SGPC प्रधान बोले- हिमाचल में सिख वीरों के झंडे फाड़े:हर नागरिक को धार्मिक यात्रा का अधिकार, राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने हिमाचल प्रदेश में सिख विरोधी गतिविधियों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व सिख श्रद्धालुओं के वाहनों पर लगे निशान साहिब और सिख वीरों के चित्र व झंडे फाड़ रहे हैं। एडवोकेट धामी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं देश हित में नहीं हैं। उन्होंने याद दिलाया कि देश की बहु-धार्मिक और बहु-जातीय संस्कृति सिखों की शहादत का परिणाम है। एसजीपीसी प्रधान ने हिमाचल सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है। साथ ही पंजाब सरकार की चुप्पी को भी राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात बताया। शिरोमणि कमेटी ने हिमाचल सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एडवोकेट धामी ने कहा कि हर नागरिक को अपने धर्म के मूल्यों को बनाए रखने और धार्मिक स्थलों की यात्रा का पूरा अधिकार है। उन्होंने पंजाब सरकार से भी हिमाचल में सिखों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाने की मांग की है।

SGPC प्रधान बोले- हिमाचल में सिख वीरों के झंडे फाड़े
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में सिख वीरों के झंडे फाड़ने की घटनाओं ने समुदाय में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान ने इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से अपनी चिंता जताते हुए कहा है कि हर नागरिक को धार्मिक यात्रा का अधिकार है। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में त्वरित और ठोस कार्रवाई की मांग की है।
धार्मिक पहचान और प्रामाणिकता
सिख समुदाय की धार्मिक पहचान की रक्षा करना न केवल उनके लिए बल्कि समस्त भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य है। SGPC प्रधान ने सिख वीरों के झंडों को फाड़ने की घटनाओं को निंदनीय बताया और इस पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया। उनका कहना है कि ऐसा करना न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान है, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव को भी प्रभावित करता है।
राज्य सरकार की भूमिका
राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग करते हुए, SGPC प्रधान ने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार की घटनाओं के पीछे की वास्तविकता को खुलासा करना अत्यंत आवश्यक है। सरकार को तत्काल कदम उठाकर इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
सामुदायिक एकता और समर्थन
यह भी आवश्यक है कि सभी धार्मिक समुदाय एकजुट होकर ऐसे मामलों का सामना करें। SGPC ने यह सुनिश्चित करने के लिए सिख समुदाय से अपील की है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाएं। इसके अलावा, सभी नागरिकों को चाहिए कि वे एक-दूसरे के धार्मिक अधिकारों का सम्मान करें और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखें।
यह मामला केवल सिख समुदाय से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह समस्त भारतीय समाज के लिए एक चेतावनी है। हमें मिलकर ऐसे कृत्यों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए, जिनसे हमारे देश की धार्मिक विविधता को खतरा हो। SGPC प्रधान ने सभी से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें।
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