उल्लास उत्सव में दिखी युवाओं की प्रतिभा:1000 कलाकारों ने दिखाया हुनर, संगीत नाटक अकादमी में प्रतियोगिता का आयोजन हुआ
लखनऊ उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित उल्लास उत्सव में युवा कलाकारों ने अपनी प्रतिभा दिखाई।कार्यक्रम आयोजन अकादमी परिसर के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में हुआ।इस कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय संगीत प्रतियोगिता के स्वर्ण जयंती वर्ष का जश्न मनाया गया। समारोह में ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति साहित्य कुमार नाहर सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह और पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया गया। हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया अकादमी के अध्यक्ष जयंत खोत ने बताया कि 1975 से अब तक 18 मंडलों के अंतर्गत 19 जनपदों में शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं। इस वर्ष की प्रतियोगिता में करीब एक हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय संगीत की विरासत को संरक्षित करने और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने का प्रयास है। इन विजेताओं को सम्मानित किया गया तीनों वर्गों में आयोजित प्रतियोगिता में बाल वर्ग, किशोर वर्ग और युवा वर्ग के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया । बाल वर्ग में बांदा के मो. बिलाल को सारंगी, वाराणसी के शिवांश को सितार, लखनऊ के अर्थव मिश्रा को भजन, और सहारनपुर की अनन्या सिंह को कथक में प्रथम स्थान मिला।

उल्लास उत्सव में दिखी युवाओं की प्रतिभा: 1000 कलाकारों ने दिखाया हुनर
हाल ही में आयोजित उल्लास उत्सव ने एक बार फिर साबित कर दिया कि युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। इस विशेष कार्यक्रम में लगभग 1000 कलाकारों ने अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन किया। संगीत नाटक अकादमी में आयोजित यह प्रतियोगिता विभिन्न आत्मप्रकाशित कला रूपों का एक अद्भुत समागम थी। प्रतिभागियों ने अपनी कला के जरिए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रतियोगिता का उद्देश्य
उल्लास उत्सव का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अपनी कला और प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में विभिन्न कला रूपों जैसे नृत्य, संगीत, नाटक और रंगमंच पर केंद्रित प्रदर्शन देखने को मिले। युवाओं ने न केवल अपने कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि उन्होंने अपने विचारों और विचारधाराओं को भी अभिव्यक्त किया।
प्रतिभागियों की तैयारी
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवाओं ने कई महीने तक तैयारी की थी। उन्होंने गहन अभ्यास किया और अपने प्रदर्शन को और भी बेहतर बनाने के लिए कई कार्यशालाओं में भाग लिया। इस उत्सव में भाग लेने से पहले, हर कलाकार ने अपनी शैली और अभिव्यक्ति को निखारा, जिससे उन्होंने दर्शकों के दिलों को छू लिया।
दर्शकों की प्रतिक्रिया
उल्लास उत्सव में उपस्थित दर्शकों ने कलाकारों की प्रशंसा की और इस कार्यक्रम को सराहा। हर प्रस्तुति के बाद तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी, जो दर्शाती थी कि कला में यूथ का जोश और समर्पण बेशक अद्वितीय है। आयोजकों ने दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर यह योजना बनाई है कि वे भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
मंच का महत्व
इस प्रकार के आयोजनों का महत्व न केवल कलाकारों बल्कि समाज के लिए भी बहुत बड़ा होता है। यह युवा पीढ़ी को प्रेरित करता है और उन्हें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उत्साहित करता है। साथ ही, ये आयोजनों लोकल कलाकारों को अपनी कला को विस्तार देने का एक अवसर प्रदान करते हैं।
उल्लास उत्सव की सफलता इस बात को दर्शाती है कि अगर युवाओं को सही अवसर दिया जाए, तो वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं और समाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।
News by indiatwoday.com
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