चंदौली जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की समस्या:रोज 80 मरीजों में से सिर्फ 40 की होती है जांच, बाकी को करना पड़ता है इंतजार
चंदौली के बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज से जुड़े जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा मरीजों की संख्या के अनुपात में काफी कम पड़ रही है। अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 700-800 मरीजों की ओपीडी होती है, जिनमें से 80 से अधिक मरीजों को अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता होती है। हालांकि, मौजूदा व्यवस्था में केवल 40 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड हो पाता है। मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा रेडियोलॉजिस्ट डॉ. कन्हैया के अनुसार, गंभीर और आपातकालीन मरीजों को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि सामान्य मरीजों को अगले दिन की तारीख दी जाती है। यह स्थिति मरीजों और उनके परिजनों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। कई मरीजों को मजबूरी में निजी केंद्रों का रुख करना पड़ता है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को 8 से 10 दिन तक का समय दिया जा रहा है, ताकि गंभीर मरीजों की जांच समय पर की जा सके। अल्ट्रासाउंड मशीन की सीमित क्षमता के कारण यह समस्या लगातार बनी हुई है, जिससे आम मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

चंदौली जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की समस्या
चंदौली जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा की कमी के कारण मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रोजाना लगभग 80 मरीज इस सेवा के लिए अस्पताल आते हैं, लेकिन केवल 40 मरीजों की ही जांच हो पाती है। यह स्थिति मरीजों को लंबी प्रतीक्षा अवधि का सामना करने के लिए मजबूर कर रही है।
अल्ट्रासाउंड की उपलब्धता
अल्ट्रासाउंड की जांच उन मरीजों के लिए आवश्यक है जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं। हालांकि, चंदौली के जिला अस्पताल में डॉक्टरों और मेडिकल उपकरणों की कमी के कारण केवल आधे मरीजों की ही जांच हो पाती है। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी हताशा और सीमित संसाधनों के कारण नई मरीजों के लिए इंतजार की समयसीमा बढ़ रही है।
मरीजों की परेशानियाँ
अल्ट्रासाउंड जांच का लंबा इंतजार मरीजों की मानसिक और शारीरिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है। कई मरीज तो तो दिनों तक अस्पताल में वापस आने के लिए मजबूर हो रहे हैं। यह चिंता का विषय है कि समय पर जांच नहीं होने से उनकी सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। मरीजों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
समस्याएँ और समाधान
चंदौली जिला अस्पताल के इस संकट के समाधान के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। अस्पताल प्रशासन को अतिरिक्त उपकरणों और कर्मचारियों की नियुक्ति पर ध्यान देना होगा, ताकि सभी मरीजों का समय पर इलाज हो सके। इसके साथ ही, अस्पताल में मरीजों की संख्या को नियंत्रित करने की योजना भी बनानी चाहिए, ताकि जांच प्रक्रिया सुचारू हो सके।
चंदौली जिला अस्पताल के अल्ट्रासाउंड मुद्दे पर सभी आवश्यक कदम उठाना न केवल मरीजों की भलाई के लिए बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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