चंदौली में प्रमासपा का धरना प्रदर्शन:प्रयागराज में आशा कार्यकर्ता से दुष्कर्म का विरोध, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

प्रगतिशील मानव समाज पार्टी (प्रमासपा) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को चंदौली जिला मुख्यालय के विकास भवन के पास धरना प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज में एक आशा कार्यकर्ता के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रमासपा के जिलाध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद बिंद ने आरोप लगाया कि आरोपियों के भाजपा से संबंध होने के कारण पुलिस कार्रवाई में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में चार लोगों द्वारा आशा कार्यकर्ता के साथ किए गए दुष्कर्म की जांच अभी तक ठोस नतीजों तक नहीं पहुंची है। पार्टी की कार्यकर्ता अनिता कुमारी ने भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि एक तरफ कुंभ में धर्म की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के कुछ लोग ऐसी घिनौनी हरकतें कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। धरने में मोहित लाल बिंद, गणेश बिंद, रामलाल बिंद, रामभजन बिंद, दशरथ बिंद, राम अवतार, पप्पू बिंद और सीताराम बिंद सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

Jan 16, 2025 - 16:45
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चंदौली में प्रमासपा का धरना प्रदर्शन:प्रयागराज में आशा कार्यकर्ता से दुष्कर्म का विरोध, दोषियों पर कार्रवाई की मांग
प्रगतिशील मानव समाज पार्टी (प्रमासपा) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को चंदौली जिला मुख्यालय के विक

चंदौली में प्रमासपा का धरना प्रदर्शन: प्रयागराज में आशा कार्यकर्ता से दुष्कर्म का विरोध, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

चंदौली जिले में आज प्रमासपा द्वारा एक बड़ा धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य प्रयागराज में एक आशा कार्यकर्ता के साथ हुए दुष्कर्म की घटना पर विरोध दर्ज कराना था। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने राज्य सरकार से न्याय की उम्मीद की और बलात्कार जैसी घटनाओं की तीव्र निंदा की।

धरने का मुख्य कारण

प्रयागराज में हुई इस दुखद घटना ने पूरे प्रदेश में आक्रोश पैदा कर दिया है। आशा कार्यकर्ता, जो स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उनके खिलाफ होने वाली इस तरह की घटनाएँ समाज के लिए बहुत चिंता का विषय हैं। प्रमासपा ने इन घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

सामाजिक संगठनों की भागीदारी

प्रदर्शन में विभिन्न सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा की रोकथाम के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत बताई। प्रदर्शनकारियों ने न्याय की मांग की और कहा कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए सरकार को गंभीरता से काम करना चाहिए।

स्थानीय सरकार की प्रतिक्रिया

धरने के दौरान स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उनकी मांगों को सुना। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता को समझा जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने सरकार के वादों पर विश्वास जताने में हिचकिचाहट दिखाई और कहा कि ठोस कदम उठाना आवश्यक है।

संबंधित मुद्दों पर चर्चा

आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ बढ़ते हमलों और दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने की आवश्यकता है। प्रदर्शनकारियों ने बलात्कार, महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले के खिलाफ एकजुटता दिखाई। उनके अनुसार, जब तक वास्तविक सुधार नहीं होता, तब तक ऐसे प्रदर्शन जारी रहेंगे।

समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए नागरिकों का भू-राजनीतिक दृष्टिकोण विकसित करना आवश्यक है। इसलिए, इस तरह के प्रदर्शन केवल विरोध के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं और समाज के लिए न्याय की मांग के लिए भी हैं।

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