अडाणी ग्रीन एनर्जी श्रीलंका में नहीं बनाएगी विंड पावर कॉम्प्लेक्स:484 मेगावाट का प्रोजेक्ट ₹3,844 करोड़ में बनना था

अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी अब श्रीलंका में अपने दो प्रस्तावित विंड पावर कॉम्प्लेक्स नहीं बनाएगी। 484 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट को श्रीलंका के मन्नार और पूनरी कोस्टल एरिया में बनाया जाना था।आज यानी गुरुवार (13 फरवरी) को कंपनी ने एक प्रेस नोट के जरिए इस बात की जानकारी दी। कंपनी ने कहा, 'अडानी ग्रीन एनर्जी ने श्रीलंका में रिन्यूएबल एनर्जी, विंड एनर्जी और दो ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स से पीछे हटने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी श्रीलंका के संबंधित विभाग को दे दी गई है। हम श्रीलंका के लिए प्रतिबद्ध हैं और अगर श्रीलंका सरकार चाहे तो भविष्य में सहयोग के लिए तैयार हैं।' अमेरिका में करप्शन के मामले के चलते कैंसिल किया था परचेज एग्रीमेंट हाल ही में श्रीलंका ने अडाणी ग्रुप से पावर परचेज एग्रीमेंट खत्म करने का फैसला किया था। तब श्रीलंका ने तर्क दिया था कि ग्रुप के मालिक गौतम अडाणी पर अमेरिका में करप्शन के गंभीर आरोप लगे हैं। सरकार ने मई 2024 में अडाणी विंड पावर कॉम्प्लेक्स से बिजली खरीदने के लिए यह एग्रीमेंट किया था। श्रीलंकन सरकार इस पावर कॉम्प्लेक्स से 0.0826 डॉलर (मौजूदा वैल्यू- करीब 7.18 रुपए) प्रति किलोवाट के रेट से बिजली खरीदने के लिए समझौता किया था। दिसानायके एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रोजेक्ट की जांच शुरू की रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके एडमिनिस्ट्रेशन ने ग्रुप की कंपनी के लोकल प्रोजेक्ट को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी भी बनाई थी। कई श्रीलंकन एक्टिविस्ट्स ने इस प्रोजेक्ट को चुनौती दी थी, उनका तर्क था कि कई छोटी रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स अडाणी की तुलना में दो-तिहाई कीमत पर बिजली बेच रही हैं। इसके अलावा, कंपनी पर एनवायरनमेंटल कंसर्न के चलते सुप्रीम कोर्ट में एक अलग मामला चल रहा है। अडाणी पर अमेरिका में लगे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी को अरबों रुपए की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी करने के आरोप के मामले में समन भेजना अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड कमीशन (SEC) के अधिकार में नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि समन उचित राजनयिक माध्यम से भेजना होगा। वहीं गौतम अडाणी समेत 8 लोगों से जुड़ा यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके इस मामले की जांच की मांग की है। याचिका में अडाणी ग्रुप के खिलाफ शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की मार्केट रेगुलेटर SEBI की ओर से की गई जांच में खामियों का भी आरोप लगाया गया है और सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की विश्वसनीयता पर चिंता जताई गई है। नवंबर में बांग्लादेश ने अडाणी से बिजली डिमांड आधी की थी नवंबर 2024 में बांग्लादेश ने गौतम अडाणी की बिजली कंपनी अडाणी पावर से बिजली खरीदना आधी कर दी थी। बांग्लादेश की सरकार ने सर्दियों के चलते मांग में कमी और बकाया पेमेंट के भुगतान में देरी के कारण यह फैसला लिया था। इससे पहले 31 अक्टूबर 2024 को कंपनी ने ड्यू पेमेंट में देरी के चलते देश को बिजली सप्लाई आधी कर दी थी। तब बांग्लादेशी पावर डिस्ट्रिब्यूशन के अध्यक्ष ने कहा था...

Feb 13, 2025 - 18:59
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अडाणी ग्रीन एनर्जी श्रीलंका में नहीं बनाएगी विंड पावर कॉम्प्लेक्स:484 मेगावाट का प्रोजेक्ट ₹3,844 करोड़ में बनना था
अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी अब श्रीलंका में अपने दो प्रस्तावित विंड पावर कॉम्प्लेक्

अडाणी ग्रीन एनर्जी का श्रीलंका में विंड पावर कॉम्प्लेक्स नहीं बनाना

हाल ही में, अडाणी ग्रीन एनर्जी ने अपने 484 मेगावाट के विंड पावर कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट को श्रीलंका में न बनाने का निर्णय लिया है। यह प्रोजेक्ट लगभग ₹3,844 करोड़ की लागत से तैयार किया जाना था। यह निर्णय कई आर्थिक और राजनीतिक कारणों से लिया गया है, जो श्रीलंका की वर्तमान स्थिति को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण है।

श्रीलंका में ऊर्जा प्रोजेक्ट की स्थिति

श्रीलंका में पिछले कुछ समय से ऊर्जा संकट गहरा होता जा रहा है। सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने की दिशा में कई प्रयास किए हैं, लेकिन इनमें बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अडाणी ग्रीन एनर्जी का यह प्रोजेक्ट, जो संभावित रूप से श्रीलंका की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकता था, अब नहीं बन पाएगा।

अडाणी समूह का नया दृष्टिकोण

अडाणी समूह ने Sri Lanka में अपने निवेश पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय निवेश के माहौल और स्थानीय प्रबंधन के मुद्दों को देखते हुए लिया गया है। यह महत्वपूर्ण है कि कंपनियाँ ऐसे वातावरण में निवेश करें जहाँ उन्हें लंबी अवधि के लिए लाभ मिल सके।

अन्य संभावनाएँ और राजनीतिक पहलू

अडाणी ग्रीन एनर्जी का यह निर्णय न केवल वित्तीय कारणों से प्रभावित है बल्कि कई राजनीतिक पहलुओं से भी संबंधित है। श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता ने निवेशकों के लिए अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है। भविष्य में यदि स्थिति सुधरती है, तो अडाणी समूह पुनः भारतीय निवेश को देखने का विचार कर सकता है।

अंत में, श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र में अनेक संभावनाएँ अभी भी मौजूद हैं। हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए, सभी पक्षों को स्थिरता और विकास के लिए एकजुट होना होगा।

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