38वें राष्ट्रीय खेल:हॉकी में हरियाणा महिला टीम ने सोना जीता,पुरुष श्रेणी में कर्नाटक ने भी गोल्ड कब्जाया
38वें राष्ट्रीय खेलों में हॉकी मैच के फाइनल मुकाबलों में हरियाणा ने महिला श्रेणी स्वर्ण पदक जीता। हरियाणा की महिला हॉकी टीम ने मध्य प्रदेश को 4-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। जबकि पुरुष श्रेणी में कर्नाटक ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। जबकि पुरुष श्रेणी में कर्नाटक ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। मध्य प्रदेश की छवन ऐश्वर्या ने पांचवें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के जरिए गोल कर अपनी टीम को शुरुआती बढ़त दिलाई। हालांकि, मध्य प्रदेश इस बढ़त को कायम नहीं रख सका और हरियाणा ने शानदार वापसी की। झारखंड ने कांस्य पदक जीता हरियाणा की ओर से महिमा चौधरी (37’), इशिका (45’, 50’) और मोनिका (55’) ने गोल किए। इशिका ने दो गोल दागे,जिनमें से एक फील्ड गोल और दूसरा पेनल्टी कॉर्नर से था। तीसरे स्थान के मुकाबले में झारखंड ने महाराष्ट्र को 2-1 से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा किया। झारखंड के लिए प्रमोदनी लकड़ा (12’) ने फील्ड गोल किया, जबकि कप्तान अलबेला रानी टोप्पो (17’) ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला। महाराष्ट्र की ओर से तनुश्री दिनेश कडू (39’) ने एक गोल किया, लेकिन उनकी टीम हार गई। उधर,पुरुषों के फाइनल मुकाबले में कर्नाटक ने उत्तर प्रदेश को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। उत्तर प्रदेश के फराज़ खान ने पहले ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से गोल कर टीम को बढ़त दिलाई। लेकिन जल्द ही कर्नाटक के शमंथ सीएस ने आठवें मिनट में बराबरी कर ली। कर्नाटक के भरत महालिंगप्पा कुर्तकोटी (18’) और अभरण सुदेव बी (39’) ने पेनल्टी कॉर्नर से गोल कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।

38वें राष्ट्रीय खेल: हॉकी में हरियाणा महिला टीम ने सोना जीता, पुरुष श्रेणी में कर्नाटक ने भी गोल्ड कब्जाया
भारत में खेलों का महत्व हमेशा से रहा है और हाल के 38वें राष्ट्रीय खेलों ने फिर से इस पर जोर दिया है। इस बार, हॉकी में हरियाणा की महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हरियाणा की खिलाड़ियों ने अपनी क्षमता और मजबूत रणनीति का प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें जीत हासिल करने में मदद मिली। यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है।
हरियाणा महिला टीम का शानदार प्रदर्शन
हरियाणा की महिला हॉकी टीम ने टूर्नामेंट के दौरान एक चुनौतीपूर्ण मार्ग पर चलते हुए अपने सभी मुकाबले जीतें। उनके संगठन और तकनीकी कौशल ने उन्हें प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ साबित कर दिया। इस सफलता का श्रेय उनकी मेहनत और खेल के प्रति उनकी जुनून को दिया जा सकता है।
कर्नाटक पुरुष टीम की उपलब्धि
इसी तरह की सफलता कर्नाटक की पुरुष हॉकी टीम ने भी हासिल की। उन्होंने शानदार खेल दिखाते हुए स्वर्ण पदक जीता। कर्नाटक की टीम ने राष्ट्रीय खेलों में अपने प्रति सामर्थ्य और संघर्ष का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनका यह प्रदर्शन हॉकी में कर्नाटक की मजबूती को दर्शाता है।
खेलों का महत्व और भविष्य की संभावनाएं
38वें राष्ट्रीय खेलों ने भारत में खेलों के क्षेत्र में एक नई क्रांति को जन्म दिया है। ऐसे खेलों के आयोजन से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है और स्थानीय स्तर पर खेलों को प्रोत्साहन मिलता है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और भी प्रतिभागियों को अपने कौशल दिखाने का मौका मिलेगा, जिससे भारत का खेल क्षेत्र और विकसित होगा।
इस तरह के राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हमें यह दिखाता है कि किस तरह से देश के विभिन्न हिस्सों में बहुसंख्यक प्रतिभाएं मौजूद हैं। ये खेल न केवल प्रतिस्पर्धा के लिए होते हैं बल्कि एकता, समर्पण, और सामूहिक प्रयास का भी प्रतीक हैं।
इसके अलावा, हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में युवा खिलाड़ियों को और अधिक मंच मिल सकेगा ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखार सकें।
खेलों की दुनिया में इन उपलब्धियों को देखते हुए, हम सभी को अपने खिलाड़ियों का समर्थन करते रहना चाहिए।
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