अमेरिकियों की पोस्ट सेंसर करने वालों पर बैन लगेगा:ऐसे लोगों को US वीजा नहीं मिलेगा; ऐसा फैसला लेने वाला अमेरिका दुनिया का पहला देश

अमेरिकी सरकार ने बुधवार को उन लोगों का वीजा बैन करने की ऐलान किया है जो अमेरिकी टेक कंपनियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी लोगों की पोस्ट को सेंसर करते हैं। यह फैसला लेने वाला अमेरिका पहला देश है। विदेश मंत्री मार्को रुबिया ने कहा- अगर किसी विदेशी अधिकारी ने अपने देश में अमेरिकी लोगों को गिरफ्तारी या अन्य सजा की धमकी देकर पोस्ट सेंसर की तो यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन विदेशी अधिकारियों पर वीजा बैन लगाया जाएगा जो अमेरिकी टेक प्लेटफॉर्म्स पर कंटेट हटाने या कंट्रोल करने की मांग करते हैं। रुबियो ने कहा- यह स्वीकार्य नहीं है कि विदेशी अधिकारी अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तारी की धमकी दें। हालांकि इस बयान में किसी खास देश या अधिकारी नाम नहीं लिया गया। रुबियो ने कहा कि कुछ विदेशी नागरिकों ने आधिकारिक पद पर रहते हुए, अमेरिकी टेक कंपनियों और अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ 'सेंसरशिप' की कार्रवाई की है, जबकि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं था। दुनिया की ज्यादातर सोशल मीडिया कंपनियां अमेरिकी दुनिया भर में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अमेरिकी टेक कंपनियों के हैं। एक्स कंपनी के मालिक इलॉन मस्क हैं, फेसबुक और इंस्टाग्राम और मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग हैं, जबकि यूट्यूब और गूगल भी अमेरिकी कंपनी है। अमेरिका ने नया वीजा प्रतिबंध तब लागू किया है, जब कई यूरोपीय और एशियाई देशों ने अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। इन देशों ने सोशल मीडिया कंटेंट हटाने के लिए नोटिस जारी किए और सजा भी सुनाई। रुबियो बोले- विदेशी लोगों को अमेरिकी नागरिकों की पोस्ट सेंसर का अधिकार नहीं रुबियो ने कहा-नया वीजा बैन उन विदेशी नागरिकों पर लागू होगा जो अमेरिका में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सेंसर करने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई अमेरिकी नागरिक अमेरिकी धरती से कोई पोस्ट करता है, तो किसी देश या उसके अधिकारियों को यह मांग करने का अधिकार नहीं है कि वह पोस्ट हटाई जाए, भले ही वह उन्हें आपत्तिजनक या अपमानजनक लगे। कल विदेशी छात्रों के नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगाई अमेरिकी सरकार ने कल विदेशी छात्रों के लिए नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगाई है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंगलवार को इसे लेकर एक आदेश जारी किया। आदेश का मकसद देश की यूनिवर्सिटीज में यहूदी विरोध और वामपंथी विचारों को रोकना है। रुबियो ने दुनिया भर में अमेरिकी दूतावासों को आदेश जारी कर कहा- वे स्टूडेंट वीजा के लिए नए इंटरव्यू शेड्यूल न करें, क्योंकि ट्रम्प सरकार अमेरिका आने वाले छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच को और सख्त करने जा रही है। उन्होंने आगे कहा- तत्काल प्रभाव से कांसुलर सेक्शन आगे के दिशानिर्देश जारी होने तक स्टूडेंट या एक्सचेंज विजिटर (F, M और J) वीजा के लिए नए अपॉइंटमेंट की इजाजत नहीं दे। हालांकि पहले से शेड्यूल किए गए इंटरव्यू हो सकते हैं, लेकिन लिस्ट में नए अपॉइंटमेंट नहीं जोड़े जाएं। ------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प ने स्टूडेंट वीजा के इंटरव्यू पर रोक लगाई:US जाने वाले छात्रों के सोशल मीडिया की जांच होगी; क्लास छोड़ने पर वीजा रद्द होगा अमेरिकी सरकार ने विदेशी छात्रों के लिए नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंगलवार को इसे लेकर एक आदेश जारी किया। आदेश का मकसद देश की यूनिवर्सिटीज में यहूदी विरोध और वामपंथी विचारों को रोकना है। यहां पढ़ें पूरी खबर...

