IIT-BHU के रिसर्च स्कॉलर से 9.15 लाख की साइबर ठगी:शेयर मार्केट में निवेश कर फायदा कमाने के लिए इंस्टॉल किया था एप, साइबर क्राइम थाने में FIR
वाराणसी के साइबर क्राइम थाने में 9.15 लाख ठगी का एक मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा आईआईटी बीएचयू के रिसर्च स्कॉलर ने दर्ज कराया है। रिसर्च स्कॉलर पुष्पेंद्र सिंह के अनुसार शेयर मार्केट में निवेश कर ज्यादा मुनाफा पाने का लालच देकर यह ठगी की गई है। फिलहाल साइबर थाने की पुलिस मुकदमा दर्ज कर डिजिटल फुट प्रिंट से ठगी का पता लगाने में लग गई है। वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े फिर इंस्टॉल किया एप IIT-BHU के गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर अपार्टमेंट में रहने वाले मथुरा के मूल निवासी रिसर्च स्कॉलर पुष्पेंद्र सिंह ने अपनी तहरीर में बताया -9 दिसंबर 2024 को वो एक्स-17 आदित्य बिरला फाइनेंशियल क्लब नामक वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े थे। इस ग्रुप दो लोग एडमिन थे। पहली आइयाना जोसफ और दूसरा सेथुरथनम रवि। प्रसिद्ध स्टॉक मार्केट ट्रेडर रुचिर गुप्ता से ऑनलाइन ट्रेंडिंग क्लास लेने वाले पुष्पेंद्र को यह ग्रुप उन्हीं का लगा और वो जुड़ गए। निवेश में फायदा देखकर किया निवेश पुष्पेंद्र ने बताया - ग्रुप में लगातार लोग अपने निवेश और फिर हुए फायदे का स्क्रीन शॉट डाल रहे थे। इसपर मेरा मन भी प्रॉफिट कमाने के लिए हुआ। इसपर मैंने एडमिन से बात की तो उस दिन मुझे पता चला कि यह ग्रुप रुचिर गुप्ता का नहीं है। ग्रुप एडमिन ने मुझसे आदित्य बिरला मनी एप डाउनलोड करवाया। इसके जरिए मेरा भी अकाउंट खोल दिया गया। करंट अकाउंट में निवेश कर दिए 9.15 लाख, अब नहीं पैसे पुष्पेंद्र ने तहरीर में बताया- एप डाउनलोड करने के बाद निवेश शुरू किया। निवेश के लिए एक करंट अकाउंट भेजा जाता था। उसमें पैसे निवेश किए जाते थे। इस दौरान मुझे भी फायदा हुआ और दो बार 23 हजार रुपए एप के माध्यम से निकाल पाया। धीरे-धीरे करके मैंने उसमें 9.15 लाख रुपए निवेश किए पर पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं।

IIT-BHU के रिसर्च स्कॉलर से 9.15 लाख की साइबर ठगी
हाल ही में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एक रिसर्च स्कॉलर के साथ 9.15 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। इस ठगी का केंद्र एक ऐप था, जिसे स्कॉलर ने शेयर मार्केट में निवेश करने और लाभ कमाने के उद्देश्य से इंस्टॉल किया था। हालांकि, उसने नहीं सोचा था कि यह ऐप उसकी वित्तीय स्थिरता को खतरे में डाल देगा।
शेयर मार्केट में लाभ का सपना
स्कॉलर ने हाल ही में शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने का सपना देखा था। इस उद्देश्य से उसने एक ऐप डाउनलोड किया, जिसे वह उपयोगी समझता था। हालांकि, जब उसने इसमें पैसे जमा करना शुरू किया, तो उसे यह नहीं पता था कि यह ऐप वास्तव में धोखाधड़ी और साइबर क्राइम का हिस्सा है।
साइबर क्राइम थाने में FIR की प्रक्रिया
घटना के बाद, पीड़ित ने सीधे साइबर क्राइम थाने में जाकर FIR दर्ज करवाई। इस FIR से अधिकारियों को मामले की गंभीरता को समझने में मदद मिली है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे पूरे मामले की गहनता से जांच करेंगे और ठगों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
इस घटना ने लोगों को साइबर ठगी के खिलाफ सजग रहने की आवश्यकता को स्पष्ट किया है। बीते कुछ समय में, इंटरनेट पर ऐसे कई फर्ज़ी ऐप और प्लेटफार्म मौजूद हैं, जो लोगों को फंसाने का काम करते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि हमेशा विश्वसनीय स्रोत से ही निवेश संबंधित ऐप्स डाउनलोड करें और किसी भी ऐप में पैसे डालने से पहले उसकी वैधता की जांच करें।
इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि कैसे साइबर अपराधियों ने तकनीकी प्रगति का फायदा उठाया है। इसलिए, सरलता से फंसने के बजाय, सूचित निर्णय लेना जरूरी है।
यदि आप और अधिक अपडेट्स के लिए जॉइन करना चाहते हैं, तो News by indiatwoday.com पर जाएं। Keywords: IIT-BHU साइबर ठगी, रिसर्च स्कॉलर ठगी, 9.15 लाख की धोखाधड़ी, शेयर मार्केट में निवेश, साइबर क्राइम थाने में FIR, साइबर ठगी से बचने के उपाय, धोखाधड़ी ऐप्स, शेयर मार्केट एप डाउनलोड करना, वित्तीय सुरक्षा टिप्स, साइबर अपराध की जाँच.
What's Your Reaction?






