गाजियाबाद में गौकशी मामले में पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज:गौतस्करों से मिलीभगत के आरोप में चौकी प्रभारी और कांस्टेबल निलंबित, विभागीय जांच शुरू

मोदीनगर में गौकशी के एक गंभीर मामले में डीसीपी ग्रामीण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कलछीना चौकी प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह और बीट कांस्टेबल पवन कुमार को निलंबित कर दिया है। दोनों पुलिसकर्मियों पर गौतस्करों से मिलीभगत और कर्तव्य में लापरवाही का गंभीर आरोप है। ये घटना रविवार शाम की है, गांव जहांगीरपुर के जंगल में गौकशी की वारदात हुई और पशुओं के अवशेष मिले। इस घटना से आक्रोशित होकर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मोदीनगर-हापुड़ मार्ग पर जाम लगाकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि गौतस्करों का एनकाउंटर किया जाए। डीसीपी ग्रामीण सुरेन्द्र नाथ तिवारी ने स्वयं मौके पर पहुंचकर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और स्थिति को नियंत्रित किया। भोजपुर पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसीपी मोदीनगर कार्यवाहक श्वेता यादव के अनुसार, गौतस्करों की गिरफ्तारी के लिए कई पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही, निलंबित किए गए दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है, जिससे इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा सके।

Jan 14, 2025 - 10:15
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गाजियाबाद में गौकशी मामले में पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज:गौतस्करों से मिलीभगत के आरोप में चौकी प्रभारी और कांस्टेबल निलंबित, विभागीय जांच शुरू
मोदीनगर में गौकशी के एक गंभीर मामले में डीसीपी ग्रामीण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कलछीना चौकी प्र

गाजियाबाद में गौकशी मामले में पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज

गाजियाबाद, जहाँ हाल ही में गौकशी के मामले में पुलिस कर्मियों की भूमिका को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, इस मामले में चौकी प्रभारी और एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई गौतस्करों के साथ मिलीभगत के आरोपों के चलते की गई है। यह विकास गाजियाबाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और स्थानीय निवासियों के बीच चिंता बढ़ा रहा है।

गौकशी का मामला और पुलिस की भूमिका

गौकशी के मामलों में अक्सर विवाद होते हैं, और इस मामले ने भी कुछ ऐसे ही सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस को गौतस्करी की गतिविधियों के बारे में पहले से जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। चौकी प्रभारी और कांस्टेबल के निलंबन से यह स्पष्ट होता है कि विभागीय जांच में कुछ गंभीर तथ्य सामने आ सकते हैं। ऐसी घटनाएँ सभी पुलिस बलों पर गंभीर आरोप लगाती हैं और विश्वास को हानि पहुँचाती हैं।

निलंबन की प्रक्रिया

निलंबन का आदेश पुलिस विभाग द्वारा जारी किया गया है और अब इस मामले की विभागीय जांच शुरू की जाएगी। इस जांच में आरोपित पुलिसकर्मियों की भूमिका और उनकी गतिविधियों की गहन समीक्षा की जाएगी। संबंधित अधिकारी इस मामले की जांच को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द से जल्द सच सामने लाने के लिए प्रयासरत हैं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है। लोगों का आरोप है कि पुलिस को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी, ताकि गौतस्करों को सख्त सजा मिल सके। गाजियाबाद में इस प्रकार की घटनाएँ न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती देती हैं, बल्कि समाज को भी प्रभावित करती हैं।

आगे की कार्रवाई

पुलिस विभाग ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें कड़ी सजा मिलेगी। स्थानीय निवासी अब उम्मीद कर रहे हैं कि विभागीय जांच समय पर पूरी होगी और उनके अधिकारों तथा जीवन को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

इस प्रकार के मामलों की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे से इस प्रकार के मामलों में शामिल किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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