RTE एडमिशन में बुलंदशहर को प्रदेश में चौथा स्थान:5592 बच्चों को मिला प्रवेश, वाराणसी प्रथम, लखनऊ द्वितीय और कानपुर थर्ड
उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। बुलंदशहर ने इस मामले में प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया है, जहां 5,592 बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिला है। वाराणसी ने 10,278 आवेदनों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया है, जिसके बाद लखनऊ 8,714 और कानपुर 8,276 आवेदनों के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। मुरादाबाद (5,566), मेरठ (5,464), गाजियाबाद (5,099), अलीगढ़ (4,880), आगरा (4,626) और गोरखपुर (3,752) ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में आवेदनों की संख्या में कमी आई है, लेकिन दूसरे चरण में बुलंदशहर में पहले ही 2,500 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जो प्रदेश में तीसरा स्थान है। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में कुल सीटों का 25 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित है, जिन्हें आठवीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। यह प्रक्रिया चार चरणों में पूरी की जाएगी, जिससे अधिक से अधिक पात्र बच्चों को इस योजना का लाभ मिल सके। नहीं होता प्रचार-प्रसार आरटीई के तहत निर्बल वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाकर कक्षा आठ तक निशुल्क शिक्षा दिलाई जाती है। इस योजना का प्रचार-प्रसार न होने की वजह से स्कूलों में विद्यार्थियों को आवेदन की जानकारी नहीं हो पाती है। जिले में लगभग 17,500 सीटें हैं। हर स्कूल में 25 प्रतिशत सीट होती हैं। इनमें प्रवेश दिया जाना होता है। आवेदन न होने से निर्बल आय वर्ग के परिवार के बच्चों को लाभ नहीं मिलेगा।

RTE एडमिशन में बुलंदशहर को प्रदेश में चौथा स्थान
हाल ही में आरटीई (राइट टू एजुकेशन) एडमिशन प्रक्रिया के तहत बुलंदशहर ने चार राज्यों में चौथा स्थान प्राप्त किया है। इस वर्ष, जिले में 5592 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया गया, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बुलंदशहर में शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता और प्रयासों के चलते अधिक बच्चे स्कूल जा रहे हैं।
रैंकिंग स्थिति
इस बार की रैंकिंग में वाराणसी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जबकि लखनऊ ने द्वितीय और कानपुर ने तृतीय स्थान पाया। यह जानकारी दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षा में सुधार के प्रयास लगातार जारी हैं।
बुलंदशहर का शिक्षा चित्र
बुलंदशहर के शिक्षा विभाग ने इस सफलता के पीछे स्कूलों की संख्या और शिक्षकों की बेहतर उपलब्धता को कारण बताया है। आरटीई अधिनियम के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। इस योजना से लाभान्वित बच्चों में सीखने का उत्साह और बेहतर भविष्य की संभावनाएँ नजर आ रही हैं।
आगे की योजना
भविष्य में, शिक्षा विभाग उन स्कूलों पर ध्यान केंद्रित करेगा जहां प्रवेश दर कम है। इसके अलावा, प्रशासन बच्चों और अभिभावकों को आरटीई की सुविधाओं के बारे में अधिक जागरूक करने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा।
इस क्षेत्र में प्रगति को बनाए रखने के लिए, सभी संबंधित प्राधिकारियों की सक्रियता आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि हर बच्चा शिक्षा के अवसर का लाभ उठा सके।
निष्कर्ष
बुलंदशहर का यह चौथा स्थान एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है। आने वाले वर्षों में इस दिशा में और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है ताकि सभी बच्चों को उनकी शिक्षा के अधिकार का लाभ मिल सके।
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