ओला-रोस्मार्टा के बीच बकाया राशि विवाद सुलझा:रोस्मार्टा ने दिवालियापन कार्यवाही की याचिका वापस ली; ओला पर ₹26 करोड़ पेमेंट रोकने का आरोप था
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मेकर ओला इलेक्ट्रिक ने रोस्मर्टा ग्रुप के साथ 26 करोड़ रुपए की बकाया राशि वाले मामले को सुलझा लिया है। कंपनी ने मंगलवार को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि रोस्मर्टा ग्रुप ने ओला टेक्नोलॉजी लिमिटेड के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही के लिए दायर की गई याचिका को वापस ले लिया है। इसके बाद मंगलवार के शुरूआती कारोबार में ओला का शेयर 3.6% चढ़ा। हालांकि ये अभी 3.19% की गिरावट के साथ 53.95 रुपए पर ट्रेड कर रहा है। रोस्मर्टा डिजिटल ने बेंगलुरु के नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) में दायर दिवालियापन याचिकाओं को वापस लेने का मेमो दाखिल कर दिया है। 3 पॉइंट में समझें पूरा मामला इस मामले से तीन कंपनियां ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी उसकी सब्सिडियरी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और रोस्मर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड जुड़ी हैं। कुछ दिन पहले शोरूम्स पर हुई थी छापेमारी ओला के स्टोर्स पर देशभर में RTO कार्रवाई कर रही है। अब तक महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 32 स्टोर्स पर रेड पड़ चुकी है। इसके अलावा राजस्थान में कुछ स्टोर्स पर भी कार्रवाई की गई है। इसमें 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों के जब्त किया जा चुका है। ओला के स्टोर पर 4 बार रेड हुई दूसरी कंपनियों की शिकायत के बाद कार्रवाई गुरुग्राम की प्रताप सिंह एंड एसोसिएट्स कंपनी ने ओला इलेक्ट्रिक और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने कार्रवाई की । 95% स्टोर पर नहीं है बेसिक सर्टिफिकेशन ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक 4,000 स्टोर खोले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से लगभग 3,400 शोरूम का ही डेटा उपलब्ध है। 3,400 में से 100 शोरूम ही ऐसे थे, जिनके पास मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे। कंपनी के 95% से अधिक स्टोर में अनरजिस्टर्ड टू व्हीलर्स डिस्प्ले करने, बेचने और उनकी टेस्ट राइड ऑफर करने के लिए जरूरी बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं हैं।

ओला-रोस्मार्टा के बीच बकाया राशि विवाद सुलझा
वर्तमान समय में ओला और रोस्मार्टा के बीच बकाया राशि विवाद समाप्त हो गया है। रोस्मार्टा ने दिवालियापन कार्यवाही की याचिका वापस ले ली है, जिससे दोनों कंपनियों के बीच तनाव कम हुआ है। इस मामले ने काफी सुर्खियाँ बटोरीं क्योंकि ओला पर ₹26 करोड़ की पेमेंट रोकने का आरोप था, जो कि इस विवाद का मुख्य कारण बना था।
विवाद की पृष्ठभूमि
ओला, जो कि एक प्रमुख भारतीय राइड-हेलिंग सेवा है, और रोस्मार्टा, जो कि एक टेक्नोलॉजी आधारित लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदाता है, के बीच वित्तीय विवाद की शुरुआत पिछले वर्ष हुई थी। ओला ने रोस्मार्टा को आपूर्ति की गई सेवाओं के लिए निर्धारित भुगतान करने में बाधा उत्पन्न की। इस कारण रोस्मार्टा पर दिवालियापन कार्यवाही की याचिका दायर करनी पड़ी, जिससे दिल्ली की उच्च न्यायालय में मामला पहुँच गया।
सुलह की प्रक्रिया
हाल ही में, दोनों कंपनियों के बीच बातचीत का एक दौर हुआ जिसमें उन्होंने आपसी समझौते से विवाद को हल करने पर सहमति व्यक्त की। रोस्मार्टा ने अपनी दिवालियापन याचिका वापस ले ली, जो कि अदालत में लंबित थी। यह सकारात्मक कदम दोनों कंपनियों के लिए कार्य संचालन में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर है।
भविष्य की संभावनाएं
इस सुलह के बाद, ओला और रोस्मार्टा अब एक नए सिरे से काम कर सकेंगे। उद्योग के अंदर इस विवाद का अंत एक संकेत है कि भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा के बीच भी सीमाएं तय की जा सकती हैं। दोनों कंपनियों का विकास अब उनकी रणनीतियों और नवाचार पर निर्भर करेगा।
News by indiatwoday.com Keywords: ओला, रोस्मार्टा, बकाया राशि विवाद, दिवालियापन कार्यवाही, पेमेंट रोकना, ₹26 करोड़, टेक्नोलॉजी लॉजिस्टिक्स, राइड-हेलिंग सेवा, कंपनियों के बीच समझौता, भारतीय परिचालकों का विवाद.
What's Your Reaction?






