5500 एकड़ में विकसित होगी धुरियापार औद्योगिक टाउनशिप:गीडा बोर्ड की बैठक में मास्टर प्लान को मिली मंजूरी, कई बड़ी कंपनियां करेंगी निवेश
गोरखपुर के दक्षिणांचल में स्थित धुरियापार अब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ सकेगा। लंबे समय से प्रतीक्षित धुरियापार औद्योगिक टाउनशिप के मास्टर प्लान को मंजूरी मिल गई है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) बोर्ड की बुधवार को संपन्न बैठक में मास्टर प्लान पर मुहर लगा दी गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर अनिल ढींगरा ने 45 दिनों के भीतर लेआउट तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है। बोर्ड बैठक में विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण कार्य में देरी पर चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई। इसमें एक वरिष्ठ प्रबंधक, एक सहायक प्रबंधक व दो अवर अभियंता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गीडा की योजनाओं को समय से पूरा किया जाए। किसी भी दशा में इसमें देरी नहीं होनी चाहिए। अदाणी समूह को दी गई है 65 एकड़ जमीन धुरियापार औद्योगिक टाउनशिप में ही अदाणी समूह को 65 एकड़ जमीन दी गई है। यहां कंपनी सीमेंट फैक्ट्री लगाएगी। इसके अतिरिक्त दो अन्य कंपनियां सीमेंट फैक्ट्री के लिए बातचीत कर रही हैं। धुरियापार में 400 एकड़ से अधिक जमीन अधिगृहीत की गई है। यहां कई बड़ी कंपनियों की ओर से निवेश की तैयारी है। इसी जगह इलेक्ट्रानिक सिटी भी विसकित की जाएगी। औद्योगिक के साथ ही यहां आवासीय एवं व्यावसायिक योजनाएं भी लांच होंगी। उम्मीद है कि लेआउट तैयार होने के बाद अन्य कंपनियों को भी जमीनों का आवंटन शुरू कर दिया जाएगा। चकभोप में गीडा विकसित करेगा आवासीय योजना गीडा की ओर से चकभोप में आवासीय योजना विकसित की जाएगी। यहां 150 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। बोर्ड बैठक में इसके लेआउट को मंजूरी दे दी गई। इस योजना में लगभग 500 भूखंड उपलब्ध होंगे। कालेसर-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास से इसकी कनेक्टिविटी होगी। कमिश्नर ने जल्द ही टेंडर निकाल कर विकास कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है। गीडा में आनलाइन करें सभी जानकारी कमिश्नर ने सीईओ गीडा अनुज मलिक को निर्देश दिया कि गीडा से जुड़ी सभी जानकारी आनलाइन की जाए। गीडा की वेबसाइट पर सारी सूचना उपलब्ध होनी चाहिए। गीडा में सभी सेवाओं के लिए आनलाइन आवेदन ही स्वीार किए जाएं। आफलाइन आवेदन न लिया जाए। उन्होंने कहा कि उद्यमियों से नियमित रूप से संवाद करें। उनकी समस्याओं का समय से निस्तारण करें। सीईटीपी का बनेगा नया डीपीआर गीडा में स्थापित फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित जल के शोधन के लिए नए सिरे से कामन एन्फ्लुएंट ट्रीटमेंट पलांट (सीईटीपी) का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाया जाएगा। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जा चुके हैं। गीडा सीईओ ने बताया कि अगले सप्ताह से डीपीआर बनाने का काम शुरू हो जाएगा। गीडा के पास 1000 एकड़ का लैंड बैंक बोर्ड बैठक में सीईओ गीडा ने बताया कि प्राधिकरण के पास इस समय 1000 एकड़ का लैंड बैंक है। इधर गीडा ने 600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। औद्योगिक इकाइयों को मांग के अनुरूप जल्द से जल्द जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी।

5500 एकड़ में विकसित होगी धुरियापार औद्योगिक टाउनशिप
गीडा बोर्ड की बैठक में मास्टर प्लान को मिली मंजूरी
बिग व्यवसायों के लिए एक नए अवसर के रूप में, धुरियापार औद्योगिक टाउनशिप को विकसित करने का मास्टर प्लान गुवा के औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) बोर्ड की हालिया बैठक में स्वीकृत किया गया है। इस टाउनशिप का क्षेत्रफल लगभग 5500 एकड़ होगा और इसमें कई बड़ी कंपनियों के निवेश की संभावना है। यह उद्योगशीलता और रोजगार के नए अवसरों को उत्पन्न करने में मदद करेगा, जो कि क्षेत्र के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
धुरियापार औद्योगिक टाउनशिप का उद्देश्य
इस औद्योगिक टाउनशिप के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जाएगी। नए निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के आने से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि इससे जुड़े प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान भी किया जा सकेगा। स्थानीय कंपनियों से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों तक, सभी के लिए यह एक आकर्षक मौके के रूप में उभरेगी।
निवेश के लिए तैयार होने वाली कंपनियां
कई प्रमुख कंपनियों ने इस औद्योगिक क्षेत्र में निवेश करने की रुचि दिखाई है, जो स्थानीय स्तर पर न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी बल्कि जीडीपी पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। गीड़ा बोर्ड द्वारा अनुमोदित मास्टर प्लान के तहत, टाउनशिप में विभिन्न औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जो उत्पादन और सेवा क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करेंगी।
समाज और पर्यावरण पर प्रभाव
इस टाउनशिप के निर्माण से समाज और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही, गीड़ा बोर्ड का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति संवेदनशील औद्योगिक विकास को आगे बढ़ाना है, ताकि प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग किया जा सके।
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