दलाई लामा के चीन को लेकर बड़े खुलासे:2019 तक चीनी नेताओं से था गोपनीय संपर्क, 11 मार्च को प्रकाशित करेंगे नई किताब

तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की नई पुस्तक 'वॉयस फॉर द वॉयसलेस' में पहली बार चीन के साथ उनके संघर्ष की पूरी कहानी सामने आएगी। यह किताब 11 मार्च को अमेरिका और ब्रिटेन में प्रकाशित होगी। इसमें दलाई लामा ने 19 साल की उम्र में माओ से मुलाकात से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग तक के साथ हुई बातचीत का विस्तृत विवरण दिया है। अब 90 वर्ष के करीब पहुंच रहे दलाई लामा ने इस पुस्तक में तिब्बत की संस्कृति, धर्म और भाषा को बचाने के लिए किए गए अपने प्रयासों का भी जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि 16 साल की उम्र में उन्होंने चीन का आक्रमण देखा और 17 नवंबर 1950 को तिब्बत का पूर्ण नेतृत्व संभाला। 2011 में उन्होंने राजनीतिक नेता का पद छोड़ दिया। दलाई लामा ने खुलासा किया कि चीनी सरकार के साथ औपचारिक बातचीत 2010 में बंद हो गई, लेकिन 2019 तक चीनी नेताओं से अनौपचारिक और गोपनीय संपर्क जारी रहा। यह पुस्तक ऐसे समय में आ रही है जब चीन वैश्विक स्तर पर अपनी सैन्य और आर्थिक शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। दलाई लामा का कहना है कि यह पुस्तक उनके बाद तिब्बती मुद्दे को आगे ले जाने वालों के लिए एक मार्गदर्शक का करेगी।

Jan 24, 2025 - 20:59
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दलाई लामा के चीन को लेकर बड़े खुलासे:2019 तक चीनी नेताओं से था गोपनीय संपर्क, 11 मार्च को प्रकाशित करेंगे नई किताब
तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की नई पुस्तक 'वॉयस फॉर द वॉयसलेस' में पहली बार चीन के साथ उनके

दलाई लामा के चीन को लेकर बड़े खुलासे

दलाई लामा, जो कि तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रमुख हैं, ने हाल ही में चीनी नेताओं के साथ अपने गोपनीय संपर्कों का एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। यह जानकारी आगामी किताब के माध्यम से दर्शाई जाएगी, जो 11 मार्च को प्रकाशित होने वाली है। इस पुस्तक में दलाई लामा एवम चीन के नेता के बीच 2019 तक जारी संपर्कों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है।

गोपनीय संपर्क का महत्व

दलाई लामा ने यह खुलासा करते हुए बताया कि उनके और चीनी नेताओं के बीच संवाद की एक प्रक्रिया थी, जो शांति और सहयोग के उद्देश्य से स्थापित की गई थी। उनके अनुसार, यह संवाद तिब्बत में शांति और सुधार लाने के लिए आवश्यक था। हालांकि, समय के साथ ये संवाद बंद हो गए, और इसके पीछे कई राजनीतिक कारण हो सकते हैं।

नई किताब के बारे में जानकारी

इस लेखक ने कहा है कि किताब में न केवल उनके व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया जाएगा, बल्कि इसमें चीन के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य का भी उल्लेख होगा। दलाई लामा का यह नया किताब पाठकों को एक नई दृष्टिकोण प्रदान करेगा, जो चीन-तिब्बत संबंधों की गहराई को समझने में मदद करेगा।

क्या निहित है इस खुलासे में?

यह खुलासा मीडिया में हलचल मचाने का काम कर सकता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो तिब्बत की राजनीति और चीन की नीति पर ध्यान दे रहे हैं। दलाई लामा के बयान को न केवल धार्मिक संदर्भ में देखा जा रहा है, बल्कि राजनीतिक रणनीतियों के संदर्भ में भी।

इसके आलावा, दलाई लामा ने इस पुस्तक के माध्यम से तिब्बती लोगों के अधिकारों के लिए समर्थन भी मांगा है, जो चीन के तहत संघर्ष कर रहे हैं।

इस प्रेस रिलीज के माध्यम से दलाई लामा ने चीन के साथ संबंधों की जटिलता को स्पष्ट किया है और आने वाली किताब लोगों को इस मुद्दे पर अधिक जागरूक करेगी।

News by indiatwoday.com

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