टोरेंट ग्रुप ने गुजरात टाइटंस 67% हिस्सेदारी खरीदी:IPL फ्रेंचाइजी ऑनर ने कन्फर्म किया; गवर्निंग काउंसिल की मंजूरी का इंतजार
अहमदाबाद स्थित भारतीय बिजनेस कंपनी 'टोरेंट ग्रुप' IPL टीम गुजरात टाइटंस का एक बड़ा हिस्सा खरीद है। टोरेंट ग्रुप, मौजूदा GT ओनर CVC कैपिटल पार्टनर्स से 67% हिस्सा खरीदेगी। CVC कैपिटल पार्टनर्स ने 2021 में इस टीम को खरीदा था। बुधवार को गुजरात टाइटंस के मालिक ने इसकी जानकारी दी। डील के बारे में फाइनल डिसीजन लीग का गवर्निंग काउंसिल करेगा। ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फंड कंपनी CVC ने GT को 5625 करोड़ रुपए में खरीदा था। इस टीम ने 2022 के अपने पहले सीजन में ही IPL खिताब जीता था और 2023 में रनर अप रहे। गुजरात की कप्तानी शुभमन गिल करते हैं। टोरेंट ने 2021 में भी बोली लगाई थी 2021 में जब दो नई IPL टीमों के लिए बोली लगाई जा रही थी, तब 9 कंपनियों में टोरेंट ग्रुप भी शामिल थी। उस समय ग्रुप ने अहमदाबाद के लिए 4653 करोड़ और लखनऊ के लिए 4356 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। इसके अलावा टोरेंट ने विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) में भी टीम खरीदने के लिए बोली लगाई थी। 2018 में जब दिल्ली डेयरडेविल्स (अब कैपिटल्स) का कुछ शेयर बिक रहा था, तब भी टोरेंट समूह ने कोशिश की थी। फाइनल डील गवर्निंग काउंसिल करेगा ‘हम 2021 में भी गुजरात टाइटंस फ्रेंचाइजी खरीदने की दौड़ में थे। 4,653 करोड़ रु. की बोली लगाई थी लेकिन तब चूक गए। इस बार सीवीसी ग्रुप और टोरेंट के बीच फ्रेंडली डील हो चुकी है। फरवरी में लॉक इन पीरियड खत्म होते ही ऑफिशियल डील साइन हो जाएगी।’ ये बयान है टोरेंट ग्रुप के एक सीनियर अधिकारी का। जो इस बात की पुष्टि करता है कि तीन साल पुरानी IPL की गुजरात फ्रेंचाइजी की नई बॉस अब गुजरात की ही कंपनी होगी। अहमदाबाद के टोरेंट ग्रुप और सीवीसी कैपिटल पार्टनर के बीच IPL फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटंस को टेकओवर करने का समझौता हो गया है। दोनों ग्रुप के सीनियर अधिकारियों के बीच यह डील फिलहाल ‘फ्रेंडली शेकहैंड’ के तौर पर हुई है। क्योंकि अभी टाइटंस का लॉक इन पीरियड चल रहा है। BCCI के नियमों के मुताबिक, लॉक इन पीरियड के दौरान कोई भी ग्रुप अपनी फ्रेंचाइजी को बेच नहीं सकता। टोरेंट 100% की जगह 67% हिस्सेदारी खरीदेगा दोनों ग्रुप से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीवीसी ग्रुप फ्रेंचाइजी की पूरी होल्डिंग बेचने के बजाय कंट्रोलिंग स्टैक ही टोरेंट ग्रुप को बेच रहा है, इसलिए टोरेंट ग्रुप 67% हिस्सेदारी खरीदेगा। सीवीसी ग्रुप ने 2021 में इसे 5,625 करोड़ रु. में खरीदा था। बता दें, अडाणी ग्रुप भी इस फ्रेंचाइजी को खरीदने की दौड़ में शामिल था। 2021 में अडाणी ग्रुप ने इसके लिए 5,100 करोड़ की बोली भी लगाई थी, लेकिन तब बाजी सीवीसी ग्रुप ने मार ली थी। IPL का 18वां सीजन 21 मार्च से शुरू होगा और 25 मई को फाइनल खेला जाएगा। इस सीजन में कुल 74 मैच खेले जाएंगे। गुजरात टाइटंस को खरीदेगा टोरेंट... टोरेंट के सूत्रों के मुताबिक लॉक पीरियड इसी महीने यानी फरवरी मध्य में खत्म हो जाएगा। 