May 29, 2025 - 00:27
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अमेरिकियों की पोस्ट सेंसर करने वालों पर बैन लगेगा:ऐसे लोगों को US वीजा नहीं मिलेगा; ऐसा फैसला लेने वाला अमेरिका दुनिया का पहला देश
अमेरिकी सरकार ने बुधवार को उन लोगों का वीजा बैन करने की ऐलान किया है जो अमेरिकी टेक कंपनियों के सो

अमेरिकियों की पोस्ट सेंसर करने वालों पर बैन लगेगा: ऐसे लोगों को US वीजा नहीं मिलेगा; ऐसा फैसला लेने वाला अमेरिका दुनिया का पहला देश

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अमेरिकी सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उन लोगों के लिए वीजा बैन की घोषणा की है जो अमेरिकी टेक कंपनियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी लोगों की पोस्ट को सेंसर करते हैं। विदेश मंत्री मार्को रुबिया ने इस निर्णय के बारे में बताते हुए कहा कि यह वीजा बैन उन विदेशी अधिकारियों पर लागू होगा जो अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तारी या अन्य दंड की धमकी देकर उनकी पोस्ट को सेंसर करने की कोशिश करते हैं। अमेरिका इस दिशा में कदम उठाने वाला पहला देश है, जो इस प्रकार की सेंसरशिप के खिलाफ आगे बढ़ रहा है।

परिवर्तन का कारण

इस कदम का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुरक्षित करना है। रुबिया ने स्पष्ट किया कि अगर कोई अमेरिकी नागरिक सोशल मीडिया पर कुछ लिखता है, तो किसी अन्य देश के अधिकारियों को यह मांगने का अधिकार नहीं है कि वे पोस्ट को हटा दें। यह मुद्दा तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब कई यूरोपीय और एशियाई देशों ने हाल ही में अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। ऐसे देशों ने सामाजिक मीडिया सामग्री को हटाने के लिए नोटिस जारी किए हैं और किसी भी प्रकार की सजा भी सुनाई है।

अमेरिकन टेक कंपनियों की भूमिका

दुनिया में अधिकतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अमेरिकी कंपनियों द्वारा संचालित होते हैं। जैसे कि एक्स कंपनी, फेसबुक, इंस्टाग्राम, मेटा आदि। इन कंपनियों के CEO प्रमुख रूप से अमेरिकी नागरिक हैं और उनकी तकनीकी क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर मानवता की आज़ादी की रक्षा में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी संदर्भ में नए वीजा प्रतिबंध सिद्धांतों को लागू किया गया है।

विदेशी छात्रों पर प्रभाव

हलांकि, यह नई नीति सिर्फ मजेदार नहीं है। अमेरिकी सरकार ने हाल ही में विदेशी छात्रों के लिए नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगाने का आदेश भी जारी किया है। इस आदेश का मकसद प्रगतिशील विचारधारा और यहूदी विरोध को रोकना है, जिसे ट्रम्प प्रशासन ने शुरू किया। रुबिया ने सभी दूतावासों को निर्देशित किया है कि वे स्टूडेंट वीजा के लिए नए अपॉइंटमेंट की अनुमति न दें।

क्या है इसके परिणाम?

इस निर्णय से अमेरिका के विदेशी संबंधों में एक नया मोड़ आ सकता है। एक ओर जहां यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है, वहीं दूसरी ओर यह विदेशी अधिकारियों के साथ अमेरिका के संबंधों को जटिल बना सकता है। क्या इस बैन का असर उन विदेशी नागरिकों पर भी पड़ेगा जो अमेरिका में वीजा प्राप्त करने के इच्छुक हैं?

कितना भी हो, अमेरिका का यह फैसला कई देशों के लिए एक नज़ीर बन सकता है। इस तरह की नीतियों को लागू करने वाली अन्य सरकारें भी इससे प्रेरित हो सकती हैं, जो अपने नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करना चाहती हैं। यह संगठनों और टेक कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है कि उन्होंने किस तरह की सामग्री पर नियंत्रण करने या सेंसरशिप को बढ़ावा देने का प्रयास किया है।

निष्कर्ष

अंततः, अमेरिकी सरकार का यह कार्रवाई एक बड़े विश्लेषण की आवश्यकता है, ताकि यह समझा जा सके कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, तकनालॉजी और नागरिक अधिकारों में इस बदलाव का क्या प्रभाव पड़ सकता है। जैसे कि मार्को रुबिया ने कहा: "यह स्वीकार्य नहीं है कि विदेशी अधिकारी अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तारी की धमकी दें।"

अमेरिका का यह वीजा बैन न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मजबूत करता है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा में भी एक नया दृष्टिकोण लाता है। हम देखेंगे कि यह नीति कैसे विकसित होती है और यह अन्य देशों में उनकी नीतियों को किस प्रकार प्रभावित कर सकती है।

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