RBI ने 2024 में 72.6 टन सोना खरीदा:नोट छापने का खर्च 25% बढ़कर ₹6,373 करोड़ हुआ; RBI एनुअल रिपोर्ट की 8 बड़ी बातें
भारत का गोल्ड रिजर्व 2024-25 में 57.48 टन बढ़कर 879.58 टन हो गया है। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और 2025-26 में भी यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था रहेगी। RBI ने आज 29 मई को अपनी एनुअल रिपोर्ट जारी की है। RBI के रिपोर्ट की 6 बड़ी बातें: 1. 2024 में 72.6 टन सोना खरीदा, कुल भंडार 879.58 टन आरबीआई ने 2024 में 72.6 टन सोना खरीदा और 2025 के पहले दो महीनों (जनवरी-फरवरी) में 2.8 टन और खरीदा। अब भारत के पास कुल 879.58 टन सोना है, जो इसे दुनिया का सातवां सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व वाला देश बनाता है। पहले नंबर पर अमेरिका, फिर जर्मनी, इटली, फ्रांस, चीन, और स्विट्जरलैंड हैं। 2. नोट छापने की कॉस्ट 25% बढ़कर 6,372.8 करोड़ रुपए हुई 2024-25 में नोट छापने का खर्च 25% बढ़कर 6,372.8 करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले साल (2023-24) में 5,101.4 करोड़ रुपए था। इसका मतलब है कि नोट छापना महंगा हो रहा है। शायद कागज, स्याही, और सिक्योरिटी फीचर्स की लागत बढ़ने की वजह से ये महंगा हुआ है। 3. रियल जीडीपी ग्रोथ 2025-26 में 6.5% रहने का अनुमान 2025-26 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है। 2023-24 में रियल GDP ग्रोथ 7.6% रही, जो पिछले साल (2022-23) के 7.0% से बेहतर है। यह लगातार तीसरा साल रहा जब ग्रोथ 7% या उससे ज्यादा रही। 4. चीजों की कीमतें काबू में रहेंगी, महंगाई 4% रह सकती है रिटेल महंगाई दर 4% रहने की उम्मीद है, जो आरबीआई के लक्ष्य (4% ± 2%) के दायरे में है। इसका मतलब है कि चीजों की कीमतें काबू में रहेंगी, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि, वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और मौसम की अनियमितता से खाद्य महंगाई बढ़ सकती है। 5. बैंक फ्रॉड की संख्या में गिरावट, लेकिन राशि बढ़ी 2024-25 में रिपोर्ट किए गए बैंक फ्रॉड की संख्या में गिरावट के बावजूद, फ्रॉड की वैल्यू पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना बढ़ गई है। साल के दौरान फ्रॉड के कुल 23,953 मामले सामने आए, जो 2023-24 में 36,060 से कम है। हालांकि, इसमें शामिल राशि ₹12,230 करोड़ से बढ़कर ₹36,014 करोड़ हो गई। 6. घरेलू बचत में बढ़ोतरी, 2023-24 में बढ़कर 6.1% हुई शेयर और डिबेंचर, बैंक जमा, भविष्य निधि और पेंशन फंड जैसी परिसंपत्तियों में कुल घरेलू बचत में वृद्धि हुई। ये 2022-23 में ग्रॉस नेशनल डिस्पोजेबल इनकम यानी, GNDI का 10.7% थी जो 2023-24 में बढ़कर 11.2% हो गई। हालांकि, परिवारों की वित्तीय देनदारियां भी 2022-23 में GNDI के 5.8% से बढ़कर 2023-24 में 6.1% हो गईं। 7. आरबीआई की बैलेंस शीट 8.2% बढ़ी आरबीआई की बैलेंस शीट 8.2% बढ़कर 76.25 लाख करोड़ रुपए हो गई। आय 22.7% बढ़कर 3.38 लाख करोड़ रुपए हो गई। खर्च 7.75% बढ़कर 69,714 करोड़ रुपए रहा। सरकार को सरप्लस 27.3% बढ़कर 2.68 लाख करोड़ रुपए दिया गया। 8. बढ़ते कर्ज पर आरबीआई ने चिंता जताई आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 में "हाई पब्लिक डेट" को एक बड़ी चिंता के तौर पर बताया गया है। भारत का जीडीपी टू डेट रेश्यो 57% है। यानी अगर देश की कुल कमाई (जीडीपी) 100 रुपए है, तो सरकार का कर्ज 57 रुपए है।

