तोगड़िया बोले-मोदी के बाद योगी-शाह और गडकरी:राम मंदिर के बाद काशी-मथुरा की बारी है; अपनी पॉलिटिकल एंट्री के सवाल का दिया जवाब
डॉ. प्रवीण तोगड़िया…कभी विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सबसे फायरब्रांड नेता माने जाते थे, लेकिन 2018 में समीकरण बदले और वीएचपी से अलग हो गए। इसके बाद डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) की स्थापना की। महाकुंभ पहुंचे तोगड़िया ने दैनिक भास्कर से बात की। कहा- राम मंदिर के बाद काशी-मथुरा की बारी है। उन्होंने माेदी के बाद पीएम के संभावित चेहरों में योगी, अमित शाह और नितिन गडकरी का नाम लिया। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: आज आप महाकुंभ में उपस्थित हैं। अब तक का आपका अनुभव कैसा रहा? जवाब: महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा मेला है, और करोड़ों लोग यहां स्नान करने आए हैं। गंगा मैया ने किसी की जाति, आर्थिक स्थिति या भाषा नहीं पूछी। यह हिंदू एकता का सबसे बड़ा उदाहरण है। करोड़ों लोगों के भोजन और ठहरने की व्यवस्था संतों, समाज और कहीं-कहीं सरकार ने भी की है। हमारी संस्था, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद, राष्ट्रीय बजरंग दल, राष्ट्रीय महिला परिषद, और ओजस्विनी के 5000 कार्यकर्ता सेवा में लगे हैं। अब तक 14 जगहों पर भंडारा लगाकर सवा करोड़ लोगों को भोजन कराया गया है। 27 तारीख तक यह सेवा जारी रहेगी। सवाल: महाकुंभ को दिव्य और भव्य बताया गया है। आपकी नजर में यह कितना दिव्य और भव्य रहा? जवाब: जब 110 करोड़ हिंदुओं में से 60 करोड़ लोग स्नान करते हैं, तो इसे भव्य कहा जाएगा। जहां किसी की जाति या गरीबी नहीं पूछी जाती, वह दिव्य होता है। संत, समाज, संगठन और सरकार मिलकर इसका प्रबंधन कर रहे हैं। विशेष रूप से सफाई, ड्रेनेज और पानी की व्यवस्था के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ जी की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस कुंभ की सेवा का पुण्य प्राप्त किया है। सवाल: जब आपका संगठन बना, तो आपके प्रमुख मुद्दे थे - गौरक्षा कानून, धारा 370 और राम मंदिर। अब आगे की क्या योजना है? जवाब: भगवान की कृपा से दो प्रमुख मुद्दे पूरे हो गए - राम मंदिर बन चुका है और धारा 370 हट चुकी है। अब गौरक्षा कानून बनेगा, काशी-मथुरा का मंदिर बनेगा, जनसंख्या नियंत्रण कानून आएगा, बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकाला जाएगा और कश्मीर घाटी में शांति स्थापित होगी। मुझे पूरा विश्वास है कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह और संघ मिलकर यह काम करेंगे, और इसमें मेरा पूर्ण सहयोग रहेगा। सवाल: मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ में करीब 37 लोगों की मौत हुई। इसे लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इस पर आपका क्या कहना है? जवाब: यह बहुत दुखद घटना है। एक भी व्यक्ति की मृत्यु हमारे लिए बड़ा नुकसान है। इसका जवाब सरकार दे सकती है, मैं नहीं। सवाल: कई श्रद्धालुओं को 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। इसे आप कैसे देखते हैं? जवाब: जब किसी स्थान की क्षमता 10 लाख लोगों की हो और वहां 10 करोड़ लोग आ जाएं, तो यह समस्या आना स्वाभाविक है। सरकार को वाहनों को रोकना पड़ा, जिससे लाखों लोगों को पैदल चलना पड़ा। यह निश्चित रूप से असुविधाजनक था, लेकिन इसका कोई आसान समाधान भी नहीं है। सवाल: 2025 के महाकुंभ का मुख्य संदेश क्या होगा? जवाब: हम हिंदू एक हैं और श्रेष्ठ हैं। तीन बच्चे हिंदू सच्चे – यह हमारा संदेश होगा। हम एक लाख गांवों में हनुमान चालीसा पाठ करेंगे और करोड़ों हिंदू परिवारों को जोड़ेंगे। कोई हिंदू भूखा न रहे, कोई बिना इलाज के न रहे – यह हमारा संकल्प है। सवाल: भगदड़ में मरने वालों की सूची सरकार ने जारी नहीं की, जिससे परिजन परेशान हैं। क्या आपको नहीं लगता कि यह सूची जारी होनी चाहिए? जवाब: सरकार इस पर बेहतर जवाब दे सकती है। मेरी प्राथमिकता कुंभ में आए लोगों को भोजन, कंबल और दवा उपलब्ध कराना था। मैंने सवा करोड़ लोगों को भोजन कराया और लाखों कंबल वितरित किए। सवाल: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चा है। आपको क्या लगता है, प्रमुख दावेदार कौन हो सकते हैं? जवाब: भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं में से कोई भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है। समय