भूसे के ढ़ेर में कई घंटे दबा रहा बुजुर्ग:एटा में जानवरों के लिए भूसा निकालने गये थे, इलाज के दौरान हुई मौत

एटा में भूसा निकालने गए बुजुर्ग की ढ़ेर में दबने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि काफी देर तक दबे रहने के बाद जानकारी हुई तब परिजनों से अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सव को कब्जे में लेकर पंचनाम भर पोस्टमार्टम के लिे भेज दिया है। जानकारी के अनुसार बुजुर्ग रामसनेही निवासी दरबपुर अपने पशुओं के लिए दोपहर को बुर्जी से भूसा निकालने गए थे। तभी भूसे की बुर्जी खिसक गई जिसकी वजह से बुजुर्ग काफी समय तक भूसे में दबा रहा जब तक परिजन कुछ समझ पाते तब तक काफी देर हो चुकी थी परिजन भूसे से निकाल कर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है। मामले पर थाना प्रभारी पिलुआ ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक रिटायर्ड होमगार्ड्स है। पशुओं के लिए भूसा निकालने प्लास्टिक की बुर्जी से गया था तभी बुर्जी फट गई और बुजुर्ग दब गया जिससे उसकी मौत हो गई है।

Jan 9, 2025 - 18:10
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भूसे के ढ़ेर में कई घंटे दबा रहा बुजुर्ग:एटा में जानवरों के लिए भूसा निकालने गये थे, इलाज के दौरान हुई मौत
एटा में भूसा निकालने गए बुजुर्ग की ढ़ेर में दबने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि काफी देर तक दबे रह

भूसे के ढ़ेर में कई घंटे दबा रहा बुजुर्ग: एटा में जानवरों के लिए भूसा निकालने गये थे, इलाज के दौरान हुई मौत

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक बुजुर्ग की कहानी सभी को हिला देने वाली है। बुजुर्ग, जो जानवरों के लिए भूसा निकालने गए थे, भूसे के विशाल ढेर में कई घंटों तक दबे रहे। यह घटना न केवल उनकी जिंदगी को प्रभावित करती है, बल्कि यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे एक साधारण दिन गंभीर स्थिति में बदल सकता है।

घटना का विवरण

यह घटना तब घटित हुई जब 65 वर्षीय बुजुर्ग अपने खेत से जानवरों के लिए भूसा निकालने गए थे। अचानक, भूसे का ढेर गिर गया और वह उसके नीचे दब गए। जब तक स्थानीय लोग उनकी स्थिति का पता लगा सके, तब तक वह काफी समय तक दबे रहे। आखिरकार, उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस दुखद घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने हादसे की जानकारी ली और घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद वे ऐसे मामलों के लिए सुरक्षा उपायों पर विचार कर रहे हैं।

भूसे के ढेरों से सुरक्षा के उपाय

इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए, यह जरूरी है कि किसान और लोग सुरक्षा उपायों का पालन करें। भूसे के ढेर का सही तरीके से प्रबंधन करना और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखना अत्यंत आवश्यक है।

समाज पर प्रभाव

यह घटना न केवल उस परिवार के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक चेतावनी है। इस तरह की घटनाओं से यह समझ में आता है कि सुरक्षा का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है।

इस घटना के मद्देनजर, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी सुरक्षित रहें और अपने कार्यों में सावधानी बरतें।

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