RBI ने 2024 में 72.6 टन सोना खरीदा: नोट छापने का खर्च 25% बढ़कर ₹6,373 करोड़ हुआ; RBI एनुअल रिपोर्ट की 8 बड़ी बातें
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लेखिका: प्रिया शर्मा, सिया वर्मा, टीम इंडियाTwoday
परिचय
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 29 मई 2024 को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था, स्वर्ण भंडार, और नोट छापने के खर्च के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। इस रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया कि भारत ने पिछले वर्ष 72.6 टन सोना खरीदा, जिससे देश का कुल सोने का भंडार 879.58 टन हो गया है। इसके साथ ही, नोट छापने की लागत में भी 25% की वृद्धि हुई है, जो ₹6,373 करोड़ तक पहुंच गई है।
आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट के 8 महत्वपूर्ण बिंदु
1. सोने का कुल भंडार 879.58 टन
2024 में आरबीआई ने 72.6 टन सोना खरीदा है और 2025 के शुरुआती दो महीनों में 2.8 टन और जोड़ा गया है। अब भारत के पास दुनिया का सातवां सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व है, जो अमेरिका, जर्मनी, और चीन जैसे देशों के बाद आता है।
2. नोट छापने की लागत में 25% बढ़ोतरी
रिपोर्ट के अनुसार, नोट छापने का खर्च 2024-25 में ₹6,373 करोड़ हो गया है, जो पिछले वर्ष ₹5,101.4 करोड़ था। यह बढ़ोतरी कागज, स्याही और सुरक्षा फीचर्स की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है।
3. रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
आरबीआई ने 2025-26 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान लगाया है। यह पिछले वर्ष की 7.6% की ग्रोथ से कुछ कम है, लेकिन फिर भी मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
4. महंगाई पर नियंत्रण
रिटेल महंगाई दर को 4% के दायरे में नियंत्रित रखने की उम्मीद है। इस स्थिति से आम जनता को राहत मिलेगी, जबकि वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव से खाद्य महंगाई बढ़ सकती है।
5. बैंक फ्रॉड में कमी, लेकिन राशि में वृद्धि
2024-25 में बैंक फ्रॉड की संख्या में गिरावट आई है, जबकि फ्रॉड की कुल राशि ₹36,014 करोड़ तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा है।
6. घरेलू बचत में वृद्धि
घरेलू बचत 2023-24 में 6.1% तक बढ़ गई है, जो भारत की आर्थिक सेहत के लिए सकारात्मक संकेत है।
7. आरबीआई की बैलेंस शीट में वृद्धि
आरबीआई की बैलेंस शीट 8.2% बढ़कर ₹76.25 लाख करोड़ हो गई है, जबकि आय में 22.7% की वृद्धि हुई है।
8. बढ़ते कर्ज पर चिंता
आरबीआई ने "हाई पब्लिक डेट" पर चिंता जताई है। भारत का जीडीपी टू डेट रेशियो 57% है, जो देश की वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
आरबीआई द्वारा जारी इस वार्षिक रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख संकेतकों से स्पष्ट होता है कि भारत की आर्थिक स्थिति स्थिर और विकसित हो रही है। सोने के भंडार का बढ़ना और रियल जीडीपी ग्रोथ का स्थिर रहना सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि, नोट छापने की लागत और बढ़ते कर्ज हमें सावधान रहने की जरूरत है। आरबीआई की यह रिपोर्ट न केवल देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को दर्शाती है, बल्कि भविष्य में संभावित चुनौतियों के प्रति भी सर्तक करती है।
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