आजमगढ़ में धूमधाम से मनेगी श्रीहनुमान जयंती:जिले के मंदिरों में होगा भजन पूजन कीर्तन, अहिरौला के मंदिर पर 66 वर्षों से मनाई जाती है जयंती
भगवान श्री हनुमान जयंती के अवसर पर आजमगढ़ जिले के मंदिरों में सुबह से ही भजन पूजन कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जाता है। जिले के मातबरगंज चौक, बड़ा गणेश मंदिर के साथ ही अहिरौला थाना क्षेत्र के रेड़हा के श्री इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर में श्री हनुमान जयंती का कार्यक्रम धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जिले के मंदिरों में सुबह से ही भजन पूजन कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में भक्त श्री हनुमान जन्मोत्सव के कार्यक्रम में शामिल होते हैं और धूमधाम के साथ मानते हैं। 66 वर्षों से धूमधाम के साथ मनाई जाती है श्री हनुमान जयंती आजमगढ़ जिले के रेड़हा केसरी इच्छा पूर्ण बालाजी हनुमान मंदिर में 66 वर्षों से श्री हनुमान जयंती का कार्यक्रम प्रतिवर्ष धूमधाम के साथ मनाया जाता है। श्री हनुमान जयंती के दिन सुबह से ही यहां पर भजन कीर्तन होने के साथ ही भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें दूर-दूर से बड़ी संख्या में भक्त श्री हनुमान जी के जन्मदिन पर प्रसाद ग्रहण करने आते हैं। इस मंदिर की स्थापना 1959 में की गई थी तब से लगातार यहां पर श्री रामनवमी को मेला श्री कृष्ण जन्मोत्सव श्री बालाजी जन्मोत्सव और महा शिवरात्रि का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में भक्त यहां पर पूजन दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर में स्थापित देवी देवताओं की मूर्तियों के कपड़े और पोशाक कोलकाता से मंगाई जाती है।

आजमगढ़ में धूमधाम से मनेगी श्रीहनुमान जयंती
News by indiatwoday.com
जिले के मंदिरों में होगा भजन, पूजन और कीर्तन
आजमगढ़ में श्रीहनुमान जयंती का पर्व धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है। यह त्योहार समर्पण और भक्ति का प्रतीक है, जिसमें भक्त अपने आराध्य श्रीहनुमान जी की पूजा करते हैं। जिले के प्रमुख मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें भजन, पूजन और कीर्तन का आयोजन होगा। भक्तों की अपार भीड़ इस अवसर पर श्रद्धा के साथ भाग लेगी।
अहिरौला के मंदिर पर 66 वर्षों से मनाई जाती है जयंती
इस वर्ष, श्रीहनुमान जयंती के अवसर पर अहिरौला के मंदिर पर खास आयोजन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यहाँ पर यह जयंती पिछले 66 वर्षों से मनाई जा रही है। यह आयोजन स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर होता है, जिसमें श्रद्धालु मंदिर में एकत्र होकर भक्ति गीत गाते हैं और हनुमान जी की महिमा का गायन करते हैं। श्रीहनुमान की शक्ति और उनके प्रति श्रद्धा का यह पर्व सभी को एकजुट करने का काम करता है।
समुदाय का योगदान और आयोजन की तैयारियाँ
इस आयोजन की तैयारियों में स्थानीय समाजसेवी और संगठन सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। सभी ने मिलकर इस पर्व को सफल बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई है। मंदिर परिसर को सजाया जाएगा और भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी ताकि सभी श्रद्धालु सहजता से पूजा-अर्चना कर सकें।
निष्कर्ष
श्रीहनुमान जयंती का पर्व केवल धार्मिक अनुपालन नहीं, बल्कि एक समर्पण और एकता का समारोह भी है। आजमगढ़ के मंदिरों में होने वाली भजन-कीर्तन की धूम सभी को जोड़ती है और एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। आने वाले दिनों में इस पर्व को मनाने के लिए सभी भक्त उत्सुकता से तैयार हैं।
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