आने पर सबको पता चल जाएगा। सवाल: लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद संभावित नेता कौन हो सकते हैं? जवाब: इसका जवाब भाजपा देगी, मैं नहीं। लेकिन देश में कई योग्य नेता हैं- योगी आदित्यनाथ, अमित शाह, नितिन गडकरी जैसे कई नाम हैं। सवाल: 2018 में आपने वीएचपी से विदाई क्यों ली? जवाब: पुरानी बातें याद करना जरूरी नहीं है। मैंने संगठन से विदाई ली थी, हिंदुओं के दिलों से नहीं। मैं हिंदुत्व के लिए काम कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा। सवाल: एएचपी और वीएचपी में कितना अंतर है? जवाब: यह दो भाइयों की तरह हैं, जिनका व्यवसाय और व्यवहार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन लक्ष्य एक ही है- हिंदुत्व की सेवा। हम सभी संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे। सवाल: देशभर में कई मस्जिदों में खुदाई के दौरान मंदिरों के अवशेष मिलने के दावे किए जाते हैं। इस पर आपका क्या विचार है? जवाब: हमें विकास भी चाहिए और मंदिर भी। हम अपनी विरासत को नहीं भूल सकते। राम मंदिर बन चुका है, अब हमें हर हिंदू का घर राम मंदिर जैसा बनाना है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार भी उतने ही जरूरी हैं। सवाल: क्या आप राजनीति में आएंगे? जवाब: नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनकर देश के लिए काम कर रहे हैं, और मैं हिंदुओं के दिलों में रहकर सेवा कर रहा हूं। दोनों ही देश के लिए कार्य कर रहे हैं। ये भी पढ़ें... योगी बोले- गिद्धों को लाश, सूअरों को गंदगी नजर आई:महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसे वह मिला यूपी के सीएम योगी ने सोमवार को महाकुंभ पर विधानसभा में विपक्ष के हर सवालों के जवाब दिए। कहा- किसी ने सच कहा है कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला। गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली। संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, भक्तों को भगवान मिले। व्यापारियों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ-सुथरी व्यवस्था मिली। जिसकी जैसी नीयत थी, दृष्टि थी, उ

तोगड़िया बोले-मोदी के बाद योगी-शाह और गडकरी: राम मंदिर के बाद काशी-मथुरा की बारी है
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तोगड़िया का राजनीतिक बयान
हाल ही में, विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिसमें उन्होंने अपेक्षाकृत कम चर्चित राजनीतिक परिवर्तनों पर विचार किया। तोगड़िया ने कहा कि नरेंद्र मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ, अमित शाह और नितिन गडकरी भारतीय राजनीति में मुख्यधारा के नेता बन सकते हैं। उनका यह बयान उस समय आया है जब राम मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है।
काशी और मथुरा: अगली प्राथमिकता
तोगड़िया ने यह भी कहा, "राम मंदिर के निर्माण के बाद काशी और मथुरा की बारी है।” उनके अनुसार, यह धार्मिक स्थल भारतीय संस्कृति का अहम् हिस्सा हैं और इनका विकास करना आवश्यक है। उन्होंने धार्मिक स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए सरकार की रणनीतियों पर भी अपनी राय दी।
अपनी राजनीतिक एंट्री का सवाल
जब तोगड़िया से उनकी राजनीतिक एंट्री के संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति को बढ़ाना और समाज में जागरूकता फैलाना है। वे राजनीति में आने के लिए किसी चुनाव का इंतजार नहीं कर रहे हैं, बल्कि चाहते हैं कि समाज में सकारात्मक बदलाव आए।
राजनीतिक प्रभाव
तोगड़िया के इस बयान ने भारतीय राजनीति में सियासी हलचल पैदा कर दी है। यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि उनके विचार कई राजनीतिक समीक्षकों और समर्थकों के लिए किसी दिशा में संकेत देते हैं कि आगे की राजनीति कैसे विकसित हो सकती है।
सारांश
तोगड़िया के विचारों ने न केवल उनकी राजनीतिक राय को स्पष्ट किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि भारतीय राजनीति में हिंदू तत्त्वों का विभिन्न नेताओं के माध्यम से प्रभाव बना रहेगा। इसके साथ ही, राम मंदिर निर्माण के बाद अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों जैसे कि काशी और मथुरा के विकास के लिए भी एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
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