जौनपुर के मुस्लिम समुदाय ने संगम स्नान की जताई इच्छा:अखाड़ा कमेटी से मांगी अनुमति, महाकुंभ जाएंगे आस्था की डुबकी लगाने
प्रयागराज में महाकुंभ में इस बार एक अनूठी पहल देखने को मिल सकती है। जौनपुर के दर्जनों मुस्लिम नागरिकों ने संगम स्नान की इच्छा जताते हुए प्रयागराज के अखाड़ा कमेटी से अनुमति मांगी है। विशाल भारत संस्थान के जिला वाइस चेयरमैन रेहान अहमद ने बताया कि जूना व उदासीन अखाड़े की ओर से संस्थान के सदस्यों को महाकुंभ में संगम स्नान के लिए निमंत्रण भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि वे अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरु जी के निर्देशानुसार कुंभ में शामिल होंगे। इस पहल को सामाजिक एकता और भाईचारे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। रेहान अहमद ने बताया कि वे अपना गोत्र खोजने की प्रक्रिया में हैं और गुरु जी के आशीर्वाद के बाद अपना टाइटल 'रेहान मोदनवाल' लिखेंगे। जन कल्याण सेवा संस्था के अध्यक्ष अफजल खान ने भी संगम स्नान की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि यह भाईचारे का संदेश देने का अच्छा अवसर होगा। योगी सरकार द्वारा महाकुंभ को भव्य बनाने के प्रयासों की भी सराहना की गई है। न्योता मिलने पर महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने जाएंगे मुस्लिम भाइयों को प्रयागराज महाकुंभ मेले में दुकान लगाने की इजाजत नहीं दिया जा रहा है। अगर हमें हमारे लोगों को महाकुंभ में सरकार व अखाड़ा कमेटी की तरफ न्योता मिला तो हम महाकुंभ में संगम स्नान करने व आस्था की डुबकी लगाने अवश्य जाएंगे। मोहम्मद समद कहते हैं कि महाकुंभ को लेकर हमलोगों के दिलों में बहुत उत्साह है। हम भी महाकुंभ में स्नान करने के लिए जाना चाहते हैं। क्योंकि कि मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं। हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा। हम अखाड़ा कमेटी से गुजारिश करना चाहूंगा। मुस्लिम बंधुओं को महाकुंभ में संगम स्नान करने की अनुमति दिया जाए। हमें संगम स्नान करने की अनुमति मिला तो जरूर जाऊंगा और अपने आप को भाग्यशाली समझूंगा। महाकुंभ में संगम स्नान करने के लिए जौनपुर के नौशाद अहमद दूबे के साथ-साथ अब दर्जनों मुस्लिम भाईजान आस्था की डुबकी लगाने के तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल अब देखना यह है कि महाकुंभ के अखाड़ा कमेटी की तरफ से इन जौनपुर के मुस्लिम भाईजान को न्यौता व जाने की अनुमति दिया जाता है या नहीं?

जौनपुर के मुस्लिम समुदाय ने संगम स्नान की जताई इच्छा
News by indiatwoday.com
आस्था और एकता का प्रतीक
हाल ही में, जौनपुर के मुस्लिम समुदाय ने महाकुंभ में संगम स्नान करने की इच्छा व्यक्त की है। यह एक ऐसा अवसर है जब विभिन्न धर्मों के लोग एकजुट होकर आस्था की डुबकी लगाने का संकल्प लेते हैं। इस कदम को एकता और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक माना जा रहा है।
अखाड़ा कमेटी से अनुमति की मांग
मुस्लिम समुदाय ने इस आयोजन के लिए अखाड़ा कमेटी से अनुमति मांगी है। इसका उद्देश्य न केवल अपने धार्मिक विश्वास को दर्शाना है, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता को भी बढ़ावा देना है। जौनपुर के स्थानीय नेताओं और धार्मिक हस्तियों ने इस पहल का समर्थन किया है।
महाकुंभ 2024 में शामिल होने की तैयारी
महाकुंभ, जो 2024 में आयोजित होने वाला है, भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जौनपुर के मुस्लिम समुदाय ने इस भव्य आयोजन में अपनी भागीदारी के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उनके इस साहसिक कदम से क्षेत्र में सकारात्मक संवाद और सहयोग की भावना बढ़ेगी।
धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा
इस प्रकार की गतिविधियाँ हमारे समाज में धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देती हैं। जौनपुर के मुस्लिम समुदाय की यह पहल समाज में एक नई सोच और अवसर को जन्म देती है। इस आयोजन में शामिल होकर वे यह सिद्ध करना चाहते हैं कि आस्था की कोई सीमा नहीं होती।
निष्कर्ष
जौनपुर के मुस्लिम समुदाय का संगम स्नान की इच्छा व्यक्त करना एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह धार्मिक विविधता और समानता का प्रतीक है, जो समाज को एकजुटता की ओर ले जाता है। अब हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस बदलाव को सकारात्मक बनाएँ और एक साथ आगे बढ़ें।
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