गंभीर बोले- कप्तान खुलकर खेले तो इससे मैसेज जाता है:लोग खिलाड़ी के रन-एवरेज देखते हैं, हम देखते हैं मैच में कैसा इम्पैक्ट छोड़ा
भारत चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंच गया। मंगलवार को दुबई के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराया। जीत के बाद गौतम गंभीर से एक रिपोर्टर ने पूछा कि आने वाले समय में आप रोहित के करियर को कैसे देखते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मैं अभी से इस बारे में क्या कहूं? लेकिन, एक चीज कहूंगा कि अगर आपका कप्तान इस तरह के टेंपो में बल्लेबाजी करता है तो वह ड्रेसिंग रूम तक एक मैसेज पहुंचाता है। गंभीर ने आगे कहा कि कि आप एक्सपर्ट और जर्नलिस्ट हैं आप रन, औसत देखते हैं। हम यह देखते हैं कि उस खिलाड़ी ने मैच में कैसा इम्पैक्ट छोड़ा है। हम जिस तरह की क्रिकेट खेलना चाहते हैं अगर उसमें कप्तान अपने हाथ सबसे पहले खड़ा करता है तो फिर उससे बढ़कर बात नहीं हो सकती। या। रोहित बोले- मन मुताबिक टीम बनी जीत के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि मैं चाहता था कि प्लेइंग इलेवन में निचले क्रम तक बल्लेबाजी हो और हमारे पास 6 गेंदबाजी ऑप्सन हो। टीम चयन के दौरान इस पर चर्चा हुई कि ऐसी टीम बनाए जाए, जिसमें प्लेइंग 11 में 6 गेंदबाजी के विकल्प हो सके और 8 नंबर तक हमारे पास बल्लेबाजी क्रम हो। ऐसा ही हुआ। इसके लिए मैं सभी लोगों को श्रेय देता हूं। ऑस्ट्रेलिया ने अच्छा टारगेट दिया इस मैच में भारत को टॉस हार कर फील्डिंग करनी पड़ी थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 264 रन बनाए थे और टीम इंडिया को 265 रन का टारगेट दिया था। रोहित ने कहा कि यह उचित स्कोर था। हमें पता था कि हमें अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी। आखिरी गेंद तक कुछ भी निश्चित नहीं था। हमने बल्लेबाजी में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। हम बहुत शांत और संयमित थे। विकेट बेहतर दिख रहा था। पिच रिपोर्ट क्या है, हम उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहते थे। हम सिर्फ अच्छा क्रिकेट खेलना चाहते थे। रोहित ने की विराट कोहली की तारीफ की रोहित शर्मा ने विराट की पारी की तारीफ की। इस मैच में कोहली ने 84 रन की पारी खेली। रोहित ने कहा कि वह कई सालों से हमारी टीम के लिए ऐसा करते आ रहे हैं। हम बहुत शांत थे। हम वह बड़ी साझेदारी चाहते थे जो श्रेयस अय्यर और विराट कोहली ने की। फिर अंतिम ओवरों में हार्दिक पांड्या के शॉट बहुत महत्वपूर्ण थे। विराट बोले-यह पारी पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पारी जैसी थी प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने के बाद कोहली ने कहा कि यह पारी पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पारी जैसी थी। यह हालात को समझने और स्ट्राइक रोटेट करने की बात थी क्योंकि इस पिच पर साझेदारियां अहम थी। यह सब यहां के हालात पर निर्भर करता है। मेरी टाइमिंग और पिच पर रवैया यही था कि हड़बड़ी नहीं करनी है। जितने एक-एक रन मैने लिए हैं, वह मुझे सबसे ज्यादा खुशी दे रहे हैं। यह खेल दबाव के बारे में है। यह पूछने पर कि क्या वह अपने वनडे करियर के सर्वश्रेष्ठ दौर में हैं। कोहली ने कहा, मुझे नहीं पता। यह आप सोचो। मैने कभी इस पर फोकस नहीं किया। जब आप उन उपलब्धियों के बारे में नहीं सोचते तो वे मिल जाती हैं। अगर मैं शतक बनाता तो अच्छा रहता लेकिन जीत उससे महत्वपूर्ण है। मेरे लिए अब वो सब चीजें मायने नहीं रखतीं। यह खबर भी पढ़ें... भारत 5वीं बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में:ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराया, विराट प्लेयर ऑफ द मैच; फाइनल दुबई में होगा भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हरा दिया है। मंगलवार को टीम इंडिया ने 265 रन का टारगेट 48.1 ओवर में 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया। भारत की इस जीत के साथ तय हो गया कि चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल दुबई में खेला जाएगा। पूरी खबर

गंभीर बोले- कप्तान खुलकर खेले तो इससे मैसेज जाता है
भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण विचार साझा किया है। उन्होंने कहा कि जब कप्तान खुलकर खेलता है, तो इससे न केवल खेल का स्तर ऊँचा जाता है, बल्कि यह टीम के अन्य खिलाड़ियों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश बनाता है। समाचारों के अनुसार, गंभीर का मानना है कि खिलाड़ियों का प्रदर्शन केवल उनके रन-एवरेज से नहीं नापा जा सकता, बल्कि यह भी देखा जाना चाहिए कि मैच में उन्होंने कितना इम्पैक्ट छोड़ा।
कप्तानी का महत्व
गंभीर ने कप्तानों के रोल पर जोर देते हुए कहा कि एक कप्तान का ऐसा खेलना जरूरी है, जिससे पूरी टीम को प्रेरणा मिले। जब कप्तान खुद आक्रामक तरीके से खेलता है, तो वह न केवल अपने लिए बल्कि टीम के लिए भी सही दिशा तय करता है।
खिलाड़ियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन
कई बार, आंकड़े और रनों की संख्या खिलाड़ियों का असली प्रदर्शन नहीं दिखाते। गंभीर ने स्पष्ट किया कि अक्सर क्रिकेट में जीत या हार का निर्णय उस दिन के प्रदर्शन और खिलाड़ी की मानसिकता की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। इसलिए, मैच के दौरान खिलाड़ी का प्रदर्शन अधिक महत्वपूर्ण होता है।
टीम की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता
गंभीर ने आगे कहा कि टीम की मानसिकता को बढ़ाना चाहिए। जब एक कप्तान अपनी सोच और खेल के माध्यम से सकारात्मकता फैलाता है, तो यह एक बार एक बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाता है। ऐसे में अन्य खिलाड़ी भी अपने खेल को ऊँचा उठाने में सफल होते हैं।
इस प्रकार, गंभीर का यह विचार न केवल क्रिकेट के प्रति उनके गहरे ज्ञान का है, बल्कि यह एक नए दृष्टिकोण की ओर इशारा भी करता है कि कैसे पारंपरिक तौर पर क्रिकेट की सांकेतिक बातें बदलने की आवश्यकता है।
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