामी प्रदर्शन की तैयारी
3 मार्च को होने वाले इस प्रदर्शन के लिए भाकियू ने व्यापक तैयारियाँ की हैं। प्रचार और जागरूकता बढ़ाने के लिए किसान संगठनों ने विभिन्न माध्यमों का सहारा लिया है। उनका लक्ष्य है कि इस प्रदर्शन के जरिए उनकी आवाज़ को और अधिक संजीदगी से सुना जाए।
फिलहाल, किसान संगठन सभी किसानों से अपील कर रहे हैं कि वे इस प्रदर्शन में भाग लेकर अपनी आवाज उठाए।
समापन
किसानों का यह प्रदर्शन न केवल उनकी आवाज़ को मजबूती देने का एक प्रयास है, बल्कि यह भविष्य में उनकी चिंताओं को तत्परता से सुनने के लिए सरकार को भी प्रेरित करेगा।
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