15 फरवरी तक यह डील हो जाएगी। डील कितने की हुई है, यह अभी गुप्त रखा गया है। मगर अनुमान है कि यह 6100 करोड़ से 7800 करोड़ रुपए तक हो सकती है। सीवीसी क्यों बेच रहा हिस्सेदारी लग्जमबर्ग का सीवीसी ग्रुप शेयर मार्केट के पैटर्न पर पूरी रणनीति बनाकर चल रहा है। यानी मुनाफा हो गया तो प्रॉफिट बुक करो और निकलो। 2021 में लगा था 2 नई टीमों के लिए बोली साल 2021 में IPLमें दो नई टीमों को जोड़ने के लिए दुबई में बिड लगाई गई थी। इसमें 6 शहर रेस में थे। अहमदाबाद और लखनऊ के अलावा कटक, गुवाहाटी, इंदौर और धर्मशाला का नाम शामिल था। दो टीमों को खरीदने के लिए कुल 22 बिजनेस घरानों ने दिलचस्पी दिखाई थी। इनमें अडाणी ग्रुप, इंग्लिश फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड का मालिक ग्लेजर परिवार, टोरेंट फार्मा, अरबिंदो फार्मा, आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप, हिंदुस्तान टाइम्स मीडिया ग्रुप, पूर्व सांसद नवीन जिंदल की जिंदल स्टील, रॉनी स्क्रूवाला और तीन प्राइवेट इक्विटी से जुड़े लोग शामिल थे। आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप ने लखनऊ की टीम को 7,090 करोड़ रुपए में खरीदा। वहीं CVC कैपिटल ने 5,166 करोड़ रुपए में अहमदाबाद की टीम खरीदी।

टोरेंट ग्रुप ने गुजरात टाइटंस 67% हिस्सेदारी खरीदी
गुजरात टाइटंस की IPL फ्रेंचाइजी के मालिक ने पुष्टि की है कि टोरेंट ग्रुप ने उनकी टीम में 67% हिस्सेदारी खरीदी है। यह कदम क्रिकेट जगत में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो आने वाले समय में गुजरात टाइटंस के प्रदर्शन और विकास को प्रभावित कर सकता है। इस अधिग्रहण ने भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) की दुनिया में हलचल मचा दी है और फ्रेंचाइजी से जुड़ी सभी आँखें अब गवर्निंग काउंसिल की मंजूरी पर टिकी हुई हैं।
टोरेंट ग्रुप का महत्व
टोरेंट ग्रुप का भारत में एक मजबूत वर्चस्व है और इस अधिग्रहण से यह स्पष्ट होता है कि वे खेल की दुनिया में भी अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहते हैं। टोरेंट ग्रुप ने कई सफल व्यवसायों के लिए पहचान बनाई है, और अब वे क्रिकेट के क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तत्पर हैं। इस साझेदारी से गुजरात टाइटंस को नए निवेश और संसाधनों का लाभ मिल सकता है, जो उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढ़ा सकता है।
गवर्निंग काउंसिल की मंजूरी
हालांकि, इस अधिग्रहण का अंतिम निर्णय गवर्निंग काउंसिल द्वारा मंजूरी पर निर्भर करता है। यदि यह मंजूरी मिल जाती है, तो यह नई रणनीतियों और प्रबंधन ढांचे के लिए रास्ता खोल सकता है। फ्रेंचाइजी के प्रबंधन को उम्मीद है कि यह कदम उनकी टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक साबित होगा।
इस महत्वपूर्ण विकास पर निगरानी रखने के लिए क्रिकेट प्रेमियों और विश्लेषकों की निगाहें लगी हुई हैं। इसके अलावा, अन्य फ्रेंचाइजी भी इस सौदे को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि टोरेंट ग्रुप का प्रवेश एक नई प्रतिस्पर्धा का संकेत हो सकता है।
सम्पूर्ण उद्योग के लिए यह एक सावधानीपूर्वक देखे जाने वाला क्षण है, क्योंकि IPL की दुनिया हमेशा से ही निवेश और विकास का नया उदाहरण प्रस्तुत करती रही है। आने वाले सीज़न में गुजरात टाइटंस का प्रदर्शन इस नई साझेदारी से कितना प्रभावित होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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