कांगड़ा के बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग 7 दिन तक बंद:पायलटों की बनी यूनियन, धर्मशाला और कुल्लू में हुए हादसे के बाद लिया फैसला
हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग साइट बीड़ बिलिंग में सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सभी लाइसेंस धारक पैराग्लाइडिंग पायलटों ने एक यूनियन बनाने का निर्णय लिया है और इस दौरान 7 दिनों तक सभी उड़ानें स्थगित रहेंगी। यूनियन के प्रमुख नेता चमेल ठाकुर के अनुसार, यह फैसला पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। नए नियमों के तहत, एक पायलट को प्रतिदिन केवल दो उड़ानों की अनुमति होगी, जो दुर्घटनाओं की संभावनाओं को कम करने में मदद करेगा। साथ ही, वाहन चालकों को भी धीमी गति से चलने के निर्देश दिए गए हैं। लैंडिंग साइट चौगान में आयोजित बैठक में धर्मशाला और कुल्लू में हाल ही में हुई दुर्घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। पायलटों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वे अगले सात दिनों में एक व्यवस्थित योजना तैयार करेंगे, जो पर्यटकों और पायलटों दोनों के हित में होगी। कांगड़ा जिले की बिलिंग घाटी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध है, में यह नई व्यवस्था 14 फरवरी से लागू होगी। यह कदम न केवल सुरक्षा मानकों को बढ़ाएगा बल्कि बीड़ बिलिंग की प्रतिष्ठा को भी बनाए रखने में मदद करेगा। पायलटों का मानना है कि नियंत्रित और सुरक्षित पैराग्लाइडिंग गतिविधियां इस क्षेत्र के पर्यटन को फायदा पहुंचाएंगी।

कांगड़ा के बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग 7 दिन तक बंद
हाल ही में, कांगड़ा के बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग सेवा को एक सप्ताह के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय स्थानीय पायलटों की यूनियन द्वारा लिया गया है, जिसमें धर्मशाला और कुल्लू में हुए गंभीर हादसों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा कारणों का ख्याल रखा गया है।
पायलटों की यूनियन का गठन
बीड़ बिलिंग के पायलटों ने हाल ही में एक यूनियन का गठन किया है, जिसका उद्देश्य पैरा-ग्लाइडिंग गतिविधियों के दौरान सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना है। यूनियन के सदस्य यह समझते हैं कि पिछले कुछ समय में सुरक्षा उपायों में कमी आई है, जिससे हादसे बढ़ रहे हैं। इस कारण से, उन्होंने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है कि वे सात दिनों तक कोई पैराग्लाइडिंग फ्लाइट नहीं उड़ाएंगे।
धर्मशाला और कुल्लू में हुए हादसे
धर्मशाला और कुल्लू में हाल में हुए तीन घटनाओं ने सभी को झकझोर दिया है। इन हादसों में कई पायलट और पैराग्लाइडर्स घायल हुए हैं। इन घटनाओं ने पैराग्लाइडिंग के प्रति लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अब पायलटों की यूनियन ने तुरंत इस मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया है और अपनी सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम प्रयास करने का निर्णय लिया है।
भविष्य की योजना
पायलटों की यूनियन ने यह सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया है कि वे कड़े सुरक्षा मानकों का पालन करें और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करें। इस तरह की पहल से उम्मीद है कि आने वाले समय में हादसों की संख्या में कमी आएगी और पैराग्लाइडिंग फिर से सुरक्षित बन सकेगी।
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