कलाकार होना ईश्वर की विशेष कृपा : डॉक्टर जीके गोस्वामी:लखनऊ में बसंत अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी का हुआ उद्घाटन

कला दीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका एवं द सेंट्रम लखनऊ द्वारा आयोजित बसंत अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन किया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ डॉक्टर जीके गोस्वामी, अपर पुलिस महानिदेशक एवं संस्थापक निदेशक उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि "कलाओं के सान्निध्य से मन पवित्र होता है और कलाकार होना ईश्वर की विशेष कृपा है।" प्रदर्शनी में देशभर के 21 नामी कलाकारों ने भाग लिया। सभी ने अपनी अनूठी शैली में बसंत और उसकी अनुभूति को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया। डॉक्टर अवधेश मिश्र, डॉक्टर लीना मिश्र, डॉक्टर राकेश कुमार मौर्य, रविकांत पांडेय, अपूर्व चौधरी, अनुराग गौतम, दीक्षा वाजपेई, भारत कुमार जैन, अर्चिता मिश्र, निधि चौबे, प्रशांत चौधरी, श्रद्धा तिवारी, रंजू कुमारी सहित कई अन्य कलाकारों की रचनाएं इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं। प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉक्टर लीना मिश्र ने बताया कि ‘कला दीर्घा’ भारतीय कला के विविध रूपों के दस्तावेजीकरण और प्रसार के लिए समर्पित है। यह कला पत्रिका अपनी उत्कृष्ट कला सामग्री के कारण भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है। बसंत ऋतु और कला का संगम बसंत ऋतु को भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान प्राप्त है। यह न केवल रंगों और उल्लास का प्रतीक है बल्कि कला, संगीत और साहित्य की देवी मां सरस्वती की उपासना का भी अवसर है। इस प्रदर्शनी में कलाकारों ने बसंत के रंगों को अपनी कृतियों में उतारकर प्रकृति के सौंदर्य को जीवंत बना दिया है। प्रदर्शनी 9 फरवरी तक द सेंट्रम, लखनऊ में दोपहर 12:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी।

Feb 3, 2025 - 19:59
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कलाकार होना ईश्वर की विशेष कृपा : डॉक्टर जीके गोस्वामी:लखनऊ में बसंत अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी का हुआ उद्घाटन
कला दीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका एवं द सेंट्रम लखनऊ द्वारा आयोजित बसंत अखिल भारतीय चि

कलाकार होना ईश्वर की विशेष कृपा : डॉक्टर जीके गोस्वामी

लखनऊ में बसंत अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन हाल ही में किया गया, जहां चित्रकला की अनगिनत सुंदरियों का प्रदर्शन देखने को मिला। इस मौके पर प्रमुख कलाकारों, कला प्रेमियों और शिक्षाविदों ने शिरकत की। डॉ. जीके गोस्वामी ने इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि "कलाकार होना ईश्वर की विशेष कृपा है," जो कि कलात्मकता और विचारों का सामाजिक दर्पण है।

लखनऊ में चित्रकला की रिवायत

लखनऊ, जिसमें समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, ने हमेशा कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया है। इस प्रदर्शनी में देशभर के विभिन्न कलाकारों ने अपनी उत्कृष्ट कृतियों के माध्यम से अपनी भावनाओं और विचारों को अभिव्यक्त किया। यह प्रदर्शनी न केवल कलात्मक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करती है बल्कि स्थानीय कलाकारों को एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करती है।

डॉ. जीके गोस्वामी का योगदान

डॉ. गोस्वामी ने भारतीय चित्रकला के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कला को समाज के लिए आवश्यक बताया और कहा कि यह केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। उनकी प्रेरणादायक बातें युवा कलाकारों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

प्रदर्शनी का महत्व

इस प्रकार की प्रदर्शनी न केवल दर्शकों के लिए एक विजुअल ट्रीट होती है बल्कि यह कलात्मक नज़रिए का अद्भुत अनुभव प्रदान करती है। इस साल के प्रदर्शनी में कई नई प्रतिभाओं ने भाग लिया और उन्होंने अपनी अनोखी कला शैली से सभी का ध्यान आकर्षित किया।

आगे का सफर

बसंत अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी अगले कुछ दिनों तक खुली रहेगी और कला प्रेमियों को अनुभव प्रदान करती रहेगी। यदि आप कला के प्रेमी हैं, तो निश्चित रूप से इस भव्य प्रदर्शनी का लाभ उठाइए।

अंत में, डॉ. जीके गोस्वामी का संदेश सभी कलाकारों के लिए प्रेरणादायक है कि कलाकार होना वास्तव में ईश्वर का आशीर्वाद है और सभी को अपनी कला को सम्मान देना चाहिए।

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