KGMU में एक महीने में होंगे 8 किडनी ट्रांसप्लांट:लखनऊ में मरीज-डोनर का रजिस्ट्रेशन शुरू, SGPGI-लोहिया पर दबाव कम होगा
लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में हर महीने 8 किडनी ट्रांसप्लांट होंगे। इसके लिए मरीज और डोनर दोनों के रजिस्ट्रेशन की शुरुआत भी हो चुकी है। नेफ्रोलॉजी की ICU तैयार नहीं होने के कारण किडनी फेल मरीजों को लंबे समय से ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं मिल पा रही थी। हालांकि, पहले कुछ किडनी ट्रांसप्लांट किए गए थे। पर मानक नहीं पूरे होने पर इसमें रुकावट आई। इस बीच नेफ्रोलॉजी का ICU तैयार होने से एक बार फिर शुरुआत हुई। अब हर महीने 8 ट्रांसप्लांट की क्षमता के साथ काम शुरू होगा। ये कहना है KGMU के प्रोफेसर डॉ. केके सिंह का। उन्होंने बताया कि इस पहल से न केवल यूपी बल्कि पड़ोस के कई राज्यों के किडनी के मरीजों को राहत मिलेगी। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 96वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU के सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. केके सिंह से खास बातचीत... डॉ. केके सिंह ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट की इस पहल में कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद ने अहम भूमिका निभाई है। SGPGI की तर्ज पर उन्होंने KGMU में भी बड़े पैमाने पर किडनी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट शुरू करने का वादा किया था। इससे SGPGI और लोहिया संस्थान में मरीजों को लांग वेटिंग की समस्या से निजात भी मिलेगी।

KGMU में एक महीने में होंगे 8 किडनी ट्रांसप्लांट
हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है कि किंग जॉर्ज Medical University (KGMU) में आगामी एक महीने में 8 किडनी ट्रांसप्लांट किए जाएंगे। यह समाचार लखनऊ वासियों के लिए राहत की बात है, जिसमें मरीजों के लिए उम्मीद की एक कड़ी दिखाई देती है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत मरीज-डोनर का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है, जिससे उनकी जरूरत को पूरा किया जा सके।
किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता
किडनी की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए, ट्रांसप्लांट एक जीवनदायक विकल्प हो सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर ट्रांसप्लांट होने से मरीजों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा और उन्हें डायलिसिस जैसी जटिलताओं से राहत मिलेगी। KGMU इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मरीजों और डोनर्स के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का संचालन कर रहा है।
SGPGI और लोहिया पर दबाव कम होगा
जब KGMU में किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू होगी, तो इससे संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) और लोहिया संस्थान पर अधिकतम दबाव कम होगा। पहले इन संस्थानों में ट्रांसप्लांट की बढ़ती मांग के कारण मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। अब, KGMU इस समस्या का समाधान करके मरीजों को त्वरित और बेहतरीन चिकित्सा सेवा प्रदान करने की योजना बना रहा है।
मरीज-डोनर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
लखनऊ में मरीज-डोनर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए KGMU ने विशेष उपाय किए हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों और प्रक्रिया की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अलावा, मरीज और उनके परिवार के सदस्य किसी भी समय हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष
KGMU में किडनी ट्रांसप्लांट की यह पहल न केवल मरीजों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है, बल्कि यह लखनऊ में स्वास्थ्य सेवाओं को भी बेहतर बनाएगी। इसके माध्यम से मरीजों को तुरंत सहायता मिलेगी और SGPGI एवं लोहिया जैसे संस्थानों पर दबाव भी कम होगा।
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