आध्यात्मिक चेतना को जगाता है महाकुंभ:देश-विदेश से आए श्रद्धालु बोले- जीवन धन्य होगा, दुनिया में ऐसा आयोजन कहीं नहीं देखा
महाकुंभ में पूरी दुनिया से स्नानार्थियों और सैलानियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। श्रद्धालुओं और सैलानियों ने संगम में स्नान करने के साथ ही महाकुंभ मेला क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को देखा। वहीं, कई विदेशी सैलानी महाकुंभ के में आयोजित हो रहे बर्ड फेस्टिवल का हिस्सा बनकर जीव-जंतुओं और पक्षियों के संरक्षण के लिए हो रहे प्रयासों की भी जानकारी लेते दिखे। उनके अनुसार, महाकुंभ केवल मनुष्य ही नहीं, पक्षियों व जीव-जंतुओं के कल्याण का भी मार्ग प्रशस्त कर रहा एक महाआयोजन है जिसका हिस्सा बनकर वह खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। मानवता और धर्म के प्रति विश्वास को दिखाता है महाकुंभ दिल्ली से त्रिवेणी संगम में स्नान करने आईं मोनिका ने बताया कि यह मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत पल है। उन्होंने कहा कि इतने लोगों को एका साथ आस्था की डोर में बंधकर त्रिवेणी संगम में स्नान करते देखना अविस्मरणीय क्षण था। मैंने मीडिया में तो इन चीजों को देखा था मगर यहां आकर स्वयं महाकुंभ के इन खूबसूरत क्षणों को जीना एक ऐसा अनुभव है जिसने धर्म और मानवता के प्रति मेरे विश्वास को और दृढ़ कर दिया है। यह एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक यात्रा थी। वहीं दिल्ली से ही आईं शीघ्र बंसल ने कहा कि मैं पहली बार कुम्भ के आयोजन में प्रयागराज आई हूं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह आउट ऑफ द वर्ल्ड एक्सपीरिएंस था। मैं ज्यादा आध्यात्मिक व्यक्ति नहीं हूं इसके बावजूद यहां की दिव्य आध्यात्मिक व सकारात्मक ऊर्जाओं को अनुभूत कर सकी। यहां पर जिस प्रकार सकुशल जनप्रबंधन हो रहा है इसके लिए स्थानीय प्रशासन बधाई का पात्र है। सकारात्मक ऊर्जा से भरी है महाकुंभ में जुटी भीड़ एक अन्य स्नानार्थी सुमिता वाही ने बताया कि मैं आध्यात्मिक अभिरुचि रखती हूं इसलिए मेरे लिए यह एक बेहद विशिष्ट क्षण है। उन्होंने कहा कि यहां इतनी अपार भीड़ जुटी हुई है मगर सभी सकारात्मक ऊर्जा से भरे हुए हैं। यही कारण है कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में आपको अपार सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होती है। पक्षियों और जीव-जंतुओं के संरक्षण का माध्यम बना महाकुंभ यूके से आईं एमा ने बताया कि मैं पहली बार कुम्भ मेला में भाग लेने भारत आई हूं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में दिव्यता को अनुभूत करने के साथ यहां आयोजित हुए बर्ड फेस्टिवल को भी देखने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता के साथ ही पर्यावरण और जैविक संरक्षण की दिशा में हो रहे कामों की जितनी प्रशंसा हो वह कम है। एक अन्य विदेशी सैलानी ने भी बर्ड फेस्टिवल में भारत के कंसर्वेशन एक्सपर्ट्स से हुए इंटरैक्शन को यादगार बताते हुए प्रयागराज की धरती की जमकर तारीफ की और उन्होंने इस बात को लेकर खुशी जताई कि महाकुंभ मनुष्यों के साथ ही पक्षियों व जीव-जंतुओं के संरक्षण का भी माध्यम बन रहा है।

आध्यात्मिक चेतना को जगाता है महाकुंभ
महाकुंभ, जो कि भारतीय संस्कृति का एक अद्वितीय आयोजन है, हर बार श्रद्धालुओं को अपने आध्यात्मिकता की गहराईयों में ले जाता है। इस साल, देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने इसे एक अभूतपूर्व अनुभव बताया। "जीवन धन्य होगा, दुनिया में ऐसा आयोजन कहीं नहीं देखा," यह शब्द हर श्रद्धालु की जुबान पर थे। महाकुंभ का माध्यम न केवल आध्यात्मिक जागृति है, बल्कि यह जीवन में संजीवनी शक्ति का संचार भी करता है।
श्रद्धालुओं का उत्साह
महाकुंभ के दौरान, श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक होता है। हर जगह भव्यता और आस्था का अद्भुत मेल होता है। देश-विदेश से आए लोग यहां गंगा स्नान करने, साधुओं से आशीर्वाद लेने और धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लेने के लिए आए हैं। माहौल में भक्ति, शांति और आंनद का अनुभव होता है। हर कोई एक-दूसरे से मिलकर अपने अनुभव साझा कर रहा है और इस आयोजन को अपने जीवन का महानतम अनुभव मानता है।
आध्यात्मिकता का उत्सव
महाकुंभ केवल एक धार्मिक मेला नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक चेतना का उत्सव है। इसमें शामिल होकर श्रद्धालु आत्मा की शांति और जीवन में नया अर्थ खोजते हैं। इस आयोजन का अनुभव कर सभी का मन भक्ति में लीन हो जाता है। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रवचन और साधु-संतों की उपस्थिति इसे और भी खास बनाते हैं। यही कारण है कि महाकुंभ हर कोई अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानता है।
महाकुंभ का वैश्विक महत्व
यह आयोजन न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों और अन्य देशों के धार्मिक व्यक्तियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। महाकुंभ का महत्व सभी के लिए अद्वितीय है। यहां होने वाले अनुष्ठानों और धर्मिक क्रियाकलापों की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है। यहां उपस्थित लोग अपनी आध्यात्मिक यात्रा को साझा करते हैं और महान ऋषियों की भक्ति में लीन होते हैं।
अंत में, महाकुंभ का यह अनुभव हर श्रद्धालु को जोड़ता है, उनकी आध्यात्मिकता को जागृत करता है और जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास करता है। इस असाधारण आयोजन में भाग लेकर लोग न केवल आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्त करते हैं, बल्कि जीवन को नई दिशा भी देते हैं।
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