अराजकतत्वों ने तोड़ी अंबेडकर प्रतिमा:ग्रामीणों ने जमकर किया प्रदर्शन, SDM-CO ने पहुंचकर संभाली स्थिति
जालौन में कुछ अराजक तत्वों ने बुधवार रात को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दिया। सुबह जब ग्रामीणों ने प्रतिमा को क्षतिग्रस्त देखा तो गांव में तनाव का माहौल बन गया। बड़ी संख्या में लोग अंबेडकर पार्क में इकट्ठा हो गए, जहां नारेबाजी कर प्रशासन से अराजकतत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं, जानकारी पर स्थानीय पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा, जिन्होंने मामले की गंभीरता समझते हुए स्थिति को नियंत्रित किया और शांति बनाए रखने की अपील की। इसके साथ ही आरोपियों को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया। पहले चार तस्वीरें देखिए... घटना कुठौंद थाना क्षेत्र के ग्राम हाजीपुर की है, यहां कुछ अराजक तत्व द्वारा रात के समय संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बारे में तब जानकारी मिली जब सुबह के समय ग्रामीण पार्क की तरफ गए। उन्होंने बाबा साहब की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त देखा तो आक्रोशित हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद गांव में माहौल तनावपूर्ण हो गया। भीम आर्मी कार्यकर्ता पहुंचे इसके बाद बीएसपी के साथ भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी पहुंच गए, जिन्होंने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने प्रशासन से मांग की कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। वहीं, तनावपूर्ण माहौल देखते हुए माधौगढ़ एसडीएम मनोज कुमार, जालौन के सीओ शैलेन्द्र बाजपेई, थाना प्रभारी अजय ब्रह्म तिवारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे, जिन्होंने ग्रामीणों को शांत कराया। ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील सीओ शैलेन्द्र बाजपेई ने बताया कि पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। गांव के लोगों और समिति के सदस्यों की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। पुलिस ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

अराजकतत्वों ने तोड़ी अंबेडकर प्रतिमा: ग्रामीणों ने जमकर किया प्रदर्शन
हाल ही में एक दुखद घटना में, अराजकतत्वों ने अंबेडकर प्रतिमा को तोड़ दिया, जिससे स्थानीय समुदाय में भारी रोष उत्पन्न हुआ। इस घटना ने न केवल महिला-पुरुषों को बल्कि बच्चों को भी प्रभावित किया, जो अपने नेता के आदर्शों की भावनाओं से जुड़े हैं। आम जनता और विशेष रूप से समाज के शिक्षित वर्ग ने इस तरह की हिंसा और असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाई है। प्रदर्शनकारियों ने यह स्पष्ट किया कि वे ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ग्रामीणों का प्रदर्शन
आपसी एकता दर्शाते हुए, ग्रामीणों ने इस घटना के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदर्शन के माध्यम से एकजुटता और शांति का संदेश दिया। प्रदर्शनकारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसे कृत्य फिर से न हों। प्रदर्शनों में लगे लोग अंबेडकर के न्याय और समानता के सिद्धांतों का हवाला दे रहे थे, जो हमारे समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं।
SDM और CO की प्रतिक्रिया
स्थिति को संभालने के लिए, स्थानीय उपखंड अधिकारी (SDM) और सर्कल ऑफिसर (CO) मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से बात की और स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले की गहराई से जांच करेंगे और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। अधिकारियों की इस तत्परता ने लोगों के बीच थोड़ी राहत प्रदान की है।
निष्कर्ष
यह घटना दर्शाती है कि हमारे समाज में असहिष्णुता और तनाव को समाप्त करने की आवश्यकता है। इस तरह की निंदनीय घटनाओं को रोकने के लिए हमें सामुदायिक एकता और समझदारी को बढ़ावा देने की जरूरत है। किसी भी समुदाय का नागरिक उस समुदाय के इतिहास और संस्कृति का सम्मान करता है, और ऐसे कार्यों से केवल सामाजिक ताने-बाने को नुकसान ही होता है।
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