कादिर राणा को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं:FIR निरस्त करने की दी थी याचिका, पूर्व सांसद की हो सकती है गिरफ्तारी
मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद कादिर राणा को इलाहाबाद हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में फिलहाल किसी भी तरह की कोई राहत देने से साफ इनकार कर दिया है, जिससे उनकी गिरफ्तारी की तलवार अभी भी लटकी हुई है। मामला मुजफ्फरनगर की वहलना चौक पर स्थित राना स्टील प्राइवेट लिमिटेड में जीएसटी टीम द्वारा की गई छापेमारी से जुड़ा है। इस छापेमारी के दौरान जीएसटी की टीम पर हमला किया गया था, जिसमें महिला अधिकारी के साथ अभद्रता और गाड़ी में तोड़फोड़ भी की गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने पूर्व विधायक शाहनवाज राणा, उनके भतीजे सद्दाम राणा और पूर्व सांसद कादिर राणा की दोनों बेटियों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, पूर्व सांसद कादिर राणा को गिरफ्तार नहीं किया गया था। पुलिस ने इस मामले में कादिर राणा का मुख्य सूत्रधार मानते हुए उन्हें बाद में आईपीसी की धारा 120बी के तहत आरोपी बनाया था। पूर्व सांसद कादिर राणा ने इस एफआईआर को निरस्त करने के लिए स्थानीय अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया, जहां कोर्ट ने फिलहाल कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। इस फैसले से कादिर राणा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि उनकी गिरफ्तारी की संभावना अब भी बनी हुई है। आपको ये भी बता दें कि जीएसटी टीम पर हमले के बाद से ही राणा बंधुओं की मुश्किलें बढ़ती चली गई थी। पूर्व विधायक शाहनवाज राणा अभी तक भी जेल में ही है। हालांकि इस मामले में उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन इसी दौरान उनके बेटे के खिलाफ सिविल लाइन थाने में फर्जी कंपनी के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। जैसे ही शाहनवाज राणा को जीएसटी टीम पर हमले के मामले में जमानत मंजूर की गई, ठीक उसी समय पुलिस ने बेटे पर दर्ज एफआईआर के मामले में उन्हें मुख्य साजिशकर्ता मानते हुए 120बी के तहत आरोपित कर दिया, जिस कारण उनकी रिहाई अटक गई और वो अभी तक भी जेल में ही बंद है। निचली अदालत से राहत ना मिलने की वजह से शाहनवाज राणा ने भी हाईकोर्ट का रुख किया हुआ है। इतना ही नहीं, पूर्व सांसद कादिर राणा के भाई मुर्सलीन राणा उर्फ पप्पू राणा के खिलाफ भी हाल ही में नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिस पर एक व्यापारी ने करीब 81 लाख की बकाया रकम ना देने और मांगने पर धमकी देने का आरोप लगाया था।

कादिर राणा को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं: FIR निरस्त करने की दी थी याचिका, पूर्व सांसद की हो सकती है गिरफ्तारी
हाल ही में कादिर राणा को राहत देने से इन्कार करते हुए हाईकोर्ट ने उनकी FIR निरस्त करने की याचिका को खारिज कर दिया है। यह नवीनतम निर्णय पूर्व सांसद के लिए एक बड़ा झटका बनकर आया है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएं अब और बढ़ गई हैं। कादिर राणा, जिन्हें राजनीति में एक विवादित व्यक्तित्व के रूप में देखा जाता है, उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिससे उनके समर्थन में मौजूद नेता भी जुड़े हुए हैं।
हाईकोर्ट का निर्णय: एक नजर
हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कादिर राणा की याचिका को सुनने के बाद, न्यायालय ने कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत सबूत पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने तर्क दिया था कि FIR निरस्त की जानी चाहिए, लेकिन न्यायालय ने इससे सहमति नहीं जताई। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि कानूनी प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है और उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रह सकती है।
मुख्य आरोप और मामले की पृष्ठभूमि
कादिर राणा के खिलाफ जिन आरोपों के चलते यह FIR दर्ज की गई थी, उनमें आपराधिक कृत्य और वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं। पूर्व सांसद पर यह आरोप भी है कि उन्होंने राजनीतिक लाभ लेने के लिए अवैध गतिविधियों में संलग्नता दिखाई। ऐसे में उन्हें उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने का आशय यह भी है कि उनके खिलाफ मामले के गंभीरता को कम करके नहीं आंका जा सकता।
वर्तमान स्थिति और आगे की संभावनाएँ
कादिर राणा की गिरफ्तारी की संभावनाओं के मद्देनजर, यह देखना होगा कि क्या वे अगले चरण में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे या कानूनी मदद के लिए अन्य विकल्प तलाशेंगे। यदि अदालत ने उनकी अपील को स्वीकार नहीं किया, तो उन्हें पुलिस की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
इससे पहले भी कादिर राणा राजनीति में विवादों का हिस्सा रहे हैं और इससे उनका व्यक्तिगत और राजनीतिक करियर दोनों प्रभावित हो सकता है।
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