नशे की आदत से तंग युवक ने लगाई फांसी:कमरे में फंदे से लटका मिला शव, आए दिन परिजनों से होता था विवाद
हाथरस में 20 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना हाथरस गेट कोतवाली क्षेत्र के गांव अवरनपुर की है। मृतक की पहचान मकबूल के रूप में हुई है, जो मोहम्मद सफी का पुत्र था और बेलदारी का काम करता था। परिजनों के अनुसार, मकबूल शराब पीने का आदी था, जिसके कारण घर में अक्सर विवाद होता रहता था। इसी को लेकर उसने घर के अंदर ही फांसी लगा ली। जब परिवार के सदस्यों ने मकबूल को फांसी के फंदे पर लटका देखा, तो तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच-पड़ताल की और शव को फंदे से उतरवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पिता बोले- किसी से नहीं था विवाद मृतक के पिता मोहम्मद शफी का कहना है कि उनके अविवाहित बेटे का किसी से कोई विवाद नहीं था लेकिन वह शराब पीने का आदी था।इस घटना से पूरे परिवार में कोहराम मच गया।

शोक संतप्त परिवार
हाल ही में, एक युवक ने नशे की आदतों के कारण अपने घर में आत्महत्या कर ली। यह घटना एक त्रासदी की तरह फैली, जब युवक का शव उसके अपने कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया गया। यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक सदमा है।
परिवार में विवाद
परिजनों के अनुसार, युवक की नशे की आदतों को लेकर आए दिन घर में विवाद होते रहते थे। परिवार ने कई बार उसकी आदतों को छोड़ने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन उनके प्रयासों का कोई असर नहीं हुआ। इस प्रकार की घटनाएं आमतौर पर नशे के प्रभावों का स्पष्ट संकेत देती हैं, जिससे परिवारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
यह घटना समाज में नशे की आदतों से होने वाले खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को उजागर करती है। समुदाय के सदस्यों को इस मुद्दे के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए और ऐसे लोगों की मदद करने के उपाय खोजने चाहिए। नशामुक्ति केंद्रों और समर्थन समूहों का योगदान इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।
एक अंतहीन चक्र
इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे हम अपने समाज में नशे की आदतों से मुकाबला कर सकते हैं। युवा पीढ़ी को नशे के खतरों से अवगत कराने और उन्हें स्वास्थ्यकर विकल्पों की ओर प्रोत्साहित करने के प्रयासों को तेज किया जाना चाहिए।
समाज का दायित्व
समाज के हर सदस्य का दायित्व है कि वे अपने आसपास के लोगों की भलाई के लिए काम करें। एक सामूहिक समर्थन प्रणाली के माध्यम से, हम इस समस्या से न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामूहिक रूप से भी निपट सकते हैं। Keywords: नशे की आदत, युवक फांसी, परिवार विवाद, आत्महत्या, नशामुक्ति केंद्र, नशे के खतरे, समुदाय जागरूकता, शोक संतप्त परिवार, स्वास्थ्यकर विकल्प, समर्थन समूह.
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