कब्रों पर चढ़ाई गई 1640 मीटर की चादर, लहराया भगवा:आगरा में ताजमहल पर उर्स का आखिरी दिन, हिंदू महासभा ने भगवा झंडा लहराया
आगरा में ताजमहल पर उर्स के आखिरी दिन 1640 मीटर की सतरंगी चादर चढ़ाई गई। हजारों की संख्या में पर्यटकों ने ताजमहल में फ्री एंट्री ली। पर्यटकों के बीच धक्का मुक्की भी हुई। दूसरी तरफ उर्स के विरोध में अखिल भारत हिंदू महासभा की महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष भगवा झंडा लेकर ताजमहल पहुंची। पुलिस ने बैरियर पर ही महिला को पकड़ लिया। शाहजहां का उर्स रविवार को शुरू हुआ था। पहले दिन गुस्ल की रस्म हुई थी। तहखाने में शाहजहां और मुमताब की असली कब्रें दोपहर में अजान के बाद खोली गई थीं। दोपहर दो बजे से ही पर्यटकों के लिए फ्री एंट्री की व्यवस्था की गई थी। पहले और दूसरे दिन दोपहर में फ्री एंट्री हुई तो तीसरे दिन सुबह से ही पर्यटकों को फ्री एंट्री दी गई। तीसरे दिन पढ़ा गया फातिहा उर्स के तीसरे दिन तहखाने में कुरानख्वानी कर फातिहा पढ़ा गया। इसके बाद तवर्रुक वितरित किया गया। इसके बाद चादरपोशी व पंखे चढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ। जो पूरे दिन चला। उसके बाद खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी द्वारा सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक सतरंगी चादर चढ़ाई गई। इस साल 1640 मीटर लंबी चादर चढ़ाई गई है। चादर ढोल के साथ आई। हनुमान मंदिर से लेकर मुख्य मकबरे तक सैंकड़ों लोग चादर लेकर चले। भगवा झंडा लेकर पहुंची मीरा राठौर अखिल भारत हिंदू महासभा के महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर उर्स के विरोध में भगवा झंडा लेकर ताजमहल पहुंची। पश्चिमी गेट को जाने वाले रास्ते पर आरके फोटो बैरियर पर भगवा झंडा फहराकर शाहजहां के उर्स का विरोध किया। पुलिस ने वहीं मीरा को पकड़ लिया। बता दें कि हिंदू महासभा पिछले कई दिनों से उर्स के विरोध में प्रदर्शन कर रही है।
कब्रों पर चढ़ाई गई 1640 मीटर की चादर, लहराया भगवा: आगरा में ताजमहल पर उर्स का आखिरी दिन
आगरा का ताजमहल, जो प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, आज एक बार फिर सुर्खियों में है। उर्स का आखिरी दिन मनाते हुए, हिंदू महासभा ने यहाँ भगवा झंडा लहराया, जो एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक घटना के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान खास तौर पर 1640 मीटर लंबी चादर कब्रों पर चढ़ाई गई, जिसने इस स्थल की गरिमा को और बढ़ा दिया।
उर्स का महत्व और हिंदू महासभा की भागीदारी
उर्स इस्लामिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें श्रद्धालु संतों की कब्रों पर जाकर वहाँ चादर चढ़ाते हैं। इस वर्ष, हिंदू महासभा ने इस अवसर पर भगवा झंडा लहराकर एक नई परंपरा का आगाज किया। यह घटना न केवल एक धर्म विशेष की पहचान है, बल्कि विभिन्न धर्मों के बीच आपसी सम्मान और सौहार्द को भी दर्शाती है।
संस्कृति और परंपरा का संगम
इस कार्यक्रम का आयोजन दर्शाता है कि कैसे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएँ एक-दूसरे के साथ मनाई जा सकती हैं। कई श्रद्धालु इस अवसर पर पहुंचे। उन्होंने चादर चढ़ाते हुए और भगवा झंडा लहराते हुए इस ऐतिहासिक अवसर को खास बनाया। इस संदर्भ में, आगरा के ताजमहल की भव्यता ने पूरे आयोजन में चार चाँद लगा दिए।
आगरा में बढ़ती धार्मिक सहिष्णुता
आगरा में इस तरह के आयोजनों से धार्मिक सहिष्णुता का संदेश फैलता है। यह उदाहरण पेश करता है कि कैसे व्यापक धार्मिक संगम हमारी संस्कृति का अंग है। विभिन्न समुदायों के लोग मिलकर एक-दूसरे के त्यौहारों का सम्मान कर रहे हैं, जो आज के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है।
इस तरह के कार्यक्रम आगे चलकर न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी धार्मिक सद्भाव बढ़ाने में योगदान देंगे। यही नहीं, यह भी दर्शाते हैं कि विभिन्न धर्मों के बीच संवाद और सहकारिता का कितना महत्व है।
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