काशी की गलियों में घूमी अभिनेत्री प्रीति जिंटा:मां संग बिना VIP प्रोटोकॉल के किया प्रयागराज से वाराणसी की यात्रा,माता-पिता की सेवा को बताया सबसे बड़ी सेवा
प्रीति जिंटा ने मां के साथ प्रयागराज से वाराणसी की धार्मिक यात्रा की। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने यात्रा का वीडियो शेयर किया और बताया कि भीड़ के बावजूद कोई परेशानी नहीं हुई, मां की खुशी सबसे बड़ी सेवा है। वीडियो के कैप्सन में उन्होंने लिखा - यह यात्रा कितनी रोमांचक रही। मां शिवरात्रि के लिए वाराणसी में हमारी महाकुंभ यात्रा को समाप्त करना चाहती थीं। इसलिए मैंने उनसे कहा, बेशक मां, चलो। जब हम वहां पहुंचे तो पता चला कि अधिक भीड़ के कारण कारों की अनुमति नहीं थी और एक पॉइंट के बाद सड़कें ब्लॉक थीं। इसलिए लोग पैदल चलकर काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर सकते थे। हमने तय किया कि हम वहां जाएंगे। आटों और रिक्शा से पहुंची मंदिर उन्होंने आगे लिखा - कार में बैठने से लेकर ऑटो रिक्शा और साइकिल रिक्शा तक हमने यह सब किया और बहुत कुछ किया, हम भीड़ में चलते रहे। यात्रा से अपने अनुभव शेयर करते हुए उन्होंने लिखा वाराणसी में भीड़ बहुत अच्छी थी। मुझे कभी भी कोई नकारात्मक चीज नहीं मिली और लोग मूल रूप से अच्छे हैं।भले ही यात्रा में हमें घंटों लग गए, लेकिन हमें कभी भी परेशानी महसूस नहीं हुई। इसके लिए आस्था की शक्ति और आसपास के लोगों की सामूहिक ऊर्जा का धन्यवाद। माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी सेवा बताया प्रीति जिंटा ने यह भी बताया कि उनकी मां पूरी यात्रा के दौरान बेहद खुश थीं और उनके अनुसार यही सबसे बड़ी ‘सेवा’ है। “मैंने अपनी मां को कभी इतना खुश नहीं देखा… वे चमक रही थीं। उन्हें देखकर मुझे एहसास हुआ कि सबसे बड़ी सेवा भगवान के प्रति नहीं, बल्कि अपने माता-पिता के प्रति है। दुख की बात है कि हमें उनकी कीमत तभी पता चलती है, जब हम माता-पिता बन जाते हैं। भले ही उन्होंने इस यात्रा की शुरुआत की थी, लेकिन आह्वान मेरा था – वे सिर्फ बहाना थीं। हम आधी रात को पहुंचे और आधी रात की आरती देखी। यह कुछ सेकंड के लिए था, क्योंकि कोई वीआईपी सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।”

काशी की गलियों में घूमी अभिनेत्री प्रीति जिंटा
हाल ही में, फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने अपने घरवालों के साथ बिना किसी VIP प्रोटोकॉल के वाराणसी की यात्रा की। यह यात्रा उनकी माता के साथ थी, जो उन्हें उनके बचपन की यादों में वापस ले गई। प्रीति जिंटा ने इस अवसर पर कहा कि माता-पिता की सेवा करना उनके लिए सबसे बड़ी सेवा है।
प्रयागराज से वाराणसी की यात्रा
प्रयागराज से वाराणसी की यह यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा थी, बल्कि यह एक पारिवारिक अवधि भी थी। प्रीति ने अपने प्रशंसकों को इस यात्रा की झलकियां सोशल मीडिया पर भी साझा की, जिसमें वह काशी की गलियों में घूमती नजर आईं। यह नजारा न केवल उनके लिए, बल्कि उनके फॉलोअर्स के लिए भी बेहद खास रहा।
काशी की संस्कृति और आस्था
काशी, जिसे वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, अपने सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां की गलियों में घूमते हुए प्रीति जिंटा ने शहर की संस्कृति और आस्था का अनुभव किया। उन्होंने कहा, "यहां आकर मेरे मन को शांति मिली है"। कबीर के पदों की गूंज और गंगा की धारा, हर किसी को एक विशेष अनुभव प्रदान करती है।
बिना VIP प्रोटोकॉल के यात्रा का महत्व
प्रीति जिंटा ने कहा कि बिना किसी विशेष सुरक्षा के यात्रा करने से वह आम लोगों के साथ जुड़ने का अनुभव कर सकीं। "यह मेरे लिए यादगार और भावनात्मक यात्रा थी," उन्होंने कहा। उनके इस कदम को एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिससे अन्य सेलिब्रिटी भी सीख सकते हैं।
इस प्रकार, प्रीति जिंटा की वाराणसी यात्रा न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण थी। माता-पिता की सेवा को प्राथमिकता देने का उनका संदेश स्वास्थ्य, रिश्ता और फिजूलखर्ची के खिलाफ है। यह यात्रा सभी को प्रेरित करती है कि हमें अपने परिवार के साथ समय बिताना कितना आवश्यक है।
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