एचआरटीसी ड्राइवर आत्महत्या मामला गरमाया:यूनियन ने DM की जांच रिपोर्ट पर उठाए सवाल; रिटायर जज या स्वतंत्र एजेंसी से मांगी जांच
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के धर्मपुर डिपो में तैनात एचआरटीसी ड्राइवर संजय कुमार की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन ने बुधवार को शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डीएम मंडी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को गलत बताते हुए उन्हें जांच से हटाने की मांग की। यूनियन अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने एचआरटीसी एमडी द्वारा मामले में त्वरित कार्रवाई की सराहना की, लेकिन डीएम मंडी की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में दर्ज किया गया कि ड्राइवर ने घरेलू हिंसा के कारण छुट्टी मांगी थी, जो पूरी तरह से गलत है। यूनियन ने डिप्टी सीएम और एचआरटीसी एमडी से सेवानिवृत्त जज या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। आरएम को धर्मपुर से हटाया इस बीच, प्रबंधन ने आरएम धर्मपुर विनोद कुमार को यहां से हटाकर डीएम मुख्यालय मंडी में तैनात कर दिया है। उनकी जगह आरएम सरकाघाट मेहर चंद को धर्मपुर डिपो का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। बता दें कि मृतक ड्राइवर संजय कुमार ने विनोद कुमार पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। ड्राइवर से जहरीला पदार्थ निगला था। मरने से पहले उन्होंने एक वीडियो बनाया और सोशल मीडिया में वारयल किया। इसमें आरएम धर्मपुर पर उन्होंने कई आरोप लगए। DM मंडी ने निराधार बताए सारे आरोप वहीं एचआरटीसी मंडी के डीएम विनोद ठाकुर ने ड्राइवर संजय कुमार मामले में आरएम धर्मपुर विनोद कुमार पर लगे गए सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था। उधर, मंडी के ओट थाने में परिवार की तरफ से बयान दर्ज किए गए हैं। हालांकि, कोई शिकायत नहीं दी गई है। डीएम विनोद ठाकुर ने आरएम धर्मपुर को आगामी आदेशों तक पद से हटाने और उनके दफ्तर में ही तैनात रहने के आदेशों के पुष्टि की है। फिलहाल, इस मामले में सात दिन में डीएम जांच के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे।

एचआरटीसी ड्राइवर आत्महत्या मामला गरमाया
हाल ही में, एचआरटीसी ड्राइवर आत्महत्या मामले ने राज्य में हलचल मचा दी है। यह घटना न केवल मानवीय दृष्टिकोण से चिंताजनक है, बल्कि इसके पीछे के कारणों पर भी गहराई से ध्यान देने की आवश्यकता है। यूनियन ने संबंधित DM की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए रिटायर जज या स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है। इस मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक कदम है।
यूनियन का विरोध
एचआरटीसी ड्राइवरों की यूनियन ने DM की रिपोर्ट पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि रिपोर्ट में कई तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है। यूनियन का मानना है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि इसमें संस्थागत समस्याओं का भी समावेश है। ड्राइवरों की आत्महत्या की घटनाओं के पीछे के कारणों की खोज में, यूनियन ने संबंधित अधिकारियों के प्रति अपनी नाराज़गी व्यक्त की है।
जांच की मांग
उपरोक्त घटनाक्रम को देखते हुए, यूनियन ने मांग की है कि मामले की जांच एक रिटायर जज या एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा की जाए। यह कदम मामले की गंभीरता को दर्शाता है और यह दर्शाता है कि यूनियन पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग कर रही है। यूनियन ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे और भी अधिक विरोध शुरू करने के लिए मजबूर होंगे।
सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
यह घटना न केवल एचआरटीसी ड्राइवरों के समुदाय में भयानक मानसिक स्वास्थ्य प्रभाव डालती है, बल्कि इस मुद्दे का सामाजिक पहलू भी है। मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेकर, अधिकारियों को चाहिए कि वे प्रोफेशनल काउंसलिंग और अन्य समर्थन सेवाएं प्रदान करें।
एचआरटीसी से जुड़ी सभी पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि ऐसे परेशान करने वाले मामलों को फिर से न होने दिया जा सके। संघर्ष को समाप्त करने के लिए संवाद, समझ और सहयोग आवश्यक है।
अंततः, इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संबंधित संगठन अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण पर ध्यान दें। सब मिलकर ही इस त्रासदी का सामना कर सकते हैं।
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