कानपुर में ईओ और लिपिक में बहस हुई:पुरानी फाइल में हेराफेरी पकड़े जाने पर बाबू को दिया था नोटिस
कानपुर के घाटमपुर नगर पालिका कर्मचारी सुधरने को तैयार नहीं हैं। यहां पुरानी फाइल में हेराफेरी का मामला सामने आया तो लिपिक और ईओ में बहस हो गई। इसी दौरान लिपिक ने मामले से संबंधित व्यक्ति पर फोनकर दबाव बनाने का प्रयास किया। ईओ ने लिपिक को कारण बताओ नोटिस देकर कॉपी अध्यक्ष व कानपुर डीएम को भेजी है। ईओ ने नगर पालिका लिपिक को जारी किया कारण बताओ नोटिस घाटमपुर नगर के कोटद्वार मोहल्ला निवासी सूरजमुखी पत्नी राजेन्द्र प्रसाद ने शिकायत पत्र देकर नगर पालिका कर्मचारी करन सिंह पर भवन अभिलेखों में हेरा-फेरी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में बृजेन्द्र शुक्ला पुत्र हीरालाल शुक्ला ने मकान खरीदा था। और वर्ष 2013-14 में भवन नामान्तरण कराया था जो तब से दर्ज चला आ रहा है। और पालिका में भवन का दाखिल खारिज हो चुका है। आरोप लगाया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के रजिस्टर में कूटरचित ढंग से बृजेद्र शुक्ला का नाम फिर दर्ज किया गया। और पालिका आउटसोर्सिंग वसूली कर्मचारी नरेश कुमार से मौखिक रूप से कहकर रशीद कटवाई गई है। बाद में व्हाइटनर लगाकर कूटरचित इन्ट्री को छिपाने की कोशिश की गई है। साथ ही मांग कि है कि बृजेन्द्र शुक्ला पुत्र हीरालाल के नाम से काटी गई कूटरचित रशीद को निरस्त करने एवं दोषी कर्मचारी के विरूद्ध जांचकर कार्रवाई की जाए। इस मामले में लिपिक से ईओ ने मौखिक जवाब तलब किया तो दोनों के बीच हॉटटॉक भी हुई। जब दस्तावेज देखे गए तो शिकायत सही मिली। घाटमपुर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि करन सिंह लिपिक प्रभारी भवन डिमाण्ड की जांच में संलिप्तता पायी गई है। इसके चलते करन सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट की एक प्रतिलिप कानपुर डीएम को भेजी गई है।

कानपुर में ईओ और लिपिक का विवाद
कानपुर में एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है जिसमें कार्यकारी अधिकारी (ईओ) और लिपिक के बीच बहस हो गई। यह बहस उस समय हुई जब लिपिक को पुरानी फाइलों में हेराफेरी करने के मामले में नोटिस जारी किया गया। हाल ही में, फाइलों की जांच के दौरान कुछ गंभीर अनियमितताएं पाई गई थीं, जिससे विभाग में खलबली मच गई।
हेराफेरी का मामला
पूरे मामले की जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि लिपिक ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों में छेड़छाड़ की थी। यह कदम न केवल नियमों का उल्लंघन था, बल्कि इससे सरकारी कार्यों में भी रुकावट पैदा होने की संभावना थी। अधिकारीयों ने मामले को गंभीरता से लिया और लिपिक को उचित कारण बताने का नोटिस जारी किया।
कार्यवाही की दिशा
ईओ द्वारा जारी नोटिस के बाद, लिपिक को जवाब देने का अवसर दिया गया है। उन्हें आने वाले दिनों में अपने कार्यों के बारे में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। यह विवाद कानपुर में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ चल रही मुहिम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। प्रशासन के लिए यह आवश्यक है कि वे ऐसे मामलों की गहनता से जांच करें और सभी कर्मचारियों पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष
कानपुर में ईओ और लिपिक के बीच हुई यह बहस प्रशासनिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। ऐसे मामलों को सही दिशा में ले जाना और भविष्य में अनियमितताओं को रोकना सभी के हित में है। आगे की घटनाओं के लिए, 'News by indiatwoday.com' पर जुड़े रहें। Keywords: कानपुर में ईओ, लिपिक विवाद कानपुर, पुरानी फाइल हेराफेरी, बाबू को नोटिस कानपुर, सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़, कानपुर में प्रशासनिक कार्यवाही, ईओ और लिपिक की बहस, भ्रष्टाचार से लड़ने की मुहिम कानपुर
What's Your Reaction?






