हिमाचल DGP पर पूर्व MLA ने गंभीर आरोप लगाए:रायजादा बोले- सरकार को अस्थिर करने की साजिश, केंद्र के इशारे पर कर्मचारियों के घर छापेमारी
हिमाचल प्रदेश के ऊना सदर से पूर्व कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने DGP अतुल वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ऊना में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रायजादा ने कहा कि डीजीपी केंद्रीय जांच एजेंसियों के इशारे पर हिमाचल सरकार को गिराने की साजिश कर रहे हैं। रायजादा ने कहा कि डीजीपी ने ऊना में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) के तीन सदस्यों के घरों पर रेड करवाई, जबकि मिला कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा कि डीजीपी के पास यदि इनपुट थे तो पुलिस के हाथ खाली क्यों रहे। STF ने की SIU सदस्यों के घर पर छापेमारी बता दें कि दो रोज पहले पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने SIU कर्मचारियों के घर की गई छापेमारी की थी। इस दौरान टास्क फोर्स के हाथ कुछ भी नहीं लगा, जबकि SIU सदस्यों पर माफिया के साथ मिलीभगत के आरोप थे। रायजादा बोले- केंद्र के इशारे पर सरकार अस्थिर करने की कोशिश कर रहे DGP रायजादा ने कहा कि केंद्र के इशारे पर यह सरकार को अस्थिर करने का प्रयास है। उन्होंने भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, सत्ती उनके होटल व्यवसाय को लेकर लगातार भ्रामक बयान दे रहे हैं। BJP विधायक को रायजादा की चेतावनी रायजादा ने चेतावनी दी कि अगर सत्ती अपने कारोबार का खुलासा नहीं करते हैं, तो वह खुद उनके व्यवसाय की जांच-पड़ताल कर जनता के सामने लाएंगे। उन्होंने सत्ती के परिवार पर अवैध खनन में संलिप्त होने का आरोप लगाया और कहा कि इससे जुड़े ऑडियो-वीडियो साक्ष्य लोगों के पास मौजूद हैं। इस विवाद ने हिमाचल की राजनीति में नया मोड़ ले लिया है, जहां एक तरफ भाजपा को सरकार के खिलाफ मुद्दा मिल गया है, वहीं कांग्रेस के नेता भी भाजपा और पुलिस पर हमलावर हो गए हैं। रायजादा बोले- DGP बताए छापेमारी में क्या मिला सतपाल रायजादा ने कहा कि डीजीपी द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसियों के इनपुट के आधार पर छापेमारी दर्शाता है कि हिमाचल पुलिस केंद्रीय जांच एजेंसियों के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि डीजीपी को यह सार्वजनिक करना चाहिए कि कर्मचारियों के घरों पर की छापेमारी से क्या हासिल हुआ है।

हिमाचल DGP पर पूर्व MLA ने गंभीर आरोप लगाए
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हालिया घटनाक्रम ने सभी का ध्यान खींचा है। पूर्व MLA ने हिमाचल के DGP पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक स्थिति पर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं। पूर्व MLA के अनुसार, यह आरोपों की एक श्रृंखला है जो सरकार को अस्थिर करने की साजिश के तहत उठाए गए हैं। इस घटना को लेकर रायजादा ने कहा है कि ये कार्रवाइयाँ केंद्र के इशारे पर की जा रही हैं।
सरकारी मामलों में गहरी-बुनी साजिश
रायजादा ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के इशारे पर सरकारी कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य सरकार को कमजोर करना है। इन आरोपों ने राज्य में राजनीतिक हलचलों को बढ़ा दिया है, और सभी की नज़रें इस बात पर हैं कि इस विवाद का क्या नतीजा निकलता है। कई राजनीतिक विश्लेषक इसे एक संगठित साजिश मानते हैं जो हिमाचल प्रदेश की स्थिरता को खतरे में डाल सकती है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस आरोप के बाद विपक्ष ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इसे हास्यास्पद करार दिया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यदि सरकार सही है, तो उसे इन आरोपों का सामना खुलकर करना चाहिए। वहीं, कुछ राजनैतिक जानकार मानते हैं कि ऐसे आरोप विवाद को और बढ़ा सकते हैं और राज्य की राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।
आगे की संभावनाएं
इस विवाद को देखते हुए आने वाले दिनों में राजनीति में और भी उठा-पठक देखने को मिल सकती है। राज्य सरकार ने इन आरोपों का सख्ती से खंडन किया है और इसे केवल राजनीतिक साजिशों का हिस्सा बताया है। हालांकि, इन घटनाओं से निपटने के लिए राज्य सरकार को एक ठोस रणनीति की आवश्यकता होगी।
यह मामला न केवल हिमाचल प्रदेश की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि यह केंद्र-राज्य संबंधों पर भी सवाल उठाएगा। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में इस गंभीर आरोप से क्या परिवर्तन आएगा, यह देखने की बात होगी।
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