लखीमपुर-खीरी में गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश उत्सव:गुरुद्वारा में हजारों श्रद्धालुओं ने माथा ठेका, जगह-जगह लंगर का आयोजन
सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व सोमवार को लखीमपुर खीरी के गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, हाथीपुर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर दशमेश पिता, सरबंस दानी, शूरवीर, महान योद्धा श्री गुरु गोविंद सिंह जी की जीवन गाथाओं का गायन और कीर्तन किया गया। गौरतलब है कि श्री गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना साहिब में हुआ था। इस शुभ अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में विशेष आयोजन किए गए। हजूरी रागी भाई अनूप सिंह, करनैल सिंह, भाई गुरविंदर सिंह, और कथावाचक ज्ञानी महताब सिंह भिण्डर के साथ-साथ पंजाब से आए इंटरनेशनल ढाढ़ी जत्थे के भाई हरपाल सिंह ढंड जी और लुधियाना से आए भाई राजेंद्र पाल सिंह ने संगत को निहाल किया। देखें 5 तस्वीरें... इस अवसर पर जिले की प्रमुख अधिकारीगण भी मौजूद रहे, जिनमें जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा, क्षेत्राधिकारी सदर रमेश कुमार तिवारी, गोला विधायक अमन गिरी के चाचा मोंटी गिरी और गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष कुलवंत सिंह खैरा और सचिव गुरजीत सिंह जुनेजा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। गुरुद्वारा हाथीपुर में सोमवार रात 8 बजे से लेकर 1 बजे तक विशेष दीवान सजाया गया और रात 12 बजे श्री अखंड पाठ साहिब जी का भोग अर्पित किया गया। श्रद्धालुओं के लिए दूध और मिष्ठान्न प्रसाद की सेवा भी की गई। इस तरह, लखीमपुर खीरी में श्री गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व पूरे श्रद्धा भाव से मनाया गया, जिसमें जिले भर से संगत ने भाग लिया और गुरु के चरणों में भक्ति और श्रद्धा अर्पित की।

लखीमपुर-खीरी में गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश उत्सव
उत्सव का महत्व
लखीमपुर-खीरी जिले में गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश उत्सव हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा के साथ इस अवसर को उत्साहित किया। गुरु गोविंद सिंह जी की शिक्षाओं को मानते हुए, हजारों भक्तों ने सभी गुरुद्वारों में जाकर माथा टेककर आशीर्वाद लिया। यह उत्सव केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है।
श्रद्धालुओं की भागीदारी
गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आई। भक्तों का कहना है कि ऐसा अवसर उन्हें आत्मिक शांति और एकता का अनुभव कराता है। लोग दूर-दूर से अपनी पारिवारिक परंपराओं को निभाने के लिए यहाँ आए। यहां पर विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।
लंगर का आयोजन
इस उत्सव में लंगर का आयोजन जगह-जगह किया गया। सभी श्रद्धालुओं को लंगर में निःशुल्क भोजन प्रदान किया गया, जो सिख धर्म के करुणा और सेवा भावना का प्रतीक है। इस लंगर की व्यवस्था सभी श्रद्धालुओं को एक साथ लाने का कार्य करती है। लोग बड़ी संख्या में इस लंगर का लाभ उठाते हैं, जो कि एकजुटता का स्वरूप दर्शाता है।
समापन समारोह
उत्सव का समापन समारोह भी भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। इसमें विशेष पूजा और अरदास का आयोजन किया गया। भक्तों ने एक-दूसरे के साथ संगठित होकर गुरु गोविंद सिंह जी के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। इस अवसर पर सभी ने मिलकर लंगर का आनंद लिया और भाईचारे की भावना को बल दिया।
इस प्रकार, लखीमपुर-खीरी में गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश उत्सव न केवल धार्मिक समारोह है, बल्कि यह समाज में समरसता और एकता का संदेश भी फैलाता है। भक्तों की इस भारी भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि गुरु जी की शिक्षाएँ आज भी लोगों को जोड़ने का कार्य कर रही हैं।
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