आरबीआई ने जनवरी में 3 टन सोना खरीदा:गोल्ड रिजर्व 879 टन पर पहुंचा, अस्थिर माहौल और रुपए में कमजोरी के बीच बढ़ी खरीदारी
अस्थिर माहौल और रुपए में कमजोरी के बीच रिजर्व बैंक ने जनवरी में 2.8 टन सोना खरीदा। बीते साल भी आरबीआई ने 72.6 टन सोना खरीदा था। इसके चलते केंद्रीय बैंक के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़कर 11.3% हो गई है, जो एक साल पहले 7.7% थी। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी के आखिर तक देश का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 879 टन हो गया। पिछले साल के मुकाबले यह 8% ज्यादा है। 2 फरवरी, 2024 को देश का गोल्ड रिजर्व 812.33 टन था। दिलचस्प है कि 2024 में रिजर्व बैंक ने लगातार सातवें साल गोल्ड रिजर्व बढ़ाया था। इस बीच चीन ने जनवरी में लगातार तीसरे महीने सोने की खरीदारी की। तीन कारणों से सोना खरीद रहे केंद्रीय बैंक 1 जनवरी से अब तक सोना 10,194 रुपए महंगा हुआ इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक (24 फरवरी) 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 10,194 रुपए बढ़कर 86,356 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 10,227 रुपए बढ़कर 96,244 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं पिछले साल यानी 2024 में सोना 12,810 रुपए महंगा हुआ था। इस साल 90 हजार रुपए तक जा सकता है सोना केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि एक बड़ी रैली के बाद सोने में गिरावट आनी थी, वह आ चुकी है। अमेरिका के बाद UK ने ब्याज दरों में कटौती और जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं गोल्ड ETF में निवेश भी बढ़ रहा है। इससे भी गोल्ड की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में इस साल सोना 90 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

आरबीआई ने जनवरी में 3 टन सोना खरीदा
भारत के रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जनवरी महीने में 3 टन सोने की खरीदारी की है। इस खरीद की वजह से भारत की गोल्ड रिजर्व अब कुल 879 टन पर पहुंच गई है। अस्थिर माहौल और भारतीय रुपये में लगातार गिरावट के बीच सोने की खरीदारी में यह वृद्धि एक महत्वपूर्ण संकेत है।
गोल्ड रिजर्व की बढ़ती मात्रा
आरबीआई द्वारा सोने की यह खरीदारी इस बात का संकेत है कि केंद्रीय बैंक सोने के महत्व को समझता है। जब वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता होती है, तब सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में उभरता है। यह स्थिति रुपये की कमजोरी के दौरान विशेष रूप से प्रासंगिक हो जाती है, जिससे निवेशकों का विश्वास और बढ़ता है।
बाजार के रुझान
इसी परिवेश में, यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारतीय बाजार में आलम कैसे बदल रहा है। सोने की बढ़ती कीमतें और रुपये की गिरावट के बीच निवेशक निवेश के लिए सोने को एक सटीक विकल्प मान रहे हैं। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक स्थिति और भू-राजनीतिक घटनाएं भी सोने की मांग को प्रभावित कर रही हैं।
निवेशकों के लिए संकेत
आरबीआई की इस खरीदारी से निवेशकों को यह संकेत मिलता है कि सोने का मूल्य समय के साथ स्थिरता लिए रह सकता है। अस्थिरता के इस माहौल में, सोना एक आर्थिक ढाल के रूप में काम कर सकता है, जिससे निवेशकों का ध्यान इसकी ओर आकृष्ट होता है।
इस घटनाक्रम को देखते हुए, गोल्ड निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की गति को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश की रणनीति को अपडेट करें।
अंत में, आरबीआई द्वारा की गई सोने की इस खरीदारी से यह स्पष्ट होता है कि बैंक सोने को एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में देखता है। आने वाले दिनों में, बाजार की स्थिति और रुपये की हालात को देखते हुए सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव संभावित